स्‍कंदगुप्‍त विक्रमादित्‍य पर बनारस हिंदू विश्‍वविद्यालय में अन्तर्राष्ट्रीय संगो‍ष्‍ठी आयोजित की गयी


बनारस हिंदू विश्‍वविद्यालय में गुप्‍त वंश के पूर्व शासक स्‍कन्‍दगुप्‍त विक्रमादित्‍य की भूमिका और प्रासंगिकता तथा देश के राजनीतिक भविष्‍य विषय पर 17-18 अक्टूबर को अन्तर्राष्ट्रीय संगो‍ष्‍ठी आयोजित की गयी. केन्‍द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस संगो‍ष्‍ठी का उद्घाटन किया.

संगो‍ष्‍ठी का मकसद अपने राष्ट्र नायक के बार में युवा पीढ़ी को जानकारी देना था. संगोष्‍ठी में भारत के अलाबा जापान, मंगोलिया, थाइलैंड, श्रीलंका, वियतनाम, अमेरिका और नेपाल के कई इतिहासकार, विद्वान और राजनीतिक चिंतकों ने अपने-अपने विचार रखे.

गृहमंत्री ने संबोधन में उन्होंने इतिहासकारों और विद्वानों से नई पीढ़ी को जानकारी देने के लिए भारतीय परिप्रेक्ष में इतिहास का पुनर्लेखन करने का अनुरोध किया. गृहमंत्री ने कहा कि इतिहास ने स्‍कंदगुप्‍त के साथ अन्‍याय किया और देश के इतिहास, संस्‍कृति और राजनीति में किेये गये उनके योगदान की अनदेखी की गई.

इस संगो‍ष्‍ठी का विषय था गुप्तवंशैकवीराह जिसका मतलब है गुप्त वंश का एक ही वीर स्कंदगुप्त विक्रमादित्य. हूणों के साथ प्रमुख युद्ध वाराणसी के नजदीक औंड़िहार नामक जगह पर हुआ जिसका नाम हूण हार यानी हूणों की हार से निकला. इस युद्ध का एक विजय स्तंभ भी गाजीपुर के सैदपुर इलाके में भीतरी में स्कंदगुप्त ने बनवाया जिस पर भी इस सेमिनार में चर्चा की गयी.