देश के पहले अंतर्देशीय जलमार्ग टर्मिनल का शुभारम्भ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 नवम्बर को वाराणसी (रामनगर) में गंगा नदी के तट मल्टी मॉडल जलमार्ग टर्मिनल का लोकार्पण किया. उन्होंने इस अबसर पर जलमार्ग टर्मिनल के पहले कंटेनर कार्गो काे हरी झंडी दिखायी और हल्दिया से आए व्यावसायिक पोत ‘आरएन टैगोर’ की अगवानी की. पहली खेप के तौर पर पेप्सिको का कंटेनर लेकर जलयान रामनगर में बंदरगाह के लिए 30 अक्टूबर को चला था. वाराणसी मल्टी मॉडल टर्मिनल देश का ‘राष्ट्रीय जलमार्ग-1’ है. इस टर्मिनल के बनने से पूर्वोत्तर और बंगलादेश तक जल परिवहन की सुविधा उपलब्ध होगी जिससे सड़क मार्ग पर बोझ कम होगा. टर्मिनल के निर्माण से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल के उद्योगों को वैश्विक बाजारों जुड़ने का अवसर मिलेगा.

क्या है जलमार्ग परियोजना? वाराणसी और हल्दिया के बीच गंगा नदी में 1383 किलोमीटर जलमार्ग विकसित किया जा रहा है. इस जलमार्ग पर चार टर्मिनल का विकास किया जा रहा है. वाराणसी के अलावा जो तीन टर्मिनल बन रहे हैं उसमें साहिबगंज, हल्दिया और गाज़ीपुर हैं. इस परियोजना को 5,369 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है. इस परियोजना को विश्व बैंक की सहायता से अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने तैयार किया है.

जलमार्ग का उद्देश्य: जलमार्ग को विकसित करने का उद्देश्य बंदरगाह आधारित प्रत्यक्ष और अप्रत्क्ष विकास को बढ़ावा देना है. जलमार्ग परिवहन का सबसे सस्ता माध्यम है. एक अनुमान के मुताबिक सड़क मार्ग से प्रति टन माल ढुलाई पर करीब 2 रुपये 60 पैसे प्रति किलोमीटर ख़र्च आता है. रेलमार्ग से ये ख़र्च 2 रुपये 41 पैसे, तो वहीं जलमार्ग से ये ख़र्च क़रीब 1 रुपये 6 पैसा प्रति किलोमीटर होता है. लिहाजा इस जलमार्ग के लोकार्पण से न केवल क्षेत्रीय विकास और नए रोजगार सृजन को गति मिलेगी, बल्कि देश की समूची अर्थव्यवस्था को भी सकारात्मक लाभ मिलेगा.

अंतर्देशीय जलमार्ग टर्मिनल: एक दृष्टि

  • वाराणसी मल्टी मोडल टर्मिनल को रिकॉर्ड 879 दिनों में बनाया गया है.
  • इस टर्मिनल की क्षमता 12.6 लाख टन प्रति वर्ष है.
  • यह देश का पहला जलमार्ग टर्मिनल है और देश में पहली बार व्यावसायिक जल परिवहन की शुरुआत हुई है.
  • स्वाधीनता के बाद पहली बार हल्दिया से 16 कंटेनर जहाज के जरिये वाराणसी पहुंचे.

आपराधिक मामलों में सहयोग के लिए भारत और मोरक्को में समझौता

भारत और मोरक्को ने आपराधिक मामलों के कानूनी पहलुओं में सहयोग के लिए 12 नवम्बर को एक सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किये. केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने भारत की ओर से और मोरक्को के न्याय मंत्री मोहम्मद औज्जर ने मोरक्को की ओर से इस समझौते पर हस्ताक्षर किये. इस समझौते से दोनों देशों के बीच सहयोग मजबूत बनेगा और अपराधों पर रोक, उनकी जांच और अभियोजन के लिए एक व्यापक कानूनी रूपरेखा तैयार करने में मदद मिलेगी. साथ ही आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाने वालों का पता लगाने और से जब्त करने में भी मदद मिलेगी.

वाराणसी में कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 12 नवम्बर को वाराणसी में कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत की. इन परियोजनाओं की लागत लगभग 2500 करोड़ रुपये है. शुरू किये गये परियोजनाओं में वाराणसी में प्रधानमंत्री ने रिंग रोड़ के पहले चरण का शुभारम्भ किया. इससे जाम की समस्या से निजात मिलेगी और प्रदूषण भी घटेगा. साथ ही बाबतपुर फोरलेन बनने से जौनपुर, सुलतानपुर और लखनऊ तक की यात्रा सुगम होगी. हरहुआ में एक फ्लाईओवर और तरना में रोड़ ओवर ब्रिज बनवाया गया, ताकि वाराणसी से हवाई अड्डा जाने में कम समय लगेगा. इससे बनारस घुमने आने वाले पर्यटकों को भी आसानी होगी.


12 नवम्‍बर: लोकसेवा प्रसारण दिवस

प्रत्येक वर्ष 12 नवम्‍बर को लोकसेवा प्रसारण दिवस मनाया जाता है. 1947 में 12 नवम्‍बर को राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी के आकाशवाणी दिल्‍ली स्‍टूडियो में पहली और अंतिम बार आने की स्‍मृति में प्रत्‍येक वर्ष यह दिवस मनाया जाता है. महात्‍मा गांधी ने विभाजन के बाद हरियाणा के कुरूक्षेत्र में अस्‍थाई रूप से आकर बसे विस्‍थापित लोगों को आकाशवाणी से संबोधित किया था.

देश-दुनिया: एक दृष्टि

सामयिक घटनाचक्र डेलीडोज

33वां आसियान सम्‍मेलन: 33वां आसियान सम्‍मेलन 13 नवम्बर से सिंगापुर में शुरू हुआ है. सिंगापुर के प्रधानमंत्री लीएच लूंग की अध्‍यक्षता में पांच दिन का यह सम्‍मेलन 15 नवम्‍बर तक चलेगा. इसके साथ ही पूर्व एशिया सम्‍मेलन, क्षेत्रीय व्‍यापक आर्थिक सम्‍मेलन और आसियान प्‍लस सम्‍मेलन भी होगा. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी का 14 और 15 नवम्‍बर को सिंगापुर में पूर्व एशिया सम्‍मेलन और संबंधित बैठकों में भाग लेने का कार्यक्रम है. वे फिनटेक सम्‍मेलन में अंतर्राष्‍ट्रीय मुद्रा कोष के प्रबंध निदेशक क्रि‍स्टीन लेगार्ड के साथ इस सम्‍मेलन को भी संबोधि‍त करेंगे.

सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समितियों पर आरोप: भारत ने संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समितियों की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि ये समितियां पारदर्शी नहीं हैं और इनमें जवाबदेही की कमी है. भारत ने कहा है कि ये समितियां आतंकवादियों को प्रतिबंधित करने के अनुरोधों को नहीं मानने के कारणों को कभी नहीं बताती हैं. भारत की यह आलोचना चीन के संदर्भ में है जो पाकिस्‍तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्‍मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी के तौर पर सूचीबद्ध कराने के भारत के प्रयासों को लगातार बाधित कर रहा है.

खुदरा महंगाई दर 3.31 फीसद: अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर 3.31 फीसद पर रही. सितंबर महीने में खुदरा महंगाई दर 3.77 फीसद रही थी. इस दौरान घरेलू मंहगाई दर 7.07 फीसद से घटकर 6.55 फीसद पर आ गई, जबकि सब्जियों की मंहगाई दर -4.15 फीसद से घटकर -8.06 फीसद रही. वहीं दालों की मंहगाई दर भी -8.58 फीसद से घटकर -10.28 फीसद पर आ गई.

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने सू ची से वापस लिया सम्मान: एमनेस्टी इंटरनेशनल ने म्यामां की सर्वोच्च नेता आंग सान सू ची से अपना सर्वोच्च सम्मान ‘एंबेसडर ऑफ़ कन्साइन्सस अवॉर्ड’ वापस ले लिया है. म्यामां की सर्वोच्च नेता और नोबेल पुरस्कार विजेता सू ची को साल 2009 में इस सम्मान से नवाज़ा गया था, उस वक़्त सू ची अपने घर में नज़रबंद थीं. मानवाधिकार के लिए काम करने वाली संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल का कहना है कि रोहिंग्या अल्पसंख्यकों के मामले में उनकी चुप्पी बेहद निराश करने वाली रही है.