पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा सूचकांक में भारत की रैंकिंग में सुधार

विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने किफायती एवं पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा माध्यमों की उपलब्धता पर आधारित वार्षिक सूचकांक (index of eco friendly energy security) 25 मार्च को जारी किया. इस सूचकांक में भारत को 115 देशों के बीच 76वां स्थान मिला है. पिछले सूचकांक की तुलना में इस वर्ष भारत ने 2 स्थान का सुधार किया है. सूचकांक में स्वीडन इस साल भी शीर्ष पर बना हुआ है. स्वीडन के बाद सूचकांक में दूसरे स्थान पर स्विट्जरलैंड और तीसरे स्थान पर नार्वे है.

सूचकांक में ब्रिक्स देश

नये सूचकांक में चीन का स्थान भारत 82वां है. ब्रिक्स देशों में सूचकांक में भारत से बेहतर सिर्फ ब्राजील की स्थिति है जिसे 46वां स्थान मिला है. हालांकि भारत उन चुनिंदा पांच देशों में से एक है जिसका स्थान पिछले सूचकांक की तुलना में बेहतर हुआ है.

सूचकांक में विकसित देश

विकसित देशों में ब्रिटेन 7वें, सिंगापुर 13वें, जर्मनी 17वें, जापान 18वें और अमेरिका 27वें स्थान पर है. एशियाई देशों में मलेशिया 31वें, श्रीलंका 60वें, बांग्लादेश 90वें और नेपाल 93वें स्थान पर है.

भारत का प्रदर्शन बेहतर

विश्व आर्थिक मंच ने कहा कि भारत उच्च प्रदूषण स्तर वाले देशों में से एक है और ऊर्जा प्रणाली में कार्बन डाई ऑक्साइड का स्तर भी अपेक्षाकृत अधिक है. इन सबके बाद भी भारत ने हालिया वर्षों में ऊर्जा की उपलब्धता बेहतर की है और अभी ऊर्जा संक्रमण की दिशा में नियमन एवं राजनीतिक प्रतिबद्धता के मसलों पर बेहतर प्रदर्शन कर रहा है.

पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा सूचकांक 2019: एक दृष्टि

पांच साल पहले की तुलना में दुनिया भर में ऊर्जा माध्यम महंगे हुए हैं और पर्यावरण के लिये अधिक नुकसानदेह हो गये हैं.
ऊर्जा की उपलब्धता पहले से बेहतर हुई है और अब एक अरब से कम लोग ही ऐसे हैं जिनके पास बिजली की उपलब्धता नहीं है.