केंद्रीय अंतरिम बजट

वित्त मंत्री अरूण जेटली की गैरमौजूदगी में कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयष गोयल ने 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2019-20 का अंतरिम बजट लोकसभा में पेश किया. प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार का यह छठा और अंतिम बजट है. यह बजट ‘अंतरिम बजट’ के रूप में पेश किया गया. इससे पहले इस सरकार ने पांच पूर्ण बजट पेश कर चुकी है.
यह अंतरिम बजट करीब 27.84 लाख करोड़ रुपये का है जो कि पिछले बजट से लगभग 13.30 प्रतिशत अधिक है. पिछला बजट 24.57 लाख करोड़ रुपये का था.

अंतरिम बजट क्या है?

अंतरिम बजट में पूरे वित्तीय वर्ष (Financial Year) के अलावा आंशिक समय के लिए बजट पेश किया जाता है. यह बजट चुनावी साल में पेश होता है यानी जिस साल लोकसभा चुनाव होने हो उसी साल अंतरिम बजट पेश किया जाता है. नई सरकार बनाने के लिए जो समय होता है, उस अवधि के लिए अंतरिम बजट संसद में पेश किया जाता है.

रुपया कहाँ से आया और कहाँ गया

वित्त वर्ष 2018-19 के अंतरिम बजट के अनुसार सरकार की आमदनी और खर्च का ब्योरा प्रतिशत में इस प्रकार है:

सरकार की आमदनीसरकार का खर्च
ऋण से इतर पूंजी प्राप्तियां: 3%

कर से इतर राजस्व: 8%

वस्तु एवं सेवा कर (GST) : 21%

केन्द्रीय उत्पाद शुल्क: 7%

सीमा शुल्क: 4%

आय कर: 17%

निगम कर: 21%

उधार और अन्य देयताएं: 19%

ब्याज: 18%

रक्षा: 8%

सब्सिडी: 9%

वित्त आयोग और अन्य खर्च: 8%

करों और शुल्कों में राज्यों का हिस्सा: 23%

पेंशन: 5%

केन्द्रीय प्रायोजित योजनाएं: 9%

केन्द्रीय क्षेत्र की योजना: 12%

अन्य खर्च: 8%

रेल बजट

इस वर्ष भी रेल बजट अलग से पेश नहीं किया गया, क्योंकि वित्त वर्ष 2017-18 से ही रेल बजट को आम बजट में शामिल कर दिया गया है. अंतरिम बजट में यात्री किराए एवं माल भाड़ा शुल्क में कोई वृद्धि नहीं की गई.
बजट में रेलवे के लिए 1.58 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्‍यय आवंटन की घोषणा की गई. यह रेलवे के लिए अब तक की सबसे बड़ी वार्षिक पूंजीगत खर्च की योजना है. पिछले बजट में रेलवे के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गये थे.

रक्षा बजट

वित्त वर्ष 2019-20 के बजट प्रावधानों में रक्षा बजट के लिए 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक का आवंटन किया गया है. पहली बार देश का रक्षा बजट 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक किया गया है. वर्ष 2018-19 में रक्षा क्षेत्र के लिए 2.96 लाख करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया था.

शिक्षा के लिए बजट

वित्त वर्ष 2019-20 के लिए शिक्षा क्षेत्र के लिए 93,847.64 करोड़ रुपए आवंटित किए गये हैं. यह पिछले बजट (2018-19) में आवंटित 85,010 करोड़ रुपए से 10 फीसद से अधिक है. इस बजट में उच्च शिक्षा के लिए 37,461.01 करोड़ रुपए तथा स्कूली शिक्षा के लिए 56,386.63 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं.

स्वास्थ्य पर बजट

अंतरिम बजट 2019-20 में स्वास्य क्षेत्र के लिए 61,398 करोड़ रुपए के बजटीय प्रावधान की घोषणा की गयी है. यह पिछले बजट से 16 प्रतिशत अधिक है. पिछले वर्ष यह आवंटन 54,302.50 करोड़ रुपए था. स्वास्य क्षेत्र के लिए आवंटित कुल राशि में 6400 करोड़ रुपए केंद्र की महत्वाकांक्षी आयुष्मान योजना के लिए आवंटित किए गए हैं.

अंतरिक्ष के लिए बजट

अंतरिम बजट 2019-2020 में अंतरिक्ष के लिए बजट 10,252 करोड़ रुपए कर दिया है. पिछले वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान में विभाग को 9,918 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया था. इस प्रकार इसमें 3.37 फीसद की बढ़त की गई है.

विज्ञान संबंधी विभागों के लिए बजट

केंद्र के दो विज्ञान मंत्रालयों को 2019-20 के अंतरिम बजट में संयुक्त तौर पर 14,697 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं. यह पिछले बजट के आवंटन से मामूली अधिक है. आवंटित बजट में भूविज्ञान मंत्रालय (MOES) को अंतरिम बजट में 1,901 करोड़ रुपए दिए गए हैं.

किसानों को किसान सम्मान निधि

इस बजट में ‘प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि’ नाम से एक नयी योजना की घोषणा की गयी है. इस योजन के तहत छोटे किसानों को तीन किस्तों में सालाना 6,000 रुपये की नकद सहायता दी जाएगी. इस योजना से सरकारी खजाने पर सालाना 75,000 करोड़ रुपये का वार्षिक बोझ पड़ेगा. यह सहायता दो हेक्टेयर से कम जोत वाले किसानों को उपलब्ध होगी. इस योजना से लगभग 12 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे. यह योजना 1 दिसंबर 2018 से लागू मानी जाएगी.

मध्यम वर्ग को आय कर में छूट

वित्त मंत्री ने इस बजट में पांच लाख रुपये तक की सालाना आय को कर मुक्त कर दिया. इससे सरकारी खजाने पर 18,500 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा. आय कर में दिया जाने वाला मानक कटौती को भी मौजूदा 40 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया गया है.

इससे पहले 2.5 से 5 लाख रुपये तक की आय पर 5 प्रतिशत, 5 से 10 लाख रुपये पर 20 प्रतिशत तथा 10 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर लागू है. पांच लाख रुपये तक की आय के कर मुक्त होने के बाद सबसे निम्न स्लैब पूरी तरह कर मुक्त हो गया है.

सब्सिडी में 12 प्रतिशत बढ़ोतरी का अनुमान

आगामी वित्त वर्ष में खाद्य, उर्वरक और पेट्रोलियम पदार्थों समेत कुल सब्सिडी का बोझ करीब 12 प्रतिशत बढ़कर 3.34 लाख करोड़ रुपये पहुंच जाने का अनुमान है. चालू वित्त वर्ष (2018-19) के संशोधित बजट अनुमान के अनुसार कुल सब्सिडी 2.99 लाख करोड़ रुपये है.

कुल सब्सिडी में सर्वाधिक खर्च खाद्य पर आएगा. खाद्य सब्सिडी चालू वित्त वर्ष के संशोधित बजट अनुमान 1.71 लाख करोड़ से बढ़कर 1.84 लाख करोड़ रुपए पहुंच जाने का अनुमान है. उर्वरक सब्सिडी पर खर्च 2018-19 के संशोधित बजट अनुमान 70 हजार करोड़ रुपये की तुलना में बढ़कर 75 हजार करोड़ पहुंच जाने की संभावना है. पेट्रोलियम उत्पादों पर दी जाने वाली सब्सिडी के भी चालू वित्त वर्ष के संशोधित बजट अनुमान 24.83 हजार करोड़ रुपए के मुकाबले 37.47 हजार करोड़ रुपए पर पहुंचने का अनुमान लगाया गया है. ब्याज सब्सिडी अंतरिम बजट में 25.14 हजार करोड़ रहने का अनुमान है. चालू वित्त वर्ष के संशोधित बजट अनुमान में यह 23 हजार करोड़ रुपए है.

मनरेगा के लिए आवंटन

2019-20 के बजट अनुमानों के लिए मनरेगा हेतु 60 हजार करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा करते हुए वित्‍त मंत्री ने कहा कि यदि आवश्‍यकता हुई तो अतिरिक्‍त आवंटन किया जायेगा.

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के लिए आवंटन

अनुसूचित जाति के लिए आवंटन में 35.6 प्रतिशत की वृद्धि कर इसे 76,801 करोड़ रुपये किया गया, जो 2018-19 में 56,619 करोड़ रुपये था.
अनुसूचित जनजाति के लिए आवंटन में 28 प्रतिशत की वृद्धि कर 2019-20 में इसे 50,086 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जबकि 2018-19 में यह 39,135 करोड़ रुपये था.

पूर्वोत्तर के लिए विकास निधि

अंतरिम बजट 2019-20 में पूर्वोत्तर राज्यों के विकास के लिए अवसंरचना आवंटन निधि में 21 प्रतिशत बढ़ोतरी की घोषणा की गयी है. वृद्धि के बाद पूर्वोत्तर में अवसंरचना विकास निधि 58 हजार करोड़ रुपये हो गयी है.

पूर्वोत्तर राज्यों के विकास निधि से अरुणाचल प्रदेश में हाल ही में विमान सेवा शुरू की गई और मेघालय, त्रिपुरा तथा मिजोरम को पहली बार भारतीय रेल के नक्शे पर स्थान मिला है. इसी के तहत सिक्किम में पाक्‍योंग हवाई अड्डे को चालू किया गया है.

गैर-अधिसूचित घुमंतू समुदाय के लिए समिति का गठन किये जाने की घोषणा

सरकार ने घुमंतू समुदाय के लिए एक समिति का गठन किये जाने की घोषणा की है. वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने 1 फरवरी को अंतरिम बजट (2019-20) पेश करने के दौरान यह घोषणा की. इस समिति का गठन नीति आयोग के तहत किया जाएगा, जिसका काम गैर-अधिसूचित, घुमंतू और अर्ध-घुमंतू को औपचारिक रूप से वर्गीकृत करना होगा.
इसके अलावा सरकार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत एक कल्याण विकास बोर्ड का भी गठन करेगी. इसका उद्देश्य गैर-अधिसूचित, घुमंतू और अर्ध-घुमंतू समुदायों के कल्याण और विकास कार्यक्रमों को कार्यान्वित करना होगा.

अंतरिम बजट 19: मुख्य बिन्दु

  • पांच लाख रुपए तक की आय पर कर में पूरी छूट.
  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत छोटे किसानों को सालाना 6,000 रुपए की मदद.
  • असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए ‘प्रधान श्रम योगी मानधन पेंशन योजना’.
  • रक्षा बजट बढ़कर 3,05,296 करोड़ रुपए हुआ.
  • रेलवे के लिए 64,587 करोड़ रुपए आवंटित.
  • महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए 1330 करोड़ रुपए.
  • राजकोषीय घाटा कम होकर 3.4 प्रतिशत पर रहेगा.
  • कर वसूली बढ़कर लगभग 12 लाख करोड़ रुपए हुई.
  • फिल्म निर्माताओं को भी एकल खिड़की मंजूरी सुविधा.
  • राष्ट्रीय शिक्षा योजना के लिए आवंटन 38,570 करोड़ हुआ.
  • ‘वन रैंक, वन पेंशन’ के तहत 35,000 करोड़ आवंटित.
  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए बजट में 19 हजार करोड़ रूपये का आबंटन.
  • मनरेगा के लिए 60 हजार करोड़ रूपये का आबंटन.
  • वर्ष 2019-20 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.4 प्रतिशत.
  • देश का 22वां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान हरियाणा में स्थापित किया जाएगा.
  • सभी इच्छित परिवारों को मार्च 2019 तक बिजली के कनेक्शन प्रदान किये जाएंगे.
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर राष्ट्रीय कार्यक्रम की सहायता के लिए एक नवीन राष्ट्रीय आर्टिफिशियल पोर्टल का गठन.
  • किफायती आवासीय योजना विकसित करने वाली रीयल एस्टेट कंपनियों को मिल रही कर राहत को अगले वित्त वर्ष तक के लिए बढ़ा दिया है.
  • अचल संपत्ति की बिक्री से मिलने वाले दो करोड़ रुपए तक के पूंजीगत लाभ को अब दो आवासीय संपत्तियों में निवेश करने पर कर में छूट का प्रावधान.

वर्ष 2030 के भारत के लिए विजन के दस आयाम

सरकार ने अगले दशक के लिए 10 सूत्री परिकल्पना पेश की है. लोकसभा में 1 फरवरी को वित्‍त मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट 2019-20 पेश करते हुए इन 10 सूत्री परिकल्पना की घोषणा की. इन परिकल्पना में वर्ष 2030 तक गरीबी, कुपोषण, गंदगी और निरक्षरता से मुक्त भारत के निर्माण की बात कही गयी है.

10 परिकल्पनाएं: एक दृष्टि

  1. 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था और सहज-सुखद जीवन के लिए भौतिक तथा सामाजिक अवसंरचना का निर्माण करना.
  2. एक ऐसे डिजिटल भारत का निर्माण करना है, जहां हमारा युवा वर्ग डिजिटल भारत के सृजन में व्‍यापक स्‍तरपर स्‍टार्ट-अप और इको-सिस्‍टम में लाखों रोजगारों का सृजन करते हुए इसका नेतृत्‍व करेगा.
  3. भारत को प्रदूषण मुक्‍त राष्‍ट्र बनाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों और नवीकरणीय ऊर्जा पर विशेष ध्‍यान देना.
  4. आधुनिक डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके ग्रामीण औद्योगिकीकरण के विस्‍तार के माध्‍यम से बड़े पैमाने पर रोजगारों का सृजन करना.
  5. सभी भारतीयों के लिए सुरक्षित पेयजल के साथ स्‍वच्‍छ नदियां और लघु सिंचाई तकनीकों को अपनाने के माध्‍यम से सिंचाई में जल का कुशल उपयोग करना.
  6. सागरमाला कार्यक्रम के प्रयासों में तेजी लाने के साथ भारत के तटीय और समुद्री मार्गों के माध्‍यम से देश के विकास को सशक्‍त बनाना.
  7. अंतरिक्ष कार्यक्रम – गगनयान के तहत वर्ष 2022 तक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजना.
  8. सर्वाधिक जैविक तरीके से खाद्यान्‍न उत्‍पादन में भारत को आत्‍मनिर्भर बनाना और खाद्यान्‍नों का निर्यात करना.
  9. स्‍वस्‍थ भारत और एक बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल एवं व्‍यापक आरोग्‍य प्रणाली के साथ-साथ आयुष्‍मान भारत और महिला सहभागिता भी इसका एक महत्‍वपूर्ण घटक होगा.
  10. न्‍यूनतम सरकार, अधिकतम शासन (Minimum Government Maximum Governance) वाले एक ऐसे राष्‍ट्र का रूप देना, जहां एक चुनी हुई सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकार चलने वाले सहकर्मियों और अधिकारियों के शासन को मूर्त रूप दिया जा सकता है.