भारत और पाकिस्तान ने करतारपुर साहिब गलियारा खोले जाने के समझौते पर हस्ताक्षर किये
भारत और पाकिस्तान ने 24 अक्टूबर को करतारपुर साहिब गलियारा खोले जाने के समझौते पर हस्ताक्षर किए. बाबा गुरु नानक देव जी के 550 वें प्रकाशोत्सव पर डेरा बाबा नानक में जीरो प्वाइंट पर दोनों देशों के अधिकारियों ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किये. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 9 नवंबर को डेरा बाबा नानक सीमा पर गलियारे का उद्घाटन करेंगे और 550 सदस्यों वाली पहले जत्थे को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे.
समझौते के मुख्य बिंदु
- समझौते के अनुसार सभी धर्मों के पांच हजार भारतीय श्रद्धालु और भारतीय मूल के लोग करतारपुर साहिब दर्शन के लिए वीजा मुक्त यात्रा कर सकेंगे. श्रद्धालुओं को अपने साथ केवल एक वैध पासपोर्ट लाना होगा.
- करतारपुर कॉरिडोर सुबह सूर्योदय से शाम तक खुला रहेगा. सुबह आने वाले श्रद्धालुओं को उसी दिन शाम को लौटना होगा. यह गलियारा कुछ अधिसूचित दिनों के अलावा वर्ष भर खुला रहेगा.
- भारत, यात्रा से दस दिन पहले श्रद्धालुओं की सूची पाकिस्तान को भेजेगा और पाकिस्तान से यात्रा से चार दिन पहले श्रद्धालुओं की अंतिम सूची जारी की जायेगी.
- समझौते से पहले भारत ने पाकिस्तान की ओर से प्रति श्रद्धालु 20 डॉलर का शुल्क लगाने के फैसले को लेकर उनसे पुनर्विचार करने के लिए कहा है. हालांकि इस कॉरिडोर की अहमियत के मद्देनजर फिलहाल मौजूदा सहमतियों के साथ आगे बढ़ने का फैसला भी किया गया.
करतारपुर साहिब गलियारा (कोरिडोर): एक दृष्टि
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने नवंबर 2018 में देश भर में और पूरे विश्व में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देवजी की 550वीं जयंती शानदार तरीके से मनाने की मंजूरी दी थी.
- चार किलोमीटर से ज्यादा यह कोरिडोर पाकिस्तान के करतारपुर में स्थित गुरूद्वारा दरबार साहिब और पंजाब के गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक शाइन को जोड़ेगा.
- करतारपुर दरबार साहिब पाकिस्तान में रावी नदी के तट पर स्थित है. यहाँ गुरुनानक देवजी ने अपने जीवन के 18 वर्ष बिताए थे.