इंडोनेशिया की राजधानी में बदलाव

इंडोनेशियाई सरकार ने अपनी राजधानी को जर्काता से हटाकर नई जगह बसाने का फैसला लिया है. जर्काता में बढ़ते प्रदूषण और ट्रैफिक के चलते सरकार ने यह फैसला लिया है. नई राजधानी के डिजायन और मास्टर प्लान को तैयार किया जा रहा है किन्तु फिलहाल नई जगह तय नहीं की गई है.

इंडोनेशिया की राजधानी बदलने के मुख्य कारण

  • जर्काता साल दर साल 1 से 15 सेंटीमीटर के औसत से डूब रहा है. तकरीबन आधा शहर ही समुद्र स्तर से नीचे हो गया है. अगर इस समस्या का समाधान नहीं खोजा गया ताे 2050 तक शहर के कई हिस्से डूब चुके होंगे.
  • इंडोनेशिया की मौजूदा राजधानी की आबादी 1 करोड़ से ज्यादा है, लेकिन इससे तीन गुना ज्यादा लोग जर्काता के आसपास गांवों और कस्बाें में रहते हैं, जिसके चलते ट्रैफिक और भीड़-भाड़ हो रही है.
  • इंडोनेशिया की 26 करोड़ की आबादी में से 60 फीसदी लोग जर्काता में रहते हैं. यह शहर आर्थिक गतिविधियों का गढ़ है. हालांकि जर्काता बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है और जरूरत से अधिक भूजल निकालने के चलते यह डूब रहा है.
  • वर्ल्‍ड इकनॉमिक फोरम के मुताबिक जकार्ता दुनिया का सबसे तेजी से डूब रहा शहर है. इसकी एक बड़ी वजह पीने और नहाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ग्राउंड-वाटर की निकासी है.

भोगोलिक तथ्य

इंडोनेशिया दलदली जमीन के किनारे पर बसा है. इस शहर के नीचे से 13 नदियां निकलती हैं और दूसरी ओर से जावा सागर दिन-रात बिना रुके हुए शहर की ओर पानी फेंकता रहता है. यहां पर आने वाली बाढ़ की वजह से इस शहर का काफी हिस्सा अक्सर पानी में डूबा रहता है. एक शोध के मुताबिक वर्ष 2050 तक जकार्ता का 95 फीसद हिस्‍सा जलमग्‍न हो जाएगा.

उत्तरी जकार्ता ऐतिहासिक रूप से बंदरगाह वाला शहर रहा है और आज भी यहां तेनजंग प्रायक इंडोनेशिया का सबसे व्यस्त बंदरगाह है. इसी स्थान से किलिवंग नदी जावा सागर में समाती हैं. 17वीं शताब्दी में डच उपनिवेशवादियों ने इसी वजह से जकार्ता को अपना ठिकाना बनाया था.

कुछ देश जिन्होंने अपनी राजधानी को परिवर्तित किया है

नाइजीरिया ने लागोस से हटाकर अबुजा में राजधानी बसाई. ब्राजील ने रियो डि जेनेरियो से हटाकर ब्रासिलिया में राजधानी बनाई. मिस्र रेगिस्तान में अपनी नई राजधानी का निर्माण कर रहा है.