श्रीलंका में नवनियुक्त प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे की कैबिनेट ने सरकार में पदभार संभाला

श्रीलंका में नवनियुक्त प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे की कैबिनेट ने 30 अक्टूबर को सरकार में पदभार संभाल लिया है. राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने नए मंत्रिमंडल को शपथ दिलायी जिसमें श्री राजपक्षे का नाम वित्त एवं आर्थिक मामलों के नए मंत्री के रूप में है. नए मंत्रिमंडल में 12 मंत्री हैं, जिनमें एक राज्यमंत्री और एक उप मंत्री है. नए मंत्रियों में तीन वे भी हैं जो श्री विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) से दल बदलकर आए हैं. साथ ही राष्ट्रपति श्री सिरीसेना ने संसद को 16 नवंबर तक के लिये स्थगित कर दिया है.

श्रीलंका में राजनीतिक संकट: श्रीलंका में 27 अक्टूबर 2018 को उस समय राजनीतिक संकट गहरा गया था जब राष्ट्रपति सिरिसेना ने औचक फैसले में प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे को बर्खास्त कर दिया. उन्होंने महिंदा राजपक्षे को नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया. राष्ट्रपति सिरिसेना ने राजपक्षे के लिए समर्थन जुटाने की कोशिश में संसद को भी निलंबित कर दिया.

राजनीतिक संकट की वजह: श्रीलंका में बर्खास्त प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की पार्टी यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) ने राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना पर तख्तापलट का आरोप लगाते हुए इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरु किया है. यूएनपी ने तत्काल संसद सत्र बुलाने और लोकतंत्र बहाल करने की मांग की. श्रीलंका की संसद के स्पीकर कारु जयसूर्या ने रानिल विक्रमसिंघे को ही देश के प्रधानमंत्री के तौर पर मान्यता दी है. जयसूर्या ने विक्रमसिंघे को संसद में विश्वास मत साबित करने देने का राष्ट्रपति से अनुरोध किया है.

बहुमत के लिए 113 सदस्यों की जरूरत: 225 सदस्यीय संसद में विक्रमसिंघे की पार्टी के पास सबसे ज्यादा 106 सदस्य हैं, जबकि राजपक्षे की पार्टी के पास 95 सदस्य हैं. बहुमत के लिए 113 सदस्यों की जरूरत होती है.

श्रीलंका में संवैधानिक व्यवस्था क्या है? श्रीलंका में सरकार की सेमी-प्रेसीडेंशियल प्रणाली है जिसमें प्रधानमंत्री और कैबिनेट के साथ एक राष्ट्रपति होता है. देश की संसद के लिए प्रधानमंत्री जिम्मेदार होता है. श्रीलंका में राष्ट्रपति को अमेरिका में राष्ट्रपति से ज्यादा अधिकार प्राप्त हैं. यहां कार्यान्वय के अधिकार राष्ट्रपति के पास हैं. वह संसद सत्र बुला सकते हैं, निलंबित कर सकते हैं या सत्रावसान कर सकते हैं. राष्ट्रपति प्रधानमंत्री के साथ सलाह मशविरा कर कैबिनेट की नियुक्ति करते हैं.

श्रीलांकाई संवैधानिक पहलु: श्रीलंका में वर्ष 2015 में लागू 19वें संविधान संशोधन के अनुसार राष्ट्रपति के पास अपने विवेक से प्रधानमंत्री को हटाने का अधिकार नहीं है. प्रधानमंत्री को तभी हटाया जा सकता है, जब कैबिनेट को बर्खास्त किया जाए या प्रधानमंत्री इस्तीफा दें या प्रधानमंत्री संसद के सदस्य नहीं रहें. राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह पर ही किसी मंत्री को हटा सकते हैं.

श्रीलंका के प्रमुख नेता: दृष्टि

मैत्रीपाला सिरिसेना: मौजूदा राष्ट्रपति जिनके व्यापक राजनीतिक मोर्चा यूनाइटेड पीपुल्स फ्रीडम अलायंस ने गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया.

महिंदा राजपक्षे: दो बार राष्ट्रपति रह चुके हैं. मौजूदा राष्ट्रपति ने नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया है. चीन के समर्थक माने जाते हैं.

रानिल विक्रमसिंघे: यूएनपी के वरिष्ठ नेता हैं जिन्हें मौजूदा राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री पद से हटा दिया. विक्रमसिंघे भारत के समर्थक माने जाते है.

24वां भारत-इटली प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन 2018

भारत और इटली प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन का आयोजन 29-30 अक्टूबर 2018 को नई दिल्ली में किया गया. यह दोनों देशों के बीच होने वाली प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन का ये 24वां संस्करण था. इसका आयोजन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और भारतीय उद्योग परिसंघ ने किया था. सम्मेलन का उद्देश्य प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, संयुक्त उद्यमों, विकास और अनुसंधान तथा उद्योग और अनुसंधान संस्थानों की बाजार तक पहुंच सुगम बनाने में मदद करना है. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में दोनों के बीच संबंधों की 70वीं वर्षगांठ भी मना रहे हैं.

इटली के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा: इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली के प्रधानमंत्री ज्यूसेपे कॉन्टे 30 अक्टूबर को भारत यात्रा पर थे. वे सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर भारत आए थे. जून 2018 में पदभार ग्रहण करने के बाद इटली के प्रधानमंत्री ज्यूसेपे कॉन्टे की यह पहली भारत यात्रा थी. प्रधानमंत्री कॉन्टे ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की, जिसमें व्यापार, निवेश सहित कई विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने भारत-इटली प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन में भाग लिया.

जर्मनी की चांसलर ने अगले कार्यकाल में हिस्सा नहीं लेने का निर्णय लिया

जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने 2021 में अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद अगले कार्यकाल के लिए चुनाव में हिस्सा नहीं लेने का निर्णय लिया है. चांसलर के रूप में यह उनका अंतिम कार्यकाल होगा. बर्लिन में अपनी पार्टी मध्य-दक्षिणपंथी क्रिश्चियन डेमोक्रेट (सीडीयू) के नेताओं के साथ बैठक के बाद उन्होंने यह निर्णय लिया. उल्लेखनीय है कि सुश्री मर्केल पिछले 13 साल से जर्मनी की चांसलर हैं. वो पहली बार 2005 में इस पद पर काबिज हुईं जबकि 14 मार्च, 2014 को वह चौथी बार जर्मनी की चांसलर बनीं.


दिल्ली में खिलाड़ियों के लिए पांच प्रतिशत सीटें आरक्षित करने को मंजूरी

दिल्ली राज्य मंत्रिमंडल ने सभी सरकारी विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों और स्वायत्त निकायों में पांच प्रतिशत सीटें खिलाड़ियों के लिए आरक्षित करने के एक प्रस्ताव को 30 अक्टूबर 2018 को मंजूरी दी. दिल्ली सरकार में खिलाड़ियों की नियुक्ति के लिए व्यापक नियम या प्रावधान एक महीने के भीतर बनाया जाएगा और उसे शिक्षा निदेशालय द्वारा मंजूरी दी जाएगी.


31 अक्टूबर: सरदार वल्लभ भाई पटेल जयंती

31 अक्टूबर को लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती है. उनके जन्मदिन को ‘ऱाष्ट्रीय एकता दिवस’ के तौर पर मनाया जाता है. देश में राष्ट्रीय एकता की भावना का संचार करने के उद्देश्य से बीते 4 सालों से केन्द्र सरकार इस दिन ‘रन फॉर यूनिटी दौड़’ कार्यक्रम का आयोजन करती है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात में सरदार पटेल की पर विश्‍व की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी’ को राष्‍ट्र को समर्पित करेंगे. गु़जरात के नर्मदा किनारे केवाडिया में बने यह प्रतिमा 182 मीटर ऊंची है, जो कि दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बन गयी है.

देश-दुनिया: एक दृष्टि

सामयिक घटनाचक्र डेलीडोज

नारी शक्ति पुरस्कार-2018 के लिए आवेदन: महिला और बाल विकास मंत्रालय ने नारी शक्ति पुरस्कार-2018 के लिए आवेदन प्राप्त करने की तिथि 30 अक्टूबर से बढ़ाकर 30 नवम्बर कर दी है. यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाता है.

जन स्वास्थ्य पर पांचवां राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन: स्वास्थ्य क्षेत्र में अच्छी पद्धतियों और नवाचार के बारे में पांचवां राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन असम के काजीरंगा में आरंभ हुआ. मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा तीन दिन के इस सम्मेलन का उद्घाटन किया.

अमरिका में नागरिकता के नियमों में बदलाव: अमरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नागरिकता के नियमों में बदलाव करने जा रहे हैं. अमेरिका में रहने वाले गैर अमेरिकियों और अवैध प्रवासियों के बच्चों को अब जन्म लेने के आधार पर अमेरिकी नागरिकता नहीं मिलेगी. अमेरिकी संविधान का 14वां संशोधन अमेरिका में जन्मे बच्चों को अमेरिकी नागरिकता के अधिकार की गारंटी देता है.

डॉनल्ड ट्रंप भारत की गणतंत्र दिवस परेड में भाग नहीं ले पाएंगे: अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप अपनी व्यस्तताओं की वजह से अगले साल भारत की गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि के रूप में भाग नहीं ले पाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल वॉशिंगटन में वार्ता के दौरान ट्रंप को भारत आने का न्योता दिया था.