RBI ने बैंकों द्वारा दिए गये लोन को रेपो दर सहित बाहरी मानकों से जोड़ने का निर्देश दिया

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सभी बैंकों को होम लोन, पर्सनल लोन और MSMI सेक्टर को दिए गये लोन को रेपो दर सहित बाहरी मानकों से जोड़ने का निर्देश दिया है. इससे नीतिगत ब्याज दरों में कटौती का लाभ कर्ज लेने वाले ग्राहकों तक जल्दी पहुंचने की उम्मीद है.

वास्तव में RBI ने नीतिगत दरों में कई बार कमी की है, लेकिन बैंक इसका फायदा ग्राहकों तक नहीं पहुँचने दे रहे हैं. इसी के मद्देनजर RBI ने सर्कुलर जारी कर बैंकों के लिए सभी नए फ्लोटिंग दर वाले पर्सनल या खुदरा ऋण और MSMI को फ्लोटिंग दर वाले कर्ज को 1 अक्टूबर, 2019 से बाहरी मानक से जोड़ना अनिवार्य कर दिया है.

RBI साल 2019 में चार बार रेपो रेट में कुल मिलाकर 1.10 फीसदी कटौती कर चुका है. इस वित्त वर्ष में अप्रैल के बाद से अब तक RBI नीतिगत दरों में 0.85% की कटौती कर चुका है. RBI का कहना है कि उसकी रेपो दर में 0.85 फीसदी कटौती के बाद बैंक अगस्त तक अपनी ब्याज दरों में केवल 0.30% तक ही कटौती कर पाए हैं.

लोन देने वाले बैंकों का कहना है कि उसकी देनदारियों की लागत कम होने में समय लगता है जिसकी वजह से रिजर्व बैंक की कटौती का लाभ तुरंत ग्राहकों को देना संभव नहीं है.