26 नवम्बर: संविधान दिवस, भारतीय संविधान की 70वीं वर्षगांठ

प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ (Constitution Day) के रूप में मनाया जाता है. संविधान सभा द्वारा 1949 में इसी दिन भारतीय संविधान को मंजूरी दी गयी और 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया था. इस वर्ष यानी 2019 में हमारे संविधान को अंगीकार किए जाने की 70वीं वर्षगांठ है.

संविधान दिवस को संविधान निर्माता डॉं. भीमराव अंबेडकर को याद किया जाता है. डॉं. अंबेडकर संविधान सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे.

भारत सरकार ने 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में मनाने की घोषणा 19 नवंबर 2015 को की थी. प्रधनमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुंबई में बीआर अम्बेडकर की ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी मेमोरियल’ की आधारशिला रखने के दौरान इसकी घोषणा की थी. उनकी 125वीं जयंती वर्ष के रूप में 26 नवम्बर 2015 को पहली बार संविधान दिवस मनाया गया था.

भारतीय संविधान: एक दृष्टि

  • संविधान निर्माण के लिए 29 अगस्त 1947 को भारत के संविधान का मसौदा तैयार करनेवाली समिति की स्थापना की गई थी और इसके अध्यक्ष के तौर पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की नियुक्ति हुई थी.
  • संविधान सभा के 284 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए. दो दिन बाद इसे लागू किया गया था.
  • भारतीय संविधान को विश्व का सबसे बड़ा संविधान माना जाता है, जिसमें 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां शामिल हैं.
    यह हस्तलिखित संविधान है. इसे तैयार करने में 2 साल 11 महीने और 17 दिन का वक्त लगा था.

राज्यसभा के 250वें सत्र पर स्मारक सिक्का

संविधान दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के संयुक्‍त सत्र को संबोधित किया. उन्होंने भारतीय संसदीय लोकतंत्र में राज्यसभा की भूमिका शीर्षक पुस्तिका का विमोचन किया और राज्यसभा के 250वें सत्र पर स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया.