विश्व महिला मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप: भारत ने एक रजत सहित कुल चार पदक जीते

विश्व महिला मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप 2019 का आयोजन 3 से 13 अक्टूबर तक रूस के उलान उदे में किया गया. इस प्रतियोगिता में भारत को एक रजत सहित कुल चार पदक प्राप्त हुए और वह पदक तालिका में 9वें स्थान पर रहा. 3 स्वर्ण सहित कुल 6 पदक लेकर रूस पहले, चीन दूसरे और तुर्की तीसरे स्थान पर रहे.

भारत के मंजु रानी ने 48 किलो वजन वर्ग के फाइनल में हार का सामना करना पड़ा और उन्हें रजत पदक मिला. उन्हें रूस की एकातेरिना पाल्तसेवा ने 4-1 से हराया. 18 साल बाद यह पहला मौका था जब किसी भारतीय महिला मुक्केबाज ने अपने पहले विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता हो. मंजू से पहले एमसी मैरी कॉम वर्ष 2001 में अपने पहले विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंची थी.

मंजु रानी के रजत पदक के अलावा भारत ने इस प्रतियोगिता में तीन कांस्य पदक जीते. ये कांस्य पदक एमसी मैरीकॉम, जमुना बोरो और लवलीना बोगोर्हेन ने जीता.

एमसी मैरी कॉम सबसे ज़्यादा पदक जीतने वाली खिलाड़ी बनी

भारतीय मुक्‍केबाज एमसी मैरी कॉम ने कांस्‍य पदक जीता. ये उनका 51 किलोग्राम भार वर्ग में पहला विश्‍व पदक था. मैरी कॉम, तुर्की की बुसेनाज़ चकरिगू से हार गई. इस पदक के साथ ही मेरी कॉम विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप में सबसे ज़्यादा आठ पदक जीतने वाली खिलाड़ी बन गईं.

मैरीकोम: एक दृष्टि
मैरीकोम ने विश्व चैंपियनशिप में 6 स्वर्ण पदक सहित कुल 8 पदक जीतने में सफलता पाई है. इसके अलावा उन्होंने 2012 में लन्दन ओलिंपिक में कांस्य पदक और 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था. उन्होंने 2014 के एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक तथा 2010 के एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था.

26 अप्रैल, 2016 को राष्ट्रपति ने उन्हें राज्य सभा के सदस्य के लिए मनोनीत किया था.