न्यायमूर्ति मुदगल द्रोणाचार्य और ध्यानचंद पुरस्कार चयन समिति के प्रमुख नियुक्त

सरकार ने न्यायमूर्ति मुकुल मुदगल को वर्ष 2018 के द्रोणाचार्य और ध्यानचंद पुरस्कार विजेताओं को चुनने के लिए चयन समिति का अध्यक्ष बनाया गया है. न्यायमूर्ति मुदगल पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश हैं. वह आईपीएल 2013 स्पाट फिक्सिंग प्रकरण में की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति के प्रमुख भी रह चुके हैं.

प्रत्येक वर्ष ‘खेल पुरस्कार’ महान हाकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन पर 29 अगस्त को प्रदान किया जाता है. लेकिन इस वर्ष एशियाई खेलों के साथ तारीखों में टकराव के कारण ये पुरस्कार 25 सितंबर को दिए जाएंगे.

चयन समिति: इस चयन समिति में 11 सदस्य होंगे. जिनमें राष्ट्रमंडल खेलों के पूर्व स्वर्ण पदक विजेता एयर पिस्टल निशानेबाज समरेश जंग और बैडमिंटन खिलाड़ी अश्विनी पोनप्पा को भी जगह मिली है. समिति में पूर्व राष्ट्रीय मुक्केबाजी कोच जीएस संधू, हाकी कोच एके बंसल और तीरंदाजी कोच संजीव सिंह के अलावा भारतीय खेल प्राधिकरण के विशेष महानिदेशक ओंकार केडिया और संयुक्त सचिव (खेल) इंदर धमीजा शामिल हैं. समिति में दो खेल पत्रकार और टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना के सीईओ कमांडर राजेश राजगोपालन को भी शामिल किया गया है.

किसे दिया जाता है पुरस्कार? चार वर्षों में लगातार असाधारण और शानदार काम करने के लिए कोचों को द्रोणाचार्य पुरस्कार दिया जाता है. ध्यानचंद सम्मान खिलाड़ियों को उनकी जीवन पर्यंत उपलब्धियों के लिए दिया जाता है जिसके सक्रिय करियर और संन्यास के बाद खेल को दिया योगदान शामिल है.

एचआईवी एड्स (रोकथाम व नियंत्रण) अधिनियम 2017 लागू

देश में 10 सितम्बर 2018 से एचआईवी एड्स (रोकथाम व नियंत्रण) अधिनियम 2017 लागू हो गया है. केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस अधिनियम के लागू होने की घोषणा की. संसद ने 11 अप्रैल 2017 को इस अधिनियम को पारित कर दिया था.

केंद्र सरकार ने ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस एंड एक्वायरड इम्यूनोडिफिशियेंसी सिंड्रोम (रोकथाम व नियंत्रण) अधिनियम 2017 की धारा 1 (3) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 10 सितंबर 2018 से इस अधिनियम को लागू किया है. यह अधिनियम उपचार, रोजगार और कार्यस्थल पर ऐसे लोगों के खिलाफ किसी तरह के भेदभाव को रोकता है.

राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव में नोटा का विकल्प नहीं देने की घोषणा

चुनाव आयोग ने राज्यसभा और विधान परिषद चुनावों के मतपत्रों से ‘उपर्युक्त में से कोई भी नहीं’ (नोटा) विकल्प को वापस लेने की 11 सितम्बर को घोषणा की. उच्चतम न्यायालय ने 21 अगस्त को अपने फैसले में राज्यसभा चुनाव के मतपत्र में नोटा के विकल्प को नहीं रखने के निर्देश दिए थे. लोकसभा और राज्य विधानसभाओं जैसे प्रत्यक्ष चुनावों में नोटा एक विकल्प के रूप में जारी रखा जा सकता है. इस फैसले के आलोक में चुनाव आयोग ने सभी राज्यों के प्रमुख निर्वाचन अधिकारियों को जारी एक आदेश में कहा, राज्यसभा चुनाव और विधान परिषद चुनाव में अब नोटा का विकल्प नहीं होगा.


संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन 2018 संपन्न

संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन 2018 का 10 सितम्बर को समापन हो गया. यह सम्मेलन थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में 4 सितम्बर से 9 सितम्बर तक आयोजित किया गया था. इस सम्मेलन में ‘पेरिस संधि’ पर हस्ताक्षर करने वाले 178 देशों और 140 गैर-सरकारी संगठनों ने इसमें भाग लिया. बैंकॉक सम्मेलन का लक्ष्य विभिन्न पक्षों के बीच सलाह मशविरे को मजबूत करना है.

पेरिस संधि क्या है? उल्लेखनीय है कि 2015 में करीब 200 देशों ने पेरिस में ‘पेरिस संधि’ पर हस्ताक्षर किए थे. इन देशों ने 2020 के बाद जलवायु परिवर्तन के मुकाबले के लिए वैश्विक व्यवस्था के आम ढांचे को निश्चित किया था. यह एक कानूनी अंतर्राष्ट्रीय संधि है.

24वें जलवायु परिवर्तन महासभा पोलैंड में: 24वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन महासभा दिसम्बर 2018 में पोलैंड के कटोविस में आयोजित किया जायेगा. इसमें एक मुख्य कार्य पेरिस संधि के ब्यौरे का बंदोबस्त करके इसके कारगर कार्यान्वयन को आगे बढ़ाना है.

देश-दुनिया: एक दृष्टि

सामयिक घटनाचक्र डेलीडोज

तालिबान ने अफगान सुरक्षा बलों को निशाना बनाया: तालिबान आतंकवादियों ने उत्तरी अफगानिस्तान के अलग-अलग हिस्सों में हमले कर अफगान सुरक्षा बलों को निशाना बनाया जिसमें उनके करीब 60 सदस्य मारे गए हैं. ये हमले ऐसे समय हुए हैं जब देश में 17 वर्ष से जारी हिंसा को समाप्त करने के लिए तालिबान के साथ शांति वार्ता के प्रयास जारी हैं.

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री अब्बासी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट: पाकिस्तान की एक अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के संबंध में एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक के ब्योरे का खुलासा करने के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी के खिलाफ जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. अब्बासी पर सुरक्षा प्रतिष्ठानों की मानहानि का आरोप है.

पूर्व प्रमुख डीजी वंज़ारा को बरी करने का फैसला बरकरार: बम्बई उच्च न्यायालय ने कथित सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में गुजरात आतंकरोधी दस्ते के पूर्व प्रमुख डीजी वंज़ारा सहित पुलिस के चार अधिकारियों को निचली अदालत से बरी करने के फैसले को बरकरार रखा है.