ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित लेखिका कृष्णा सोबती का निधन

हिन्‍दी की प्रसिद्ध लेखिका और उपन्‍यासकार कृष्‍णा सोबती का 25 जनवरी को निधन हो गया. वे 94 वर्ष की थीं. कृष्‍णा सोबती का जन्म सन् 1925 में अब के पाकिस्‍तान में हुआ था. श्रीमती सोबती देश विभाजन के बाद दिल्ली आयीं और यहीं बस गयीं. सोबती ने अपनी साहित्यिक जीवन की शुरूआत वर्ष 1950 में प्रकाशित कहानी ‘लामा’ से की थी.

कृष्णा सोबती की प्रमुख कृति
उनकी प्रमुख कृतियों में डार से बिछुड़ी, मित्रो मरजानी, यारों के यार तिन पहाड़, सूरजमुखी अंधेरे के, सोबती एक सोहबत, जिंदगीनामा, ऐ लड़की, समय सरगम, जैनी मेहरबान सिंह जैसे उपन्यास शामिल हैं. बादलों के घेरे नाम का उनका कहानी संग्रह काफी चर्चित रहा है.

पुरस्कार और सम्मान

  • कृष्णा सोबती को कई सम्मान भी मिले. इनमें ज्ञानपीठ पुरस्कार, साहित्‍य अकादमी सम्मान, साहित्य शिरोमणि सम्मान, शलाका सम्मान, मैथिली शरण गुप्त पुरस्कार, साहित्य कला परिषद पुरस्कार, कथा चूड़ामणि पुरस्कार शामिल है.
  • कृष्णा सोबती को उनके उपन्यास ‘जिंदगीनामा’ के लिए वर्ष 1980 का साहित्य अकादमी सम्मान दिया गया था.
  • कृष्णा सोबती ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित होने वाली हिंदी की 11वीं रचनाकार थीं. उन्हें साल 2017 में यह पुरस्कार दिया गया था.

वेनेजुएला ने अमेरिका के साथ राजनयिक संबंध समाप्त करने की घोषणा की

वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने अमरीका के साथ राजनयिक संबंध समाप्त करने की 24 जनवरी को घोषणा की है. इसके साथ ही राष्ट्रपति मादुरो ने वेनेजुएला में मौजूद अमरीकी दूतावास के सभी कर्मचारियों को 72 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दिया है.

क्या है मामला? अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प ने वेनेजुएला के विपक्षी नेता जुआन गुआईडो को अंतरिम राष्ट्रपति के रूप में मान्यता दे दी थी. जुआन गुआईडो ने 23 जनवरी को वेनेजुएला के अंतरिम राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली. बदलते घटनाक्रम में निकोलस मादुरो ने अमरीका सरकार पर देश में तख्ता-पलट कराने की कोशिश का आरोप लगाते हुए राजनयिक संबंध समाप्त करने की घोषणा की.

अमेरिका की प्रतिक्रिया: अमेरिका ने राजनयिक संबंध तोड़ने के निकोलस मादुरो के फैसले को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि 23 जनवरी को नेशनल असेंबली के अध्यक्ष जुआन गुआईडो के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद मादुरो को अमेरिका से राजनयिक संबंध तोड़ने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है.

रूस का रुख: रूस ने खुद को अंतरिम राष्ट्रपति घोषित करने वाले वेनेजुएला में विपक्ष के नेता जुआन गुआईडो को समर्थन देने के लिए विदेशी ताकतों की निंदा की है और इसे वेनेजुएला में सत्ता हड़पने की कोशिश करार दिया. रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति मादुरो से बात की और उन्हें मदद का भरोसा दिलाया.

घरेलू कामगारों की भर्ती में सहयोग पर भारत और कुवैत के बीच समझौते को मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने घरेलू कामगारों की भर्ती में सहयोग पर भारत और कुवैत के बीच हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) को 23 जनवरी को मंजूरी दे दी. यह समझौता ज्ञापन कुवैत में नियोजित सभी भारतीय घरेलू कामगारों के लिए मजबूत सुरक्षा प्रदान करता है. प्रारंभ में यह समझौता ज्ञापन पांच वर्षों की अवधि के लिए वैध है और इसमें स्वतः नवीकरण का प्रावधान निहित है. उल्लेखनीय है कि कुवैत में लगभग 3,00,000 भारतीय घरेलू कामगार नियोजित हैं. उनमें से लगभग 90,000 महिला घरेलू कामगार हैं.


नमामि गंगे के तहत यमुना पर 6 परियोजनाओं का शिलान्यास

केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने 24 जनवरी को मथुरा-वृंदावन और आगरा में नमामि गंगे के तहत यमुना पर 6 परियोजनाओं का शिलान्यास किया. यमुना गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी है. निर्मल यमुना के लिए हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 3599 करोड़ रुपए की कुल लागत वाली 17 परियोजनाओं को स्वीकृति दी है.

क्या है नमामि गंगे कार्यक्रम? नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत गंगा बेसिन के आठ राज्यों में 20622 करोड़ रुपए की कुल लागत वाली 136 सीवरेज इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को स्वीकृत किया गया था. इन परियोजनाओं में से 31 परियोजना पूरी हो गई हैं और बाकी पर काम चल रहा है.


कलामसैट और इमेजिंग उपग्रह माइक्रोसैट-आर का सफल प्रक्षेपण

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 24 जनवरी को ‘कलामसैट’ और इमेजिंग उपग्रह ‘माइक्रोसैट-आर’ का सफल प्रक्षेपण किया. यह प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से किया गया. इस प्रक्षेपण में दोनों उपग्रहों को PSLV C-44 राकेट के माध्यम से पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया.

कलामसैट उपग्रह को चेन्‍नई स्थित स्‍पेस किड्स इंडिया ने तैयार किया है. यह दुनिया का सबसे छोटा उपग्रह है जिसे भारतीय छात्रों के एक समूह ने बनाया है. उपग्रह का नामकरण देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखा गया है. माइक्रोसैट-आर उपग्रह का प्रयोग रक्षा अनुसंधान की गतिविधियों में पृथ्वी के चित्र लेने के लिए किया जाएगा.


दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेट खिलाड़ी जोहान बोथा ने क्रिकेट से सन्यास की घोषणा की

दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेट हरफनमौला खिलाड़ी जोहान बोथा ने 24 जनवरी को क्रिकेट के सभी प्रारूप से सन्यास की घोषणा की. बोथा ने दक्षिण अफ्रीका के लिए 2005 से 2012 तक 5 टेस्ट मैच, 78 एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच, और 40 टी-20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले.


सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबन्धन वार्षिक पुरस्कार की घोषणा

सरकार ने सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबन्धन पुरस्कार के शीर्षक के साथ एक वार्षिक पुरस्कार की स्थापना की है. इस पुरस्कार की घोषणा प्रत्येक वर्ष 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर की जाएगी. किसी भी आपदा के बाद मानवता में संगठनों और व्यक्तियों के योगदान और निस्वार्थ सेवा को सम्मानित करने के लिए इस पुरस्कार की स्थापना की गई है. इस पुरस्कार में 51 लाख रुपये नगद और प्रशस्तिपत्र दिया जायेगा.

सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबन्धन पुरस्कार 2019

वर्ष 2019 का ‘सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबन्धन पुरस्कार’ गाजियाबाद स्थित राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की 8वीं बटालियन को दिया गया. इन्हें आपदा प्रबंधन में सराहनीय कार्य के लिए चुना गया है.


साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता अतीन बंद्योपाध्याय का निधन

साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता बंगाली लेखक अतीन बंद्योपाध्याय का 24 जनवरी को निधन हो गया है. वह 85 वर्ष के थे. बंद्योपाध्याय का जन्म अविभाजित बंगाल के ढाका में हुआ था.

2001 में पंचशती गैल्पो, जैसी लघु कथाओं के संकलन के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित बंद्योपाध्याय ने नीलकंठ पखिर खोंजे, अलौकिक जलयान, निल तिमी, एकती जल रेखा जैसे लोकप्रिय उपन्यास लिखे.

देश-दुनिया: एक दृष्टि

सामयिक घटनाचक्र डेलीडोज

विश्‍व आर्थिक मंच की बैठक: दावोस में चल रहे विश्‍व आर्थिक मंच की बैठक में विश्‍व व्‍यापार संगठन (WTO) के प्रमुख रॉबर्टो अजवेदो ने उभरती वैश्विक व्‍यापार चुनौतियों से निपटने के लिए तत्‍काल कदम उठाने का आहवान किया है. बैठक में श्री अजवेदो ने विश्‍व नेताओं से बहुपक्षीय व्‍यापार समझौता करने का आग्रह किया है.

अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में एयर बेस का उद्घाटन: नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लाम्बा ने अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में दिगलीपुर में आईएनएस कोहासा के नए नौसैनिक एयर बेस का उद्घाटन किया. इस एयर बेस का इस्तेमाल हैलीकॉप्टरों और डोर्नियर जैसे छोटे विमानों के संचालन के लिए किया जाएगा.