अधीर रंजन चौधरी संसद की लोक लेखा समिति के अध्यक्ष बने
लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी को संसद की लोक लेखा समिति (PAC) का अध्यक्ष बनाया. इस समिति के अध्यक्ष का पद परंपरा के तौर पर विपक्ष के पास रहता है. इससे पहले PAC के अध्यक्ष, कांग्रेस पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे थे. अधीर रंजन चौधरी पश्चिम बंगाल के बहरामपुर सीट से पांचवीं बार सांसद चुने गए हैं.
इसके अलावा बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी को पब्लिक अंडरटेकिंग कमेटी का चेयरमैन बनाया गया. वहीं, बीजेपी सांसद गिरीश भालचंद्र बापट को प्राक्कलन समिति, बीजेपी सांसद गणेश सिंह को अन्य पिछड़ा वर्ग का कल्याण समिति, बीजेपी सांसद किरिट प्रेमजी भाई सोलंकी को अन्य अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों का कल्याण समिति का चेयरमैन बनाया गया.
लोक लेखा समिति (PAC): एक दृष्टि
लोक लेखा समिति में कुल 22 सदस्य होते हैं. इनमें से 15 सदस्य लोकसभा और 7 राज्यसभा से नामित किए जाते हैं. PAC के अध्यक्ष का नाम लोकसभा अध्यक्ष तय करते हैं. समिति भारत सरकार के खर्चो की लेखा परीक्षा करती है.
राज्यसभा ने ‘सूचना का अधिकार (RTI) संशोधन विधेयक 2019’ पारित किया
राज्यसभा ने 25 जुलाई को ‘सूचना का अधिकार (RTI) संशोधन विधेयक 2019’ पारित कर दिया. लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है. अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह संशोधन विधेयक संसद से पारित मना जायेगा.
संसद ने वर्ष 2005 में RTI विधेयक पारित किया था जिसमें सरकार ने कुछ संशोधन किया है. इस संशोधन विधेयक के द्वारा केंद्र सरकार को मुख्य सूचना आयुक्त तथा सूचना आयुक्तों के कार्यकाल पर निर्णय करने की शक्ति मिलेगी. सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के अनुसार केन्द्रीय स्तर पर मुख्य सूचना आयुक्त तथा राज्य स्तर पर सूचना आयुक्तों का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है. संशोधन में स्वायत्तता से जुड़ी धारा 12(4) एवं सूचना आयुक्तों के चयन की धारा 12(3) में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
26 जुलाई: करगिल विजय दिवस
प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह दिन वर्ष 1999 में करगिल युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की विजय और देश के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले सैनिकों की याद में मनाया जाता है. 26 जुलाई, 1999 को भारत ने ऊंचे इलाकों की उन सभी चैकियों की कमान सफलतापूर्वक हासिल कर ली थी जिन पर पाकिस्तानी आक्रमणकारियों ने कब्जा कर लिया था. यह युद्ध 60 दिन से अधिक समय तक चला. पढ़ें पूरा आलेख…»