1 नवंबर: मध्य प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब, केरल, हरियाणा और छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस
प्रत्येक वर्ष 1 नवंबर को मध्य प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब, केरल, हरियाणा और छत्तीसगढ़ अपना स्थापना दिवस मनाते हैं. इन सभी राज्यों का गठन 1 नवंबर को ही हुआ था.
मध्य प्रदेश का गठन 1 नवंबर, 1956 को हुआ था. इसके गठन से पहले यह मध्य भारत में आता था. इस वर्ष 2019 में मध्य प्रदेश का 64वां स्थापना दिवस है. मध्य भारत प्रांत की उस समय दो राजधानियां थीं. ग्वालियर शीतकालीन राजधानी और इंदौर को ग्रीष्मकालीन राजधानी थी. मध्यप्रदेश के अस्तित्व में आने के साथ ही भोपाल को राजधानी बना दिया गया. डॉ. पटटाभि सीतारामैया मध्यप्रदेश के पहले राज्यपाल बने जबकि पंडित रविशंकर शुक्ल को पहला मुख्यमंत्री बनाया गया.
1 नवंबर 2000 को ही मध्य प्रदेश के कुछ भागों को अलग कर छत्तीसगढ़ नाम का एक नया राज्य अस्तित्व में आया था. इस वर्ष 2019 में छत्तीसगढ़ का 20वां स्थापना दिवस है. लगभग 44 प्रतिशत वन क्षेत्र और करीब 32 प्रतिशत जनजातीय जनसंख्या वाला यह राज्य खनिज संसाधनों के मामलों में काफी समृद्ध है.
कर्नाटक का गठन 1 नवंबर, 1956 को राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अधीन किया गया था. पहले यह मैसूर राज्य कहलाता था. 1973 में पुनर्नामकरण कर इसका नाम कर्नाटक कर दिया गया था.
कर्नाटक, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के अलावा पंजाब, केरल और हरियाणा का भी गठन 1 नवंबर को है हुआ था. इस कारण ये राज्य भी अपना स्थापना दिवस 1 नवम्बर को मनाते हैं.
चर्चा में: इजरायली स्पाइवेयर ‘पेगासस’ के जरिए भारत सहित वैश्विक स्तर पर जासूसी की घटना
इजरायली स्पाइवेयर (Spyware) ‘पेगासस’ के जरिए भारत सहित वैश्विक स्तर पर जासूसी की घटना हाल के दिनों में चर्चा में रहा है. इस भारतीय पत्रकार, राजनीतिक नेता और मानवाधिकार कार्यकर्ता इस जासूसी का शिकार बने हैं.
स्पाइवेयर एक प्रकार का सोफ्टवेयर है जो कंप्यूटर या मोबाइल में उपयोगकर्ताओं की गैर-जानकारी में इंस्टॉल किया जा सकता है और उनके बारे में सूचनाएं एकत्र किया जा सकता है.
अन्तर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का दूसरा अधिवेशन नई दिल्ली में आयोजित किया गया
अन्तर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) का दूसरा अधिवेशन 31 अक्टूबर को नई दिल्ली में आयोजित किया गया. सम्मेलन में बिजली मंत्री और सौर गठबंधन के अध्यक्ष आरके सिंह ने सौर ऊर्जा के बढ़ते महत्व का उल्लेख किया. इस अधिवेशन में इरिट्रिया तथा सेंट किटिज एण्ड नेविस ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल होने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए. इन दोनों देशों के शामिल हो जाने के बाद अब इसकी सदस्य संख्या 83 हो गई है.
पर्यावरण संरक्षण के लिए भारत और फ्रांस ने मिलकर अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की स्थापना की थी. पर्यावरण को स्वास्थ्य के अनुकूल बनाने और कार्बन उत्सर्जन को कम करने की उद्देश्य से इस संगठन की स्थापन की गयी है. इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2022 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़ाकर 175 गीगावाट करने और बाद में इसे 450 गीगावाट करने का संकल्प लिया था.