बुकर पुरस्कार 2019: कनाडा की मार्गरेट एटवुड और ब्रिटेन की बर्नरडाइन एवरिस्टो संयुक्त विजेता बनीं
मार्गरेट एटवुड और बर्नरडाइन एवरिस्टो को संयुक्त रूप से वर्ष 2019 का बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा. बुकर के नियमों के अनुसार इस पुरस्कार को बांटा नहीं जा सकता, लेकिन बुकर पुरस्कार के लिए विजेताओं का चयन करने वाले निर्णायक मंडल ने कहा कि वे एटवुड और एवरिस्तो में से एक विजेता नहीं चुन सकते. पुरस्कार स्वरुप 60000 पाउंड की राशि दोनों लेखिकाओं में बराबर बांटी जाएगी.
इस पुरस्कार के लिए छांटी गई (शार्टलिस्ट) छह पुस्तकों में भारतीय उपन्यासकार सलमान रुश्दी का उपन्यास ‘क्विचोटे’ भी शामिल था.
मार्गरेट एटवुड: कनाडा की 79 साल की मार्गरेट एटवुड सबसे बुजुर्ग पुरस्कार विजेता हैं. उन्हें यह पुरस्कार उनकी पुस्तक ‘द टेस्टामेंट’ के लिए दिया गया है.
बर्नरडाइन एवरिस्टो: ब्रिटेन की एवरिस्टो इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को जीतने वाली पहली अश्वेत महिला हैं. उन्हें यह सम्मान ‘गर्ल, वुमैन, अदर’ के लिए दिया गया.
बुकर पुरस्कार: एक दृष्टि
- बुकर पुरस्कार के पूरा नाम ‘मैन बुकर पुरस्कार फ़ॉर फ़िक्शन’ (Man Booker Prize for Fiction) है.
- बुकर पुरस्कार की स्थापना सन् 1969 में इंगलैंड की बुकर मैकोनल कंपनी द्वारा की गई थी.
- यह पुरस्कार राष्ट्रमंडल (कॉमनवैल्थ) या आयरलैंड के नागरिक द्वारा लिखे गए मौलिक अंग्रेजी उपन्यास के लिए हर वर्ष दिया जाता है.
- बुकर पुरस्कार विजेता को 60 हज़ार पाउण्ड की राशि विजेता लेखक को दी जाती है.
- 1992 में आखिरी बार संयुक्त विजेता घोषित किया गया था. इसके बाद नियम में बदलाव किया गया, जिसके तहत निर्णायक मंडल सिर्फ एक ही विजेता घोषित कर सकते थे.
- पहला बुकर पुरस्कार इंगलैंड के उपन्यासकार पी एच नेवई (P. H. Newby) को ‘Something to Answer For’ के लिए दिया गया था.
- पिछले साल (2018) में यह पुरस्कार एना बर्न्स को ‘मिल्कमैन के लिए दिया गया था.
- भारतीय उपन्यासकार सलमान रुश्दी की पुस्तक पांच बार इस पुरस्कार के लिए छांटी गई है.
बुकर पुरस्कार पाने वाले भारतीय: एक दृष्टि
कुल 5 बार यह पुरस्कार भारतीय मूल के लेखकों को मिला है. ये लेखक हैं- वी एस नाइपॉल, अरुंधति राय, सलमान रश्दी, किरण देसाई और अरविन्द अडिग.
लेखक | उपन्यास | वर्ष |
1. वी एस नाइपॉल | इन ए फ़्री स्टेट | 1971 |
2. सलमान रश्दी | मिडनाइट्स चिल्ड्रेन | 1981 |
3. अरुंधति राय | द गॉड ऑफ़ स्माल थिंग्स | 1997 |
4. किरण देसाई | द इनहैरिटैंस ऑफ लॉस | 2006 |
5. अरविन्द अडिग | द व्हाइट टाइगर | 2008 |