यूरोपीय संघ के सांसदों के शिष्टमंडल ने जम्मू-काश्मीर का दौरा किया
विभिन्न यूरोपीय देशों के 23 संसद सदस्यों के शिष्टमंडल ने 29-30 अक्टूबर को जम्मू-काश्मीर का दौरा किया. इस शिष्टमंडल में यूरोपीय संसद के इटली, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और पोलैंड से संबंधित सदस्य शामिल थे. कश्मीर जाने से पहले इन सांसदों ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी.
काश्मीर की स्थिति के बारे पाकिस्तान के बयानों से निपटने तथा सरकार की विकास और प्रशासनिक प्राथमिकताओं को स्पष्ट के लिए यह एक प्रमुख कूटनीतिक कदम थी. यह शिष्टमंडल संविधान के अनुच्छेद 370 के अंतर्गत जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा निरस्त किए जाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के सरकार के निर्णय के बाद राज्य का दौरा करने वाला पहला विदेशी शिष्टमंडल था.
यूरोपीय शिष्टमंडल ने दो दिन की यात्रा के दौरान पंचों और सरपंचों सहित विद्यार्थियों, महिलाओं, व्यापारियों और फल उत्पादकों से भेंट की. शिष्टमंडल ने डल झील में शिकारा भ्रमण भी किया. उनकी यात्रा का उद्देश्य कश्मीर क्षेत्र में समग्र स्थिति का मौके पर जाकर ज़ायजा लेना था.
यूरोपीय शिष्टमंडल ने इस यात्रा के क्रम में आतंकवाद को समाप्त करने के प्रयासों में भारत का समर्थन किया. सांसदों ने कहा कि स्थाई शांति और आतंकवाद के सफाये के प्रयासों में वे भारत के साथ हैं. उन्होंने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को भारत का आंतरिक मामला बताया.