धनुष तोप सेना में शामिल

स्वदेश निर्मित धनुष तोप को सेना में शामिल कर लिया गया है. जबलपुर में 8 अप्रैल को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान ऑर्डनंस फैक्ट्री बोर्ड ने 6 धनुष तोपें सेना को सौंपीं. धनुष भारत में निर्मित होने वाली लंबी रेंज की पहली तोप है.

‘K-9 वज्र’ और ‘M-777’ हॉवित्जर तोप पहले से ही सेना में शामिल

‘K-9 वज्र’ और ‘M-777’ अल्ट्रा-लाइट हॉवित्जर तोप के बाद धनुष के सेना में शामिल होने से भारतीय सेना की ताकत काफी बढ़ गई है. ‘K-9 वज्र’ एक स्वचालित दक्षिण कोरियाई हॉवित्जर और M-777 अमेरिका से प्राप्त अल्ट्रा-लाइट हॉवित्जर तोप है.

धनुष तोप: एक दृष्टि

  • धनुष पूरी तरह से देश में ही बनी तोप है. इसका निर्माण ‘मेक इन इंडिया’ पहल की सफलता का उदाहरण है.
  • यह जबलपुर स्थित गन कैरिज फैक्ट्री में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है.
  • धनुष की प्रणाली बोफोर्स तोप पर आधारित है जिसकी खरीद में कथित भ्रष्टाचार के कारण विवाद हुआ था.
  • इस तोप में 155mm x 45 कैलिबर गन प्रणाली है, जो लगातार दो घंटे तक फायर करने में सक्षम है.
  • धनुष तोप के बैरल का वजन 2692 किलो है और इसकी लंबाई आठ मीटर है.
  • धनुष तोप की मारक क्षमता 42-45 किलोमीटर तक है.
  • ऑटोमेटेड टेक्नॉलजी के कारण सिंगल टारगेट पर एक समय में 3 से 6 गन एक साथ फायर किए जा सकते हैं.
  • इसके प्रत्येक गन की क्षमता एक घंटे में 42 राउंड फायर करने की है.
  • गन का वजन करीब 13 टन है जो इसे पहाड़ी और सुदूर इलाकों में आसानी से ले जाने में सक्षम बनाता है.