NHB और नाबार्ड में सरकार की 100 प्रतिशत  हिस्सेदारी

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने राष्ट्रीय आवास बैंक (NHB) और राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) में अपनी पूरी हिस्सेदारी सरकार को क्रमश: 1,450 करोड़ रुपये और 20 करोड़ रुपये में बेच दी है. इसके बाद ये दोनों कंपनियां पूरी तरह से सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियां बन गई हैं.

RBI के पास नाबार्ड में 72.5 प्रतिशत हिस्सेदारी थी जबकि राष्ट्रीय आवास बैंक (NHB) में पूरी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी RBI के पास थी.

नरसिम्हन समिति की रिपोर्ट पर फैसला

RBI ने यह कदम नरसिम्हन समिति की रिपोर्ट में की गई सिफारिश के अनुरूप उठाया गया है. यह रिपोर्ट 2001 में सौंपी गई थी. नरसिम्हन समिति ने कहा था कि RBI को उन संस्थानों में हिस्सेदारी नहीं रखनी चाहिये जिनका वह नियमन करता है.

NHB और नाबार्ड: एक दृष्टि

  • राष्ट्रीय आवास बैंक (NHB) भारत में आवासीय वित्त के लिये सर्वोच्च संस्था है. इसकी स्थापना 9 जुलाई 1988 को संसद के राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम के अधीन की गई थी. इसका उद्देश्य आवास वित्त संस्थानों के उन्नयन के लिए एक मुख्य एजेंसी के रूप में कार्य करने एवं ऐसे संस्थानों को वित्तीय एवं अन्य सहायता प्रदान करना है. इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है.
  • राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) सहकारी बैंकों और RRBs के कार्यों के विनियमन और पर्यवेक्षण के लिए जिम्मेदार है. नाबार्ड की स्थापना कृषि ऋण से जुड़े क्षेत्रों में, योजना और परिचालन के लिए की गई थी. इसकी स्थापना 12 जुलाई 1982 को शिवरामन समिति की सिफारिशों पर की गई थी. यह बैंक मुंबई (महाराष्ट्र) में स्थित है.