फ्रांस ने क्रोएशिया को पराजित कर फुटबॉल विश्वकप का ख़िताब जीता

21वां फीफा विश्वकप 2018 का ख़िताब फ्रांस ने जीत लिया है. 15 जुलाई को खेले गये इस प्रतियोगिता के फाइनल में फ्रांस ने क्रोएशिया को 4-2 से पराजित कर यह ख़िताब अपने नाम किया है. फ्रांस दूसरी बार विश्वकप विजेता बनने का गौरव प्राप्त किया है. फ्रांस ने इससे पहले 1998 में विश्व कप जीता था. तब उसके कप्तान डिडियर डेसचैम्प्स थे जो अब टीम के कोच हैं. इस तरह से डेसचैम्प्स खिलाड़ी और कोच के रूप में विश्व कप जीतने वाले तीसरे व्यक्ति बन गये हैं. उनसे पहले ब्राजील के मारियो जगालो और जर्मनी फ्रैंक बेकनबऊर ने यह उपलब्धि हासिल की थी. फ्रांस ने यह विश्व कप ह्यूगो ल्लोरिस की कप्तानी में जीता है. उप विजेता रहा क्रोएशिया पहली बार फाइनल में पहुंचा था. क्रोएशिया ने लुका मोडरिच की कप्तानी में यह मुकाम हासिल किया.

21वां फीफा विश्वकप 2018 में मुख्य पुरस्कार और सम्मान

  1. फीफा ट्रॉफी: 21वां फीफा ट्रॉफी फ्रांस को दिया गया. उसने दूसरी बार यह ट्रॉफी प्राप्त किया है. साल 2014 में यह ट्रॉफी जर्मनी को दिया गया था.
  2. गोल्डन बूट: टूर्नमेंट में सबसे ज्यादा गोल करने के लिए इंग्लैंड के हैरी कैन को गोल्डन बूट दिया गया. उन्होंने 6 मैचों में 6 गोल किए थे. 2014 में यह पुरस्कार हामेस रोड्रिगेज (कोलंबिया) ने जीता था.
  3. गोल्डन बॉल: क्रोएशिया के कैप्टन लुका मोडरिच को गोल्डन बॉल पुरस्कार मिला. यह टूर्नमेंट के बेस्ट प्लेयर को दिया जाता है. साल 2014 में यह पुस्कार अर्जेंटीना के लियोनेल मेसी को मिला था.
  4. गोल्डन ग्लव्स: बेल्जियम के गोलकीपर थिबोउ कोर्टवा को गोल्डन ग्लव्स मिले. उन्हें टूर्नमेंट का बेस्ट गोलकीपर चुना गया है.
  5. फीफा यंग प्लेयर अवॉर्ड: फ्रांस के 19 वर्षीय एमबापे को फीफा यंग प्लेयर अवॉर्ड दिया गया. यह अवॉर्ड 2006 से शुरू हुआ था. टूर्नमेंट में भाग ले रहे 21 साल से कम के प्लेयर इसके दावेदार होते हैं. 2014 में यह अवॉर्ड पॉल पोग्मा (फ्रांस) को मिला था. वर्ल्ड कप में गोल करनेवाले एमबापे दूसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए. पहले नंबर पर पेले हैं, जिन्होंने ब्राजील के खेलते हुए 17 साल की उम्र में 1958 में गोल किया था.
  6. फेयर प्ले अवॉर्ड: फेयर प्ले अवॉर्ड स्पेन को दिया गया. कम से कम सेकंड राउंड तक पहुंचने वाली टीम इसकी दावेदार होती है. 2014 में यह कोलंबिया को मिला था.

जानिए फीफा विश्वकप की पूरी जानकारी

बिम्बलडन टेनिस 2018 पुरुष एकल का ख़िताब नोवाक जोकोविच ने जीता

बिम्बलडन टेनिस 2018 के पुरुष एकल का ख़िताब सर्बिया के नोवाक जोकोविच ने जीत लिया है. 15 जुलाई को खेले गये इस प्रतियोगिता के फाइनल में जोकोविच ने साउथ अफ्रीका के केविन एंडरसन को पराजित कर इस ख़िताब पर जीत दर्ज की. यह जोकोविच का चौथा विंबलडन खिताब है, जबकि ओवरऑल 13वां ग्रैंड स्लैम खिताब है. उन्होंने इससे पहले 2011, 2014 और 2015 में यह खिताब जीता था. केविन एंडरसन बिम्बलडन टेनिस के पुरुष एकल फाइनल में खेलने वाले पहले दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी बन गये हैं.

दक्षिण अफ्रीका में नेल्‍सन मंडेला की एक सौवीं जयंती मनाई जा रही है

दक्षिण अफ्रीका में नेल्‍सन मंडेला की एक सौवीं जयंती मनाई जा रही है. दुनिया भर में 18 जुलाई को नेल्‍सन मंडेला का जन्‍मदिन मनाया जाता है. नेल्‍सन मंडेला फाउंडेशन ने इस वर्ष लोगों से मंडेला के सिद्धांतों से प्रेरणा लेते हए बदलाव लाने का आह्वान किया है. पूर्व अमरीकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा 17 जुलाई को जोहान्‍सबर्ग में जयंती समारोह में उद्घाटन भाषण देंगे. नेल्‍सन मंडेला का 2013 में निधन हो गया था.


हैती के प्रधानमंत्री का अपने पद से इस्तीफा

हैती के प्रधानमंत्री जैक गाय ला फोंटेंट ने 15 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपने इस्तीफा देश में ईधन के दाम बढ़ाने की एक योजना की घोषणा के बाद भड़की हिंसा तथा लूटमार की घटनाओं के बाद दिया है. अगर वह इस्तीफा नहीं देते तो उन्हें अविश्वास मत का सामना करना पड़ सकता था.


22वें फीफा विश्व कप 2022 की जिम्मेदारी क़तर को

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 21वें फीफा विश्व कप फुटबाल टूर्नामेंट के आखिरी दिन 15 जुलाई 2018 को अगले विश्व कप की जिम्मेदारी क़तर को सौंप दी. क़तर ने 2022 में अगले विश्व कप की मेजबानी करनी है. पुतिन ने क्रैमलिन में एक समारोह में आधिकारिक विश्व कप फुटबाल फीफा के अध्यक्ष जियानी इन्फैन्टिनो को सौंपी जिन्होंने इसे कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल-थानी को सौंपा.


पीवी सिंधु थाईलैंड ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट 2018 की उपविजेता बनी

भारतीय बैडमिंटन खिलाडी पीवी सिंधु थाईलैंड ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट 2018 में महिला एकल की उपविजेता रहीं. बैंकाक में 15 जुलाई को खेले गये इस प्रतियोगिता के फाइनल में सिंधु को जापान की नोजोमी ओकुहारा ने पराजित कर ख़िताब की विजेता बनीं.


वैज्ञानिकों ने मलेरिया का इलाज करने के लिए एक नया टीका विकसित किया

वैज्ञानिकों ने मलेरिया का इलाज करने के लिए एक नया टीका विकसित किया है. दरअसल, मलेरिया के बैक्टीरिया शरीर में प्लाजमोडियम मैक्रोफेज माइग्रेशन इंहिबिटरी फैक्टर (पीएमआइएफ) नामक प्रोटीन उत्पन्न करते हैं. यह प्रोटीन संक्रमण से लड़ने वाली टी कोशिकाओं के प्रभाव को कम कर देता है. इससे बैक्टीरिया शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को कमजोर कर पाने में सफल हो जाता है. अमेरिका स्थित येल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि इस प्रोटीन का टीका लगवाने से व्यक्ति दुबारा मलेरिया से संक्रमित नहीं होगा. शोध के लिए वैज्ञानिकों ने आरएनए आधारित टीके का इस्तेमाल चूहों पर किया. इसकी वजह से मलेरिया से संक्रमित चूहों में ज्यादा मजबूत टी कोशिकाओं का निर्माण हुआ. फिर दो अलग-अलग प्रकार के मलेरिया पर पीएमआइएफ से बने टीके का इस्तेमाल किया गया जिससे दुबारा संक्रमण का खतरा शून्य हो गया. वैज्ञानिकों का कहना है कि भविष्य में यह टीका बच्चों को लगाया जाएगा जिससे वह मलेरिया के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेंगे.

देश-दुनिया: एक दृष्टि

सामयिक घटनाचक्र डेलीडोज

इज़राइल ने गाज़ा में बड़ा हवाई हमला किया: इस्राइली सेना ने 14 जुलाई को गाज़ा में हवाई हमला किया. 2014 के युद्ध के बाद यह सबसे बड़ा हमला था. इसके जवाब में हमास ने भी इस्राइल पर दर्जनों रॉकेट दागे.

पाकिस्तान में राष्ट्रीय शोक दिवस: पाकिस्तान सरकार ने बलूचिस्तान और ख़ैबर पख्तूनख्वा में किये गये आतंकी हमलों में लगभग 150 लोगों के मारे जाने के कारण 15 जुलाई को राष्ट्रीय शोक दिवस मनाया. पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री नसीरुल मुल्क ने गृह मंत्रालय को इस आशय की औपचारिक अधिसूचना जारी करने को कहा.

10 टिलियन डॉलर की हो जाएगी भारतीय अर्थव्यवस्था: आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने वर्ष 2030 तक भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 10 टिलियन डॉलर (मौजूदा डॉलर भाव के हिसाब से करीब 670 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच जाने की उम्मीद जताई है. उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ‘टेक ऑफ’ के चरण में है और वर्ष 2030 तक 10 टिलियन डॉलर के आकार के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने को तैयार है.

मातृभाषा को अनिवार्य बनाने की अपील: उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने सभी राज्य सरकारों से विद्यालयों में मातृभाषा की शिक्षा को अनिवार्य बनाने की अपील की. आंध्र शिक्षा सोसायटी के स्थापना दिवस कार्यक्रम में यहां उपराष्ट्रपति ने इस बात पर बल दिया कि भाषा से संस्कृति, मूल्य, नैतिकता और परंपरागत ज्ञान को मूर्त रूप प्रदान किया जाता है.