जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केन्द्रशासित प्रदेशों के रूप में अस्तित्व में आया
31 अक्टूबर 2019 को सरदार वल्लभ भाई पटेल की 144वीं जयंती पर दो केन्द्रशासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अस्तित्व में आ गये. ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी राज्य को 2 केंद्र शासित प्रदेशों में बदला गया हो. अब देश में कुल राज्यों की कुल संख्या 28 और केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या 9 हो गयी है.
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के उप-राज्यपालों का शपथ ग्रहण
जम्मू-कश्मीर: गिरीश चन्द्र मुरमु को केन्द्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का पहला उप-राज्यपाल नियुक्त किया गया है. जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल ने 31 अक्टूबर को उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.
लद्दाख: राधा कृष्ण माथुर को केन्द्रशासित प्रदेश लद्दाख का पहला उप-राज्यपाल (लेफ्टिनेट गवर्नर) नियुक्त किया गया है. जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल ने 31 अक्टूबर को लेह में उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.
जम्मू-कश्मीर राज्य का जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केन्द्रशासित प्रदेशों के रूप में पुनर्गठन
इस वर्ष पांच अगस्त को केन्द्र ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए संविधान के अनुच्छेद 370 और 35A के प्रावधानों को समाप्त कर जम्मू-कश्मीर राज्य का पुनर्गठन किया था.
पुनर्गठन कानून के मुख्य बिन्दु
- केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में पुद्दुचेरी की तर्ज पर एक निर्वाचित विधानसभा और मुख्यमंत्री होगा. जम्मू-कश्मीर राज्य की विधान परिषद समाप्त कर दी गयी है. सीटों के पुनर्निर्धारण के बाद जम्मू कश्मीर विधानसभा का पुनर्गठन होगा.
- लद्दाख, अंडमान और निकोबार की तर्ज पर केंद्रशासित प्रदेश होगा और सीधे उप-राज्यपाल द्वारा संचालित होगा. लद्दाख में एक हिल काउंसिल होगी जो उप-राज्यपाल के अधीन होगी.
- लद्दाख और जम्मू-कश्मीर दोनों के लिए एक ही जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय होगा.
- 106 केंद्रीय कानून दोनों नए केंद्रशासित प्रदेशों में लागू होंगे. इनमें आधार अधिनियम-2016, भारतीय दंड संहिता-1860 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम- 2009 शामिल हैं.
- अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग तथा अल्पसंख्यक आयोग दोनों संघ शासित प्रदेशों में बनाए जाएंगे.