उच्चतम न्यायालय ने आधार को संवैधानिक रूप से वैध घोषित किया
उच्चतम न्यायालय ने ‘आधार’ पर दायर की गयी याचिका पर 26 सितम्बर को अपना फैसला सुनाया. अपने फैसले में न्यायालय ने केन्द्र सरकार की योजना ‘आधार’ को संवैधानिक तौर पर वैध करार देते हुए इसे जनहित में बताया. आधार योजना की संवैधानिक वैधता और इस लागू करने संबंधी 2016 के कानून को चुनौती देने संबंधी याचिकाओं पर न्यायालय ने यह फैसला दिया.
न्यायाधीशों की संविधान पीठ: यह फैसला प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 4-1 के बहुमत से सुनाई. इस पीठ में न्यायमूर्ति एके सीकरी, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति अशोक भूषण शामिल थे.
न्यायालय के फैसले के मुख्य बिंदु
- आधार योजना का लक्ष्य कल्याणकारी योजनाओं को समाज के वंचित तबके तक पहुंचाना है और वह ना सिर्फ व्यक्तिगत बल्कि समुदाय के दृष्टिकोण से भी लोगों के सम्मान का ख्याल रखती है.
- ‘आधार’ डिजिटल अर्थव्यवस्था का प्रतीक बन गया है और उसने आम आदमी के लिए कई रास्ते खोले हैं.
- लोकसभा में आधार विधेयक को धन वियेयक के रूप में पारित करने को सही ठहराया.
- आधार जनहित में बड़ा काम कर रहा है और आधार का मतलब है अनोखा और सर्वश्रेष्ठ होने के मुकाबले अनोखा होना बेहतर है.
- न्यायालय ने आधार अधिनियम की धारा-57 समाप्त कर दी, जिसके तहत निजी कम्पनियां आधार डाटा मांग सकती थी.
- जितनी जल्दी हो सके डाटा सुरक्षा की सशक्त व्यवस्था बनाई जानी चाहिए.
- न्यायालय ने कहा कि आधार कार्ड में ऐसा कुछ नहीं है जिससे व्यक्ति के निजता के अधिकार का उल्लंघन होता हो.
- संविधान पीठ ने सरकार को निर्देश दिया कि वह अवैध आव्रजकों को आधार नंबर नहीं दे.
आधार अनिवार्य है:
- पैन कार्ड को आधार नंबर से जोड़ना अनिवार्य है.
- आयकर रिटर्न भरने के लिए आधार लिंक करना अनिवार्य है.
- कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने और सरकार से मिलने वाली सब्सिडी लेने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है.
आधार अनिवार्य नहीं:
- बैंक खाते को आधार से जोड़ना अनिवार्य नहीं है.
- टेलीकॉम सेवा प्रदाता मोबाइल नंबर को आधार से लिंक करने को नहीं सकते हैं.
- सीबीएसई, नीट, यूजीसी आधार को अनिवार्य नहीं बना सकते हैं.
- स्कूलों में दाखिले के लिए आधार अनिवार्य नहीं है.
- आधार नहीं होने के कारण किसी भी बच्चे को किसी योजना के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता.
उल्लेखनीय है कि देश में अब तक 122 करोड़ लोगों के पास आधार है. सरकार ने अब कल्याणकारी योजनाओं आधार को अनिवार्य कर करीब 90 हजार करोड रुपए की बचत की है.
‘आधार’ को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ‘विशिष्ट पहचान’ कहता है. प्राधिकरण दावा करता है कि यह न केवल किसी व्यक्ति की पहचान का पुख्ता तरीका है बल्कि एक ऐसा उपकरण है जहां कोई व्यक्ति अन्य किसी दस्तावेज के बिना कोई लेनदेन कर सकता है.
न्यायालय की कार्यवाही का सीधा प्रसारण एवं वीडियो रिकॉर्डिंग की मांग को मंजूरी
सुप्रीम कोर्ट ने न्यायालय की कार्यवाही का सीधा प्रसारण एवं वीडियो रिकॉर्डिंग करने की मांग को अपनी सहमति का 26 सितम्बर को फैसला सुनाया. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने न्यायिक प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाये जाने को लेकर यह फैसला सुनाया.
उल्लेखनीय है कि न्यायालय ने यह फैसला कानून की छात्रा स्नेहिल त्रिपाठी, वरिष्ठ अधिवक्ता इन्दिरा जयसिंह तथा गैर सरकारी संगठन ‘सेन्टर फार अकाउण्टेबिलिटी एंड सिस्टेमिक चेन्ज’ द्वारा दायर याचिका पर सुनाई. याचिका में कहा गया था कि सभी महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग हो और उसे लाइव दिखाया जाए. अगर लाइव दिखाना संभव ना हो तो वीडियो को बाद में यू-ट्यूब पर अपलोड किया जाए.
न्यायालय के फैसले के मुख्य बिंदु
- अदालती कार्यवाही का सीधा प्रसारण से ‘जनता का जानने का अधिकार’ पूर होगा.
- यह न्यायिक कार्यवाही में पहले से अधिक पारदर्शिता लायेगा.
- पीठ ने कहा, कीटाणुओं के नाश के लिये सूरज की रोशनी बेहतरीन है.
- सीधा प्रसारण सेवा की शुरुआत वह अपने यहां (सुप्रीम कोर्ट) से करेगा.
- अदालतों में बढ़ती भीड़ कम करने के लिए ‘खुले कोर्ट’ की व्यवस्था लागू करना चाहता है.
भारत और मोरक्को के बीच आपसी रक्षा संबंध बढ़ाने पर सहमति
भारत और मोरक्को ने आपसी रक्षा संबंध और सुरक्षा सहयोग में बढ़ोतरी का 25 सितम्बर को संकल्प व्यक्त किया. दोनों देशों ने साइबर सुरक्षा और बाहरी अंतरिक्ष के इस्तेमाल के बारे में दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं. भारतीय रक्षा मंत्री निर्मला सीता रमण और भारत की यात्रा पर आए मोरक्को के रक्षा मंत्री अब्डेल्टिफ लोउदी के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता में यह सहमति बनी. दोनों मंत्रियों ने आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए सतह जलविज्ञान, शांति स्थापना और आतंकवाद की रोकथाम के उपाय करने जैसे क्षेत्रों की पहचान की. दोनों देशों ने जहाज बनाने के क्षेत्र में सहयोग करने पर भी सहमति व्यक्त की.
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73वें अधिवेशन में अमरीकी राष्ट्रपति का संबोधन
अमरीका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने 25 सितम्बर को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73वें अधिवेशन को संबोधित किया.
भारत के प्रयासों की सराहना: अपने संबोधन में उन्होंने लाखों नागरिकों को गरीबी से निकालकर मध्य वर्ग में लाने के भारत के प्रयासों की सराहना की. न्होंने भारत को मुक्त समाज बताते हुए विश्व के बेहतर साझा भविष्य के लिए काम करने वाले देशों का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया.
चीन के साथ व्यापार युद्ध: चीन के साथ व्यापार युद्ध का उल्लेख करते हुए श्री डोनल्ड ट्रंप ने कहा कि वे चीन के राष्ट्रपति षी चिनफिंग का सम्मान करते हैं, लेकिन व्यापार असंतुलन किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है.
ईरान मध्य-पूर्व में अफ़रा-तफ़री मचा रहा: ट्रंप ने ईरान से परमाणु समझौता रद्द करने के अपने फ़ैसले का भी बचाव किया. उन्होंने कहा कि ईरान का नेतृत्व अपने पड़ोसी देशों, उनकी सीमाओं और संप्रभुता का सम्मान नहीं करता. ईरान के नेता देश के संसाधनों का इस्तेमाल ख़ुद को अमीर बनाने और मध्य-पूर्व में अफ़रा-तफ़री मचाने के लिए कर रहे हैं. ईरान ने पूरे मध्य-पूर्व में अराजकता, मौत और विनाश का माहौल बनाया हुआ है.
महासचिव एंतोनियो गुतारेस से चर्चा: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए आतंकवाद, परमाणु हथियारों के प्रसार तथा अन्य खतरों समेत वैश्विक चुनौतियों से निपटने में अपने साझे हितों पर चर्चा की. ट्रंप संयुक्त राष्ट्र के कड़े आलोचक रहे हैं और कई मौकों पर उन्होंने 193 सदस्यीय संस्था के वित्तपोषण में अमेरिका पर पड़े आर्थिक बोझ की शिकायत की है. संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने के इतर गुतारेस से मुलाकात की.
चीनी उद्योग के लिए 4,500 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी
सरकार ने चीनी उद्योग के लिए 4,500 करोड़ रुपये के पैकेज को 26 सितम्बर को मंजूरी दी. इसमें चीनी मिलों को गन्ना के बकाये के भुगतान में सहयोग के लिए देश में इस समय चीनी के बेशी भंडार की समस्या के समाधान का प्रस्ताव है. मिलों पर गन्ना किसानों का इस समय करीब करीब 13,000 करोड़ रुपये का बकाया है. चीनी उद्योग को संकट से उबारने के लिए यह दूसरा सरकारी वित्तीय पैकेज है. इससे पहले जून में सरकार ने 8,500 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी.
कई वस्तुओं पर सीमा शुल्क बढ़ाने का फैसला
सरकार ने कई वस्तुओं पर सीमा शुल्क बढ़ाने का 26 सितम्बर को फैसला किया. गैर-आवश्यक वस्तुओं का निर्यात घटाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है. वित्त वर्ष में इन उत्पादों का कुल आयात बिल 86,000 करोड़ रुपए रहा था. सीमा शुल्क बढ़ाने के पीछे उद्देश्य आयातित वस्तुओं का आयात घटाना और घरेलु उत्पाद को बढाना है.
जिन वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ाया गया है उनमें जेट ईंधन, एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर वाशिंग मशीन, स्पीकर, रेडियल कार टायर, आभूषण उत्पाद, किचन और टेबलवेयर, कुछ प्लास्टिक का सामान तथा सूटकेस शामिल हैं.
लुका मोड्रिच को फीफा का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार
लुका मोड्रिच को वर्ष 2018 का फीफा का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार दिया गया है. लुका रीयल मैड्रिड क्लब और क्रोएशिया के मिडफील्डर हैं. उन्होंने अपने क्लब और देश दोनों की तरफ से शानदार प्रदर्शन किया. उनकी मौजूदगी में रीयल ने लगातार तीसरी बार चैंपियंस लीग जीती जबकि क्रोएशिया पहली बार विश्व कप फाइनल में पहुंचने में सफल रहा.
देश-दुनिया: एक दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र डेलीडोज
अरब मीडिया विशेषज्ञों का 5वां सम्मेलन: अरब देशों के मीडिया विशेषज्ञों का 5वां दो दिवसीय सम्मेलन 26 सितम्बर से शारजहा में शुरू हुआ. इसकी शुरुआत कुवैत के अरब मीडिया फोरम प्राधिकरण द्वारा की गई है. दो दिन के इस कार्यक्रम में संयुक्त अरब अमारात, जीसीसी और बृहत अरब जगत से सौ से अधिक प्रमुख पत्रकार, मीडिया व्यवसायी और वरिष्ठ अधिकारी इस सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं.
टी-72 टैंकों के लिए एक हजार इंजन खरीदने को मंजूरी: रक्षा खरीद परिषद ने सेना के टी-72 टैंकों के लिए एक हजार इंजन खरीदने की 26 सितम्बर को मंजूरी दी. इन पर 2300 करोड़ रुपए से अधिक की लागत आएगी. इन इंजनों से टी-72 टैंकों की क्षमता बढ़ेगी और ये युद्ध में अधिक कारगर साबित होंगे.
पदोन्नति में आरक्षण के फैसले को संविधान पीठ को भेजने से इंकार: उच्चतम न्यायालय ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण का लाभ देने संबंधी 2006 के न्यायालय के फैसले को सात न्यायाधीशों की संविधान पीठ को भेजने से इंकार कर दिया. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने एकमत से फैसला सुनाते हुए कहा कि किस पद पर पदोन्नति में रिज़र्वेशन देना है किसमें नहीं देना है ये राज्य सरकार तय करेगी.
आप के बीस विधायकों की याचिका नामंजूर: निर्वाचन आयोग ने लाभ के पद के मामले में गवाहों से जिरह करने की आम आदमी पार्टी विधायकों की याचिका नामंजूर कर दी है. आयोग आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की अयोग्यता के मामले की जांच कर रहा है. जनवरी 2018 में निर्वाचन आयोग ने संसदीय सचिव के लाभ के पद पर होने के कारण आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य करार दे दिया था. बाद में दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस आदेश को रद्द कर दिया था और निर्वाचन आयोग से मामले की नये सिरे से सुनवाई करने को कहा था.
आर्थिक वृद्धि दर 7.3% रहने का अनुमान: एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने 26 सितम्बर को कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में तेज वृद्धि जारी रहेगी. चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.3% रहने के अपने अनुमान को उसने बरकरार रखा है.