नोबेल पुरस्‍कार 2019 की घोषणा: 10 दिसंबर को सम्मानित किया जाएगा

रॉयल स्वीडिश अकादमी ऑफ साइंस ने वर्ष 2019 के भौतिकी, रसायन और चिकित्सा के लिए नोबेल पुरस्‍कारों की घोषणा कर दी है. इन वैज्ञानिकों को यह पुरस्‍कार 10 दिसंबर को स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में एक समारोह में दिया जायेगा. पुरस्कार विजेता इस प्रकार हैं:

रसायन विज्ञान

रसायन विज्ञान का नोबेल प्राइज तीन वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से देने की घोषणा 9 अक्टूबर को की गयी. ये हैं जॉन बी गुडइनफ (अमेरिका), एम स्टैनली विटंगम (अमेरिका) और अकीरा योशिनो (जपान). इस पुरस्कार के विजेता को 9,14,000 अमेरिकी डॉलर प्रदान किये जायेंगे. यह राशि तीनों वैज्ञानिकों को आपस में बांटी जाएगी.
97 साल के जॉन गुडइनफ अमेरिकी प्रफेसर हैं और इतनी उम्र में नोबेल पाने वाले पहले शख्स हैं. इसके अलावा विटंगम स्टैनली विटंगम इंग्लिश-अमेरिकन केमिस्ट हैं और वर्तमान में बिंगम्टन यूनिवर्सिटी में प्रफेसर हैं. अकारी योशिनो जापानी साइंटिस्ट हैं. वह लीथियम-आयन बैटरी के आविष्कारक भी हैं.

भौतिकी

वर्ष 2019 के भौतिकी के लिए नोबेल पुरस्‍कार की घोषणा 8 अक्टूबर को की गयी थी. यह तीन वैज्ञानिकों- जेम्‍स पीबल्स (अमेरिका), माइकल मेयर (स्विट्ज़रलैंड) और दिदिअर क्वैलोज (स्विट्ज़रलैंड) को दिया जायेगा. इस पुरस्कार के विजेता को 9,14,000 अमेरिकी डॉलर प्रदान किये जाते हैं.

पुरस्‍कार का आधा हिस्‍सा जेम्‍स पीबल्स को भौतिक ब्रहमांड विज्ञान में सैद्धांतिक आविष्‍कारों के लिए दिया जायेगा. 1987 में पीबल्स ने Primordial Isocurvature Baryon Model की खोज की थी, इस मॉडल के द्वारा प्रारंभिक ब्रम्हांड के विकास की व्याख्या की गयी थी.

पुरस्‍कार का शेष आधा हिस्‍सा संयुक्‍त रूप से माइकल मेयर और दिदिअर क्वैलोज को सौर-प्रकार के तारे की परिक्रमा करने वाले एक बाह्य ग्रह (एक्सो-प्लेनेट 51 पेगासी बी) की खोज के लिए दिया जायेगा.

चिकित्सा (फिजियोलॉजी)

चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार भी तीन वैज्ञानिकों को दिया जाएगा. इसमें विलियम जी कॉलिन, पीटर जे रेटक्लिफ और ग्रेग एल सेमेंजा का नाम शामिल है.

कोशिकाओं के ऑक्सीजन की उपलब्धता का आभास करना और उसे अनुकूल बनाने की खोज के लिए इन तीनों को चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार दिया जाएगा.

साहित्य का नोबेल: 2018 के लिए पोलैंड की ओल्गा और 2019 के लिए ऑस्ट्रियाई पीटर को दिया जायेगा

वर्ष 2018 और 2019 के साहित्य के नोबेल पुरस्कार की घोषणा 10 अक्टूबर को की गई. 2018 के लिए यह सम्मान पोलैंड की लेखिका ओल्गा तोकारजुक को और 2019 के लिए यह सम्मान पीटर हैंडके को दिया जाएगा. उल्लेखनीय है कि यौन उत्पीड़न के मामले को देखते हुए वर्ष 2018 के साहित्य के नोबेल पुरस्कार की घोषणा को स्थगित कर दिया गया था.

ओल्गा तोकारजुक: ओल्गा तोकारजुक एक पोलिश लेखक, कार्यकर्ता और बुद्धिजीवी हैं. 2018 में उन्हें उनके उपन्यास फ्लाइट्स के लिए ‘मैन बुकर इंटरनैशनल प्राइज’ से सम्मानित किया गया था. यह सम्मान पाने वाली वह पहली पोलिश लेखिका हैं.

पीटर हैंडके: पीटर हैंडके ऑस्ट्रियाई उपन्यासकार हैं. पीटर ने कभी अपनी मां की खुदकुशी से प्रभावित होकर ‘द सॉरो बियॉड ड्रीम्स’ बुक की रचना की थी. पीटर फिल्म लेखक भी रहे हैं और उनकी लिखी एक फिल्म को 1978 के कान फेस्टिवल और 1980 के गोल्ड अवॉर्ड के लिए नामित किया गया था.

साहित्य नोबेल का इतिहास
साहित्य के नोबेल की शुरुआत 1901 में हुई थी. साहित्य का नोबेल पाने वाले सबसे कम उम्र के साहित्यकार का रेकॉर्ड जंगल बुक लिखने वाले रुडयार्ड किपलिंग के नाम रहा है. उस वक्त उनकी उम्र 41 साल थी. उनका जन्म ब्रिटिश शासित भारत में मुबई में हुई थी.

नोबेल शांति पुरस्कार 2019: इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली को दिया जाएगा

अफ्रीकी देश इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली को 2019 के लिए प्रतिष्ठित नोबेल शांति पुरस्कार दिया जाएगा. उन्हें यह प्रतिष्ठित पुरस्कार पड़ोसी देश इरिट्रिया के साथ सालों से चले आ रहे सीमा विवाद को हल करने में प्रमुख भूमिका निभाने के लिए दिया जाएगा.

43 साल के अबी अहमद को इथियोपिया का ‘नेल्सन मंडेला’ भी कहा जाता है. वह अप्रैल 2018 में इथियोपिया के प्रधानमंत्री बने थे. उन्होंने चिर प्रतिद्वंद्वी इरिट्रिया के साथ खूनी संघर्ष को खत्म करने के उनके शांति प्रयासों को देखते हुए लोग उनकी तुलना नेल्सन मंडेला से करने लगे.

उन्हीं के प्रयासों का नतीजा था कि 2018 में इथियोपिया और इरिट्रिया ने सीमा विवाद को हल करने के लिए शांति समझौता किया. इस तरह 20 सालों से दोनों देशों में चल रहा सैन्य तनाव खत्म हुआ. 1998 से 2000 के बीच दोनों देशों के बीच युद्ध चला था.

अर्थशास्त्र का नोबेल: अभिजीत बनर्जी, एस्तेय डिफ्लो और माइकल क्रेमर को संयुक्त रूप से दिया जाएगा

साल 2019 के लिए अर्थशास्त्र का प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार भारतीय मूल के अमेरिकी अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी, उनकी पत्नी एस्तेय डिफ्लो के साथ-साथ अर्थशास्त्री माइकल क्रेमर को संयुक्त रूप से दिया जाएगा. इन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गरीबी कम करने के उनके प्रयोगात्मक नजरिए के लिए नोबेल दिया गया है.

अभिजीत बनर्जी के साथ-साथ उनकी पत्नी एस्तेय डिफ्लो को भी अर्थशास्त्र का नोबेल मिला है. फ्रांसीसी मूल की अमेरिकी अर्थशास्त्री डिफ्लो ने अभिजीत बनर्जी की देखरेख में ही अपनी PhD पूरी की थी. माइकल क्रेमर भी अमेरिका से हैं.

अभिजीत अर्थशास्त्र के क्षेत्र में यह सम्मान पाने वाले भारतीय मूल के दूसरे अर्थशास्त्री हैं. उनसे पहले अर्थशास्त्र के क्षेत्र में अमर्त्य सेन को यह सम्मान दिया गया था.

अभिजीत बनर्जी: एक परिचय

  • इकनॉमिक साइंसेज कैटिगरी के तहत यह सम्मान पाने वाले अभिजीत बनर्जी भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक हैं.
  • अभिजीत ने 1981 में यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता से बीएससी के बाद 1983 में जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से एमए की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद 1988 में उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी किया.
  • अभिजीत बनर्जी और उनकी पत्नी एस्तेय डिफ्लो अभी अमेरिका में मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी में इकनॉमिक्स की प्रफेसर हैं.
  • 2003 में उन्होंने एस्तेय डिफ्लो और सेंडहिल मुलैंटन के साथ मिलकर अब्दुल लतीफ जमील पावर्टी ऐक्शन लैब (JPAL) की स्थापित किया था.
  • वह 2015 के बाद डिवेलपमेंट अजेंडा पर बनी यूएन सेक्रटरी जनरल के हाई-लेवल पैनल में भी रह चुके हैं.

अभिजीत बनर्जी द्वारा लिखी गयी चर्चित पुस्तक
‘पुअर इकनॉमिक्स’ अभिजीत बनर्जी द्वारा लिखी गयी प्रसिद्ध पुस्तक है. इस पुस्तक को गोल्डमैन सैक्स बिजनस बुक ऑफ द इयर का खिताब मिला था.