अन्तर्राष्ट्रीय नर्स दिवस

प्रत्येक वर्ष 12 मई को दुनिया भर में अन्तर्राष्ट्रीय नर्स दिवस (International Nurses Day) मनाया जाता है. यह दिन समाज में नर्सों के योगदान को समर्पित होता है. इसी दिन यानी 12 मई को आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म हुआ था. उनके जन्मदिन को ही अन्तर्राष्ट्रीय नर्स दिवस के तौर पर मनाया जाता है.
अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस 2019 के लिए इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्स (आईसीएन) द्वारा चुनी गई थीम ‘Nurses: A Voice to Lead – Health for All’ है.

अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस का इतिहास
1965 से अभी तक यह दिन हर साल इंटरनैशनल काउंसिल ऑफ नर्सेज द्वारा अंतरराष्‍ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है. जनवरी, 1974 में 12 मई को अन्तर्राष्ट्रीय दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की गई थी.

राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगल पुरस्‍कार
भारत में हर साल 12 मई को राष्‍ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगल पुरस्‍कार दिया जाता है. इसकी शुरुआत 1973 में भारत सरकार के परिवार एवं कल्‍याण मंत्रालय ने की थी. नर्सों की सराहनीय सेवा को मान्‍यता प्रदान करने के लिए राष्ट्रपति द्वारा यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है. फ्लोरेंस नाइटिंगल पुरस्‍कार में 50 हज़ार रुपए नकद, एक प्रशस्ति पत्र और मेडल दिया जाता है.

फ्लोरेंस नाइटिंगेल: एक दृष्टि
फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म 12 मई, 1820 को इटली के फ्लोरेंस में हुआ था. उन्होंने मरीजों की देखभाल में दिन-रात एक कर दिया. रात के समय में जब सब सो रहे होते थे, वह सैनिकों के पास जातीं. यह देखतीं कि सैनिकों को कोई तकलीफ तो नहीं है. रात के समय जब वह मरीजों को देखने जातीं तो लालटेन हाथ में लेकर जाती थीं. इस वजह से सैनिकों ने उनको ‘लेडी विद लैंप’ कहना शुरू कर दिया.