agni5 missile test launch 4-6-18

अग्नि-दो बैलिस्टिक मिसाइल के यूजर ट्रायल का सफल परीक्षण

भारत ने 20 फरवरी को अग्नि-दो बैलिस्टिक मिसाइल के इस्तेमाल का सफल परीक्षण (यूजर ट्रायल) किया. यह परीक्षण ओडिशा तट के पास ‘डॉ अब्दुल कलाम द्वीप’ पर एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) के पैड 4 पर मोबाइल लॉन्चर से से किया गया. ‘डॉ अब्दुल कलाम द्वीप’ को पहले व्हीलर आईलैंड के नाम से जाना जाता था.
यह मिसाइल वर्ष 2004 में पहले ही सेना में शामिल की जा चुकी हैं और इसका इस्तेमाल सेना के 555वें मिसाइल समूह द्वारा किया जाएगा.
अग्नि-दो मिसाइल: एक दृष्टि

  • यह मिसाइल एक टन वजनी परमाणु सामग्री ले जाने में सक्षम है.
  • इस मिसाइल में ‘ठोस प्रणोदक’ इंधन प्रणाली का इस्तेमाल किया गया है.
  • यह 20 मीटर लंबी और एक मीटर परिधि वाली मिसाइल है जिसका वजन 17 टन है.
  • यह मिसाइल एक हजार किलोग्राम का भार ले जाने में सक्षम है.
  • इसकी मारक क्षमता 2-3 हजार किलोमीटर है.
  • इसे रोड़ मोबाइल और रेल मोबाइल लांचर से भी दागा जा सकता है.

निर्माण: अग्नि-2 को देश में ही एडवांस्ड सिस्टम्स लैबोरेटरी (एएसएल) ने रक्षा अनुसंधान विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल) और अनुसंधान केंद्र इमारत (आरसीआई) के सहयोग से विकसित किया है. मिसाइल को भारत डायनामिक्स लिमिटेड, हैदराबाद ने समेकित किया है. एएसएल मिसाइल विकसित करने वाली रक्षा शोध एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की प्रमुख प्रयोगशाला है.