FATF के एशिया प्रशान्‍त ग्रुप की बैठक: पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को धन मुहैया कराने की प्रतिबद्धताओं की समीक्षा

फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के एशिया प्रशान्‍त ग्रुप की बैठक 10 से 13 सितम्बर तक बैंकॉक में आयोजित की गयी. इस बैठक में पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को धन मुहैया कराने और धन शोधन पर रोकथाम की उसकी प्रतिबद्धताओं के पालन की समीक्षा की गयी.

बैठक में मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग पर एक रिपोर्ट जारी की गयी है. इस रिपोर्ट में पाकिस्तान पर निशाना साधा गया है. मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के खिलाफ कार्रवाई के 10 मानदंडों में पाकिस्तान ने 9 में का पालन नहीं करने की बात खाई गयी है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने यूनाइटेड नेशन्स सिक्योरिटी काउंसिल रिजोल्यूशन 1267 को लागू करने के लिए सही कदम नहीं उठाए. पाकिस्तान सरकार ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा, जमात-उद-दावा, फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन और इनके सरगना हाफिज सईद के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की है.

रिपोर्ट में पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक और बाज़ार नियामक द्वारा आतंकी फंडिंग पर कार्रवाई नहीं करने की कड़ी निंदा की गई है.

FATF: एक दृष्टि
एशिया-प्रशांत समूह आतंकवादियों को धन मुहैया कराने वालों पर नजर रखने वाली वैश्विक संस्था-वित्तीय कार्रवाई कार्यदल (Financial Action Task Force- FATF) की क्षेत्रीय शाखा है. FATF ने जून 2018 में आतंकवादियों को धन मुहैया करने के खिलाफ अपनी कार्रवाईयों में विफल रहने के कारण पाकिस्तान को निगरानी सूची (ग्रे सूची) रखा था. FATF द्वारा दिए गए अनुपालन के 40 में से 32 मानदंडों में पाकिस्तान विफल रहा है और उसकी कार्रवाईयों पर एक साल के लिए नजर रखी गई है.

FATF ने पाकिस्तान को आतंकवादियों को धन मुहैया कराने और धन शोधन पर रोकथाम के लिए अक्तूबर 2019 तक का समय-सीमा तय किया था. बैठक की समाप्ति पर संस्था यह फैसला करेगी कि पाकिस्तान को निगरानी सूची में बरकरार रखा जाए या उसे काली सूची में डाल दिया जाए. अंतिम निर्णय के लिए समूह की सिफारिशें वित्तीय कार्रवाई कार्यदल के समक्ष रखी जाएंगी. इस कार्यदल की बैठक पेरिस में 13 और 14 अक्तूबर को होगी.