भारत ने अग्नि-4 मिसाइल का सफल परीक्षण किया

भारत ने 23 दिसम्बर को ‘अग्नि-4’ बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया. यह परीक्षण ओडिशा तट के पास ‘डॉ अब्दुल कलाम द्वीप’ पर एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) के पैड 4 से किया गया. ‘डॉ अब्दुल कलाम द्वीप’ को पहले व्हीलर आईलैंड के नाम से जाना जाता था. अग्नि-4 मिसाइल का यह सातवां परीक्षण था. भारत ने हाल ही में अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि-5’ का भी सफल परीक्षण किया था.

अग्नि-4 बैलिस्टिक मिसाइल: एक दृष्टि

  • अग्नि-4 (Agni-4) एक इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है.
  • यह अग्नि श्रृंखला की मिसाइलों में चौथा मिसाइल है. इसे पहले ‘अग्नि-2 प्राइम’ मिसाइल कहा जाता था.
  • इसको भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने विकसित किया है.
  • इसका पहला सफल परीक्षण 11 दिसंबर, 2010 को किया गया था.
  • इस मिलाइल में पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर लगे हैं. यह ठोस प्रणोदक द्वारा संचालित दो चरण वाली मिसाइल है.
  • इस मिसाइल की लंबाई 20 मीटर, व्यास 1.5 मीटर और इसका वजन 17 टन है.
  • यह परमाणु तथा परम्‍परागत, दोनों तरह के हथियार ले जाने में सक्षम है. अग्नि-4 1 टन तक हथियार ले जा सकता है.
  • यह मिसाइल जमीन से जमीन तक मार करने में सक्षम है. इसकी मारक क्षमता 3500 से 4000 किलोमीटर है.
  • इस मिसाइल में दुश्मान देश की एन्टी बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम को भेदने की क्षमता है. क्योंकि इस मिसाइल में राडर से बचने की क्षमता है जो इसे दुश्मान देश की एन्टी बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम से बचाती है.

निर्माण: अग्नि-4 को देश में ही एडवांस्ड सिस्टम्स लैबोरेटरी (एएसएल) ने रक्षा अनुसंधान विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल) और अनुसंधान केंद्र इमारत (आरसीआई) के सहयोग से विकसित किया है. मिसाइल को भारत डायनामिक्स लिमिटेड, हैदराबाद ने समेकित किया है. एएसएल मिसाइल विकसित करने वाली रक्षा शोध एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की प्रमुख प्रयोगशाला है.

उल्लेखनीय है कि पृथ्वी और धनुष जैसी कम दूरी तक मार करने में सक्षम मिसाइलों के अलावा भारत के बेड़े में अग्नि-1, अग्नि-2 और अग्नि-3 मिसाइलें हैं. इन्हें पाकिस्तान को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है. अग्नि-4 और अग्नि-5 मिसाइलों को चीन को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है.

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में स्मारक सिक्का जारी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 24 दिसम्बर को संसद भवन के एनेक्सी में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में 100 रुपए का एक स्मारक सिक्का जारी किया. इस सिक्के का वजन 35 ग्राम और त्रिज्या 2.2 सेंटीमीटर है. यह 50 पचास प्रतिशत चाँदी, 40 प्रतिशत ताँबा, पाँच प्रतिशत निकेल और पाँच प्रतिशत जस्ते से बना है. इस सिक्के के अग्रभाग पर बीच में अशोक स्तम्भ है जिसके नीचे ‘सत्यमेव जयते’ लिखा है. सिक्के के पीछे की तरफ श्री वाजपेयी का चित्र है. ऊपर के वृत्त पर वायीं ओर देवनागरी में और दाहिनी ओर अंग्रेजी में ‘अटल बिहारी वाजपेयी’ लिखा है अौर वृत्त के निचले हिस्से में अंग्रेजी के अंकों में ‘1924’ और ‘2018’ मुद्रित है. उल्लेखनीय है कि वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को हुआ था और इस वर्ष 16 अगस्त को उनका निधन हो गया था.

इंडोनेशिया में सुनामी का प्रकोप

इंडोनेशिया ने 22 दिसम्बर को भयंकर सुनामी का सामना किया. यह सुनामी सुन्‍डा जलडमरूमध्‍य के पास आया था. जकार्ता से 150 किलोमीटर से कम दूरी पर स्थित पेडंगलांग रीजेंसी, साउथ लामपुंग और सेरांग इस सुनामी से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र हैं. क्रेकाटोआ ज्‍वालामुखी फटने के बाद समुद्र के नीचे चट्टानें खिसकने के कारण यह सुनामी आई. उल्लखनीय है कि इससे पहले, सितम्बर 2018 में सुलावेसी में आए भूकंप और सुनामी में दो हज़ार लोगों की मौत हुई थी.


संयुक्त राष्ट्र ने यमन में पर्यवेक्षक भेजने का प्रस्ताव पारित किया

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने यमन के बंदरगाह शहर हुदयदाह में युद्धविराम की स्थिति पर नजर रखने के लिए पर्यवेक्षकों को तैनात करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. सुरक्षा परिषद ने ब्रिटेन की ओर से पेश किए गए मसौदे पर इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है.

उल्लेखनीय है कि यमन के परस्पर विरोधी पक्ष संघर्ष विराम पर सहमत हुए हैं. इस संघर्ष विराम में सऊदी अरब की अगुवाई वाले बलों और हूती शिया विद्रोहियों के बीच सहमति बनी है. यह संघर्ष विराम 18 दिसम्बर से अमल में आ गया है और इसमें हुदयदाह से लड़ाकों को हटाना शामिल हैं जो सहायता और खाद्य सामग्री के लिए एक प्रमुख रास्ता है. यह भुखमरी के मुहाने पर जी रहे लाखों लोगों के लिए जीवन रेखा है. सऊदी अरब और हूती शिया विद्रोहियों के बीच संघर्षविराम को चार साल से जारी संघर्ष को खत्म करने के लिए एक बेहतरीन मौके के तौर पर देखा जा रहा है.


भारत बना सातवां सबसे बड़ा शेयर बाजार

भारत दुनिया का सातवां सबसे बड़ा शेयर बाजार बन गया है. उसने यूरोप की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी के स्टॉक मार्केट को पीछे छोड़ कर यह सफलता हासिल किया है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन के मार्च 2019 में यूरोपीय संघ छोड़ने के बाद फ्रांस ही अब सात सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में एकमात्र यूरोपीय देश रह गया है. अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव, फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की चुनौती के बावजूद भारत ने यह मुकाम हासिल किया है.

भारत का बेंचमार्क एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स का आकार पिछले साल की तुलना में पांच फीसदी बढ़ा है. वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, जर्मनी की जीडीपी में निर्यात का 38% योगदान है, जबकि भारत में यह महज 11%. इससे पता चलता है कि भारतीय बाजार में तेज़ी का कारण बढ़ती घरेलू मांग है. भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है.


भारत की वेदांगी कुलकर्णी साइकिल से विश्‍व भ्रमण करने वाली सबसे तेज एशियाई महिला बनीं

भारत की वेदांगी कुलकर्णी साइकिल से विश्‍व भ्रमण करने वाली सबसे तेज एशियाई महिला बनाने में सफलता पाई हैं. उन्होंने 29 हजार किलोमीटर साइकल चलाकर दुनिया घूमने की मानक दूरी को पूरा कर यह सफलता पाई है. वेदांगी ने 23 दिसम्बर को कोलकाता में साइकल चलाकर यह यात्रा पूरी की.

वेदांगी ने इस सफर की शुरुआत जुलाई 2018 में पर्थ से की थी और इस रेकॉर्ड को पूरा करने के लिए वह ऑस्ट्रेलिया के इस शहर में वापस जाएंगी. इस यात्रा में उन्होंने 14 देशों का सफर किया और 159 दिनों तक रोजाना लगभग 300 किलोमीटर साइकल चलायी.


‘राष्ट्रीय एकता’ के लिए एक नया राष्ट्रीय सम्मान शुरू करने की घोषणा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पद्म पुरस्कारों की तर्ज पर ‘राष्ट्रीय एकता’ के लिए एक नया राष्ट्रीय सम्मान शुरु करने की घोषणा की है. यह वार्षिक पुरस्कार उस व्यक्ति को दिया जाएगा जिसने किसी भी तरीके से राष्ट्रीय एकता में योगदान दिया हो. इसकी घोषणा हाल ही में गुजरात में नर्मदा जिले के केवड़िया में देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा के समीप संपन्न हुए पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों के वार्षिक सम्मेलन में की गयी.

देश-दुनिया: एक दृष्टि

सामयिक घटनाचक्र डेलीडोज

दावोस में विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक: वित्त मंत्री अरुण जेटली तथा केंद्रीय मंत्रिमंडल में उनके दो सहयोगी अगले महीने स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक में भाग लेंगे. इस बैठक में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित तीन राज्यों के मुख्यमंत्री तथा भारतीय कंपनी जगत के 100 से ज्यादा भारतीय मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) भी हिस्सा लेंगे.