देश में भूमि पुनर्स्थापन और बोन चुनौती पर क्षमता बढ़ाने के लिए एक परियोजना की शुरुआत

केन्‍दीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने वन भूमि पुनर्स्थापन और भारत में बोन चुनौती (Bonn Challenge) पर क्षमता बढ़ाने के लिए 17 जून को एक परियोजना की शुरुआत की. यह परियोजना 3.5 वर्षों की पायलट चरण की होगी, जिसे हरियाणा, मध्‍यप्रदेश, महाराष्‍ट्र, नागालैंड तथा कर्नाटक में लागू किया जाएगा. परियोजना के आगे के चरणों में पूरे देश में इसका विस्‍तार किया जाएगा.

बोन चुनौती (Bonn Challenge) क्या है?

बोन चुनौती एक वैश्विक प्रयास है. इसके तहत दुनिया के 150 मिलियन हेक्टेयर गैर-वनीकृत एवं बंजर भूमि पर 2020 तक और 350 मिलियन हेक्टेयर भूमि पर 2030 तक वनस्पतियां उगाई जायेंगी.

पेरिस में आयोजित संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन, 2015 में भारत ने स्वैच्छिक रूप से बोन चुनौती पर स्वीकृति दी थी.

संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत तीन रियो समझौते हैं– जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क समझौता (UNFCCC), जैव विविधता पर समझौता (CBD) और मरुस्थलीकरण के विरूद्ध लड़ाई के लिए संयुक्त राष्ट्र समझौता (UNCCD). UNCCD एक मात्र अंतर्राष्ट्रीय समझौता है जो पर्यावरण एवं विकास के मुद्दों पर कानूनी बाध्यता प्रदान करता है.