अंग्रेजी के लेखक अमिताव घोष को 54वां ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित
अंग्रेजी के प्रख्यात साहित्यकार अमिताव घोष को वर्ष 2018 के लिए 54वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया. उन्हें यह पुरस्कार पश्चिम बंगाल के पूर्व-राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी ने 12 जून 2019 को प्रदान किया. ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित होने वाले वह अंग्रेजी के पहले लेखक हैं.
दिसंबर 2018 प्रतिभा रॉय की अध्यक्षता में आयोजित ज्ञानपीठ चयन समिति की बैठक में अमिताव घोष को ज्ञानपीठ पुरस्कार देने का निर्णय लिया गया था.
अमिताव घोष: कोलकाता में 1956 को जन्में अमिताव घोष को लीक से हटकर काम करने वाले रचनाकार के तौर पर जाना जाता है. वह साहित्य अकादमी और पद्मश्री सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं.
अमिताव घोष की प्रमुख रचनाए: उनकी प्रमुख रचनाओं में द सर्किल ऑफ रीजन, दे शेडो लाइन, द कलकत्ता क्रोमोसोम, द ग्लास पैलेस, द हंगरी टाइड, रिवर ऑफ स्मोक और फ्लड ऑफ फायर प्रमुख हैं.
ज्ञानपीठ पुरस्कार: एक दृष्टि
- ज्ञानपीठ पुरस्कार साहित्य के क्षेत्र में भारत का सर्वोच्च सम्मान है.
- अंग्रेजी को वर्ष 2016 में ज्ञानपीठ पुरस्कार की भाषा के रूप में शामिल किया गया था.
- पुरस्कार में 11 लाख रुपये की राशि, वाग्देवी की प्रतिमा और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है.
- पहला ज्ञानपीठ पुरस्कार 1965 में मलयालम लेखक जी शंकर कुरूप को प्रदान किया गया था.
- वर्ष 2017 का ज्ञानपीठ पुरस्कार हिन्दी के प्रख्यात उपन्यासकार कृष्णा सोबती को देने की घोषणा की गयी है.