वर्ष 2019-20 के लिए 24 लाख 57 हजार 235 करोड़ रूपये का केन्द्रीय आम बजट प्रस्तुत किया गया
देश की पहली महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 जुलाई को वर्ष 2019-20 के लिए 24 लाख 57 हजार 235 करोड़ रूपये का केन्द्रीय आम बजट प्रस्तुत किया. यह NDA सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट था. बुनियादी ढांचे का विकास, भारत को 50 खरब डालर वाली अर्थव्यवस्था बनाने की परिकल्पना, किसान कल्याण और जल सुरक्षा इस बजट की मुख्य बातें हैं.
आम बजट सरकार के वार्षिक राजस्व और व्यय तथा आगामी वर्ष के अनुमानित व्यय अनुमानों का ब्यौरा प्रस्तुत करता है. मोदी सरकार ने बजट को लेकर कई परंपराओं को बदला है. पहले फरवरी के अंतिम दिन बजट पेश होता था, जिसे बदलकर अब 1 फरवरी कर दिया गया है. लेकिन इस बार पिछली सरकार में अंतरिंम बजट पेश किया गया था इसलिए अब सरकार संसद के पहले सत्र में पूर्ण बजट पेश करने का निर्णय लिया. यही नहीं सरकार ने रेल बजट को भी खत्म करके आम बजट में शामिल कर लिया है.
2014-2019 के दौरान की उपलब्धियां
- पिछले पांच वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था में 1 ट्रिलियन डॉलर की राशि जुड़ी है.
- भारत विश्व की छठी बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है. पांच वर्ष पहले यह 11वें स्थान पर था.
- क्रय शक्ति की समानता के दृष्टि से भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.
- 2009-14 की तुलना में 2014-19 के बीच खाद्य सुरक्षा पर प्रतिवर्ष औसतन दोगुना खर्च किया गया.
- 2014 की तुलना में 2017-18 में तिगुने से भी अधिक पेटेंट जारी किये गये.
- नीति आयोग की योजाओं और समर्थन से नये इंडिया के निर्माण की प्रक्रिया जारी है.
रुपया कहाँ से आया और कहाँ गया
वित्त वर्ष 2018-19 के आम बजट के अनुसार सरकार की आमदनी और खर्च का ब्योरा प्रतिशत में इस प्रकार है:
सरकार की आमदनी | सरकार का खर्च |
ऋण से इतर पूंजी प्राप्तियां: 3% कर से इतर राजस्व: 9% वस्तु एवं सेवा कर (GST) : 19% केन्द्रीय उत्पाद शुल्क: 8% सीमा शुल्क: 4% आय कर: 16% निगम कर: 21% उधार और अन्य देयताएं: 20% | ब्याज: 18% रक्षा: 9% सब्सिडी: 8% वित्त आयोग और अन्य खर्च: 7% करों और शुल्कों में राज्यों का हिस्सा: 23% पेंशन: 5% केन्द्रीय प्रायोजित योजनाएं: 9% केन्द्रीय क्षेत्र की योजना: 13% अन्य खर्च: 8% |
बजट में अगले दस साल के विजन
बजट में अगले दस साल के विजन को भी प्रस्तुत किया गया है. इसके अंतर्गत मौलिक और सामाजिक अवसंरचना के विकास, डिजिटिल इंडिया, प्रदूषण मुक्त भारत, मेक इन इंडिया, जल प्रबंधन और नदियों की सफाई, अंतरिक्ष कार्यक्रम, खाद्यान आत्मनिर्भरता और निर्यात बढ़ाने, स्वस्थ समाज और जन भागीदारी के साथ टीम इंडिया भावना को विकसित करने की बात कही गई है.
5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था की परिकल्पना
2014 में जब NDA सरकार सत्ता में आई तो भारतीय अर्थव्यवस्था 18.5 खरब डॉलर की थी और पांच साल के भीतर यह 27 खरब डॉलर की हो गई है. वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 55 साल में 1 ट्रिलियन की बनी थी जबकि यही उपलब्धि पिछले 5 सालों में हासिल की गयी.
वित्त मंत्री ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था वर्तमान वर्ष में 30 खरब डॉलर (3 ट्रिलियन डॉलर) हो जाएगी और यह 2024-25 तक 50 खरब डॉलर (5 ट्रिलियन डॉलर) की अर्थव्यवस्था बनने की प्रधानमंत्री की परिकल्पना को हासिल करने के रास्ते पर है. वित्त मंत्री ने कहा कि देश की 50 खरब डालर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने के लिये बुनियादी ढांचा, डिजिटल अर्थव्यवस्था में भारी निवेश और रोजगार सृजन पर जोर देने की योजना है.
2022 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को बिजली और रसोई गैस
बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री सीतारामन ने ग्रामीण परिवारों का जीवन बदलने वाली उज्जवला और सौभाग्य योजनाओं का जिक्र किया. उन्होंने आश्वासन दिया कि 2022 यानी भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर प्रत्येक ग्रामीण परिवार को बिजली और रसोई गैस उपलब्ध हो जायेगी.
राजघाट में राष्ट्रीय स्वच्छता केन्द्र
वित्तमंत्री ने कहा कि गांधीजी की 150वीं सालगिरह पूरे के अवसर पर 2 अक्तूबर 2019 को राजघाट में राष्ट्रीय स्वच्छता केन्द्र का उद्घाटन किया जायेगा. वित्तमंत्री ने आशा व्यक्त की कि भारत इस साल गांधी जयंती तक खुले में शौच की कुप्रथा से पूरी तरह मुक्त हो जायेगा.
आयकर में बदलाव नहीं
दो करोड़ रुपये तक की व्यक्तिगत आमदनी पर आयकर में बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं है. दो करोड़ से पांच करोड़ रुपये की कर-योग्य आय वाले व्यक्तियों पर लगने वाले अधिभार में 3 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. पांच करोड़ से अधिक कर योग्य आय पर अधिभार में 7 प्रतिशत की वृद्धि की गई है.
आधार कार्ड से भी ITR
अब आधार कार्ड से भी लोग अपना इनकम टैक्स (ITR) भर पाएंगे. यानी अब पैन कार्ड होना जरूरी नहीं है, जिनके पास पैन नहीं है, वे आधार के जरिए ITR दाखिल कर सकते हैं.
घर खरीदने पर 3.5 लाख छूट
अब 45 लाख रुपये तक का घर खरीदने पर अतिरिक्त 1.5 लाख रुपये की छूट दी जाएगी. हाउसिंग लोन के ब्याज पर मिलने वाली कुल छूट अब 2 लाख से बढ़कर 3.5 लाख हो गई है. इसके अलावा 2.5 लाख रुपये तक का इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने पर भी छूट दी जाएगी.
बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान
वर्ष 2019-20 के बजट में बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है. भारतमाला परियोजना के दूसरे चरण की शुरूआत की जाएगी जिसके अंतर्गत देश भर में सड़क संपर्क का विस्तार किया जायेगा.
2022 तक हर किसी को घर देने का लक्ष्य
सरकार वर्ष 2022 तक 1.95 करोड़ पात्र गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर उपलब्ध करायेगी. पिछले पांच साल में 1.5 करोड़ गरीब परिवारों को मकान उपलब्ध कराये गये. इससे पहले 2015-16 में जहां ऐसे मकान बनाने में 314 दिन लगते थे, वर्ष 2017-18 में यह समय घटकर 114 दिन रह गया. वित्त मंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य 2022 तक हर किसी को घर देने का है.
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का लक्ष्य 2019 किया गया
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत लक्ष्य प्राप्त करने की अवधि कम कर दी गई है. इस कार्यक्रम के 2022 के बजाय 2019 में ही पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है.
किसानों के कल्याण के प्रति वचनबद्धता
किसानों के कल्याण के प्रति अपनी वचनबद्धता दोहराते हुए वर्ष 2019-20 के बजट में अनेक प्रावधान किए गए हैं. कृषि आधारित ग्रामीण उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बांस, शहद और खादी वस्तुओं पर विशेष ध्यान देने की बात भी बजट में बताई गई है. बजट में पचास हजार शिल्पकारों को सक्षम बनाने के लिए सौ नये क्लस्टर बनाने का भी कार्यक्रम है. जल जीवन मिशन के अंतर्गत 2024 तक हर घर जल कार्यक्रम के अंतर्गत सभी ग्रामीण परिवारों को पेयजल उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है. इसके लिए स्थानीय स्तर पर प्रबंधन, वर्षा जल संचय, भूमिगत जल का स्तर बढ़ाने पर भी ध्यान दिया गया है.
कॉरपोरेट कर लागू होने निम्नतम सीमा 400 करोड़ रुपये
वित्तमंत्री ने कॉरपोरेट कर लागू होने की निम्नतम सीमा 250 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 400 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है. अब 400 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर वाली कंपनियों को 25 प्रतिशत कॉरपोरेट टैक्स देना होगा. पहले 250 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर वाली कंपनियों को 25 प्रतिशत कॉरपोरेट टैक्स देना होता था. इसके तहत देश की 99 फीसदी कंपनी आ जाएंगी.
बीमा मध्यस्थ क्षेत्र में 100 प्रतिशत FDI
वित्त मंत्री ने कहा कि बीमा मध्यस्थ क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी जायेगी. सरकार विमानन, मीडिया, बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) सीमा बढ़ाने के मामले में संबंध पक्षों के साथ बातचीत के बाद फैसला करेगी. दुनियाभर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में पिछले तीन साल के दौरा गिरावट आने के बावजूद भारत में 6 प्रतिशत बढ़कर 64 अरब डालर से अधिक रहा है.
केन्द्रीय आम बजट 2019-20: मुख्य तथ्य
- एनडीए सरकार ने न्यू इंडिया की शुरूआत कर दी है और दुनिया को दिखा दिया है कि रिफार्म, परफार्म और ट्रासफार्म का सिद्धांत सफल हो सकता है.
- सरकार ने बजट में बिजली आपूर्ति में सुधार के लिए वन नेशन वन ग्रिड की पहल की है.
- सरकार का केंद्र बिंदु गांव, किसान और गरीब है और 2022 तक हर गांव में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य है.
- बीमा मध्यस्थ क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी जायेगी.
- दुनियाभर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में पिछले तीन साल के दौरा गिरावट आने के बावजूद भारत में 6 प्रतिशत बढ़कर 64 अरब डालर से अधिक रहा है.
- भारतमाला के दूसरे चरण में राज्यों को राज्यस्तरीय सड़कों के विकास के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
- नेशनल ट्रांसपोर्ट कार्ड के साथ ही सरकार ने MRO का फॉर्मूला अपनाने की बात कही है. जिसमें मैन्यूफैक्चरिंग, रिपेयर और ऑपरेट का फॉर्मूला लागू किया जाएगा.
- अगले पांच सालों में ग्रामीण सड़कों के निर्माण में तकनीक का इस्तेमाल कर कार्बन मुक्त बनाया जाएगा.
- सरकार का लक्ष्य है कि ग्रामीण घरों तक 2022 तक 100 प्रतिशत बिजली कनेक्शन सुनिश्चित किया जाएगा.
- स्टैंड अप इंडिया स्कीम के तहत महिलाओं, ST-ST उद्यमियों को लाभ दिया जाएगा.
- अब NRI को भारत आते ही आधार कार्ड देने की सुविधा मिलेगी, साथ ही अब उन्हें 180 दिनों तक भारत में रहने की जरूरत नहीं है.
- 400 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर वाली कंपनियों को 25 फीसदी कॉरपोरेट टैक्स देना होगा.
- अब 45 लाख रुपये तक का घर खरीदने पर हाउसिंग लोन के ब्याज पर मिलने वाली कुल छूट अब 2 लाख से बढ़कर 3.5 लाख हो गई है.
- 2.5 लाख रुपये तक का इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने पर भी छूट दी जाएगी.
- अब आधार कार्ड से भी लोग अपना इनकम टैक्स भर पाएंगे. यानी अब पैन कार्ड होना जरूरी नहीं है.