देश का पहला राष्ट्रीय पोषण सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी किया गया

देश के पहले राष्ट्रीय पोषण सर्वेक्षण ने देश के 30 राज्यों के शिशु व किशोरों के पोषण संबंधी एक रिपोर्ट हाल ही में जारी की है. यह पहला सर्वेक्षण केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 2016-18 काल खंड में किया गया है.

पहला राष्ट्रीय पोषण सर्वेक्षण रिपोर्ट: मुख्य तथ्य

  • देश में जन्में दो साल से कम के शिशुओं में मात्र 6.4 प्रतिशत सौभाग्यशाली हैं जिन्हें न्यूनतम स्वीकार्य पोषक आहार मिलता है.
  • जिन राज्यों में शिशु पोषण की स्थिति सबसे निचले पायदान पर हैं वे आर्थिक, शैक्षिक और विकास के पैमानों पर दशकों से काफी ऊपर हैं.
  • जिन राज्यों में शिशु पोषण की स्थिति काफी बेहतर है उनमें से अधिकांश अविकसित कहे जाने वाले राज्य जैसे ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड और असम हैं. केवल केरल एक अपवाद है.
  • आंध्र प्रदेश में मात्र 1.3 प्रतिशत शिशु पोषक तत्वों वाला भोजन पाते हैं, जबकि महाराष्ट्र में सिर्फ 2.2, गुजरात, तेलंगाना और कर्नाटक में मात्र 3.8 और तमिलनाडु में 4.2 प्रतिशत.
  • इस पैमाने पर सबसे बेहतर राज्य सिक्किम है जहां 35.2 प्रतिशत शिशु समुचित पोषक तत्वों वाला भोजन पाते हैं, दूसरे नंबर पर केरल (32.6) प्रतिशत है.
  • आर्थिक रूप से संपन्न वर्ग का हर आठवां बच्चा स्थूल शरीर का पाया गया, जबकि देश के हर दसवें बच्चे में मधुमेह-पूर्व के लक्षण मिले. गरीबों में प्रत्येक सौ में से एक बच्चे में मोटापा पाया गया.
  • देश का हर तीसरा बच्चा नाटा (स्टंटेड) है यानी उम्र से कम लंबाई वाला है. इसी तरह लगभग हर तीसरा बच्चा उम्र के अनुसार कम वजन का है, जबकि हर छठवां बच्चा दुबले शरीर का यानी लंबाई के हिसाब से कम वजन का होता है.