डेली कर्रेंट अफेयर्स
विश्व समृद्धि के मामले में PICSA सूचकांक जारी: बेंगलुरु, दिल्ली और मुंबई शामिल
उत्तरी स्पेन के बिल्बाओ में 21 नवम्बर को ‘प्रॉस्पेरिटी एंड इन्क्लूजन सिटी सील एंड अवार्ड्स’ (Participatory Integrated Climate Services for Agriculture- PICSA) सूचकांक जारी किया गया. यह सूचकांक किसी शहर का आर्थिक विकास ही नहीं, बल्कि इस विकास की गुणवत्ता और जनसंख्या के बीच इसके वितरण को भी दर्शाता है. इस सूचकांक में शीर्ष 20 देशों को समावेशी समृद्धि करने के मामले में PICSA सील से पुरस्कृत किया गया.
इस सूचकांक के आर्थिक एवं सामाजिक समावेशिता के मामले में विश्व के शीर्ष 113 देशों के शहरों में बेंगलुरु, दिल्ली और मुंबई का नाम भी शामिल है. में स्विट्जरलैंड का ज्यूरिख शीर्ष पर रहा. इस सूची में बेंगलुरु 83वें स्थान के साथ भारतीय शहरों में शीर्ष पर रहा. सूचकांक में दिल्ली का 101वां और मुंबई का 107वां स्थान रहा.
यह सूचकांक पहली बार जारी किया गया है. इसमें मेजबान शहर बिल्बाओ को 20वां स्थान मिला. इस सूची में स्विट्जरलैंड का ज्यूरिख पहले, आस्ट्रिया की राजधानी विएना दूसरे और डेनमार्क का कोपेनहोगन तीसरे स्थान पर रहा. लक्समबर्ग और हेलसिंकी चौथे एवं पांचवें स्थान पर रहे. ताइपे एकमात्र ऐसा एशियाई शहर है जो शीर्ष 20 में जगह बनाने में कामयाब रहा. ताइपे छठे स्थान पर रहा.
महाराष्ट्र में देवेन्द्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली
महाराष्ट्र में 23 नवम्बर को देवेन्द्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उप-मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने दोनों नेताओं को मुम्बई में राजभवन में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. शपथ ग्रहण समारोह राज्य में राष्ट्रपति शासन समाप्त करने के मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद आयोजित किया गया था. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता अजित पवार ने अपने दल के कई विधायकों के समर्थन का आश्वासन दिया है.
शपथ ग्रहण से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता देवेन्द्र फडणवीस ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से सरकार बनाने का दावा पेश किया था. उस दावे की पुष्टि करते हुए आदरणीय राज्यपाल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से राष्ट्रपति शासन वापस लेने अनुशंसा की थी. राष्ट्रपति शासन वापस लेने की मंजूरी के बाद राज्यपाल ने शपथ का निमंत्रण दिया था.
महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर जारी राजनीतिक गतिरोध को देखते हुए 12 नवम्बर को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था. 288 सीटों वाली विधानसभा में BJP 105 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी. शिवसेना ने 56, NCP ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीती थीं. इस राज्य में सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों के समर्थन की जरूरत है.
चित्रेश नटसन मिस्टर यूनिवर्स का खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बने
भारत के चित्रेश नटसन ने हाल ही में मिस्टर यूनिवर्स (Mr. Universe) 2019 का खिताब जीतने में सफलता पाई है. वह यह खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बन गये हैं.
चित्रेश ने 11वीं वर्ल्ड बॉडी बिल्डिंग और फिजीक स्पोर्ट्स चैम्पियनशिप (11th World Body Building And Physique Championship) के 90 किग्रा वर्ग में मिस्टर यूनिवर्स का खिताब जीता. इस चैंपियनशिप का आयोजन साउथ कोरिया के जेजू में किया गया था.
इस चैंपियनशिप में 38 देशों ने हिस्सा लिया था, जिसमें भारत ने कुल 23 मेडल जीते. इसमें 6 गोल्ड, 3 सिल्वर और 4 ब्रोन्स मेडल शामिल हैं. साथ ही भारत ने टीम चैंपियनशिप की कैटेगरी में थाईलैंड के बाद दूसरे नंबर पर अपनी जगह बनाई.
ग्रेटा थनबर्ग को अंतर्राष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया
स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को जलवायु परिवर्तन के खिलाफ उनके संघर्ष के लिए 20 नवम्बर को अन्तर्राष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. कैमरून की शांति कार्यकर्ता 15 वर्षीय डिविना मलौम को भी अंतर्राष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
यह पुरस्कार डच बाल अधिकार संगठन ‘किड्स राइट’ 2005 से देता आ रहा है. भारतीय बाल अधिकार कार्यकर्ता और 2014 के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने यह पुरस्कार प्रदान किया. थनबर्ग समारोह में उपस्थित नहीं हो सकीं क्योंकि वह मेड्रिड में एक अंतर्राष्ट्रीय जलवायु सम्मेलन में भाग लेने के लिए नाव से अटलांटिक महासागर पार कर रही हैं.
ग्रेटा थनबर्ग: एक दृष्टि
16 वर्षीय ग्रेटा थनबर्ग, स्कूल स्ट्राइक फॉर क्लाइमेट मूवमेंट की संस्थापक हैं. उन्होंने स्वीडन की संसद के समक्ष पेरिस समझौते के मुताबिक कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए विरोध प्रदर्शन किया था. जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को रोकने के लिए आवाज उठाने वाली थनबर्ग ने पिछले साल अंतर्राष्ट्रीय पटल पर दस्तक दी, जब उन्होंने जलवायु परिवर्तन के विरोध में स्कूल हड़ताल की थी.
नवंबर का अंतिम रविवार: राष्ट्रीय कैडेट कोर की वर्षगांठ
प्रत्येक वर्ष नवंबर माह के अंतिम रविवार को राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) अपना वर्षगांठ मनाता है. इस वर्ष यानी 2019 में NCC कैडेटों द्वारा 71वीं वर्षगांठ मनाई गई. इस मौके पर दिल्ली में इंडिया गेट के वॉर मेमोरियल पर NCC के तीनों स्कंधों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
राष्ट्रीय कैडेट कोर: एक दृष्टि
राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) की स्थापना 1948 में नेशनल कैडेट कोर अधिनियम के तहत की गई थी. इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है. आज देशभर में करीब 14 लाख कैडेट प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं. NCC का ध्येय एकता और अनुशासन है. NCC का लक्ष्य कैडेटों को समाज के अच्छे नागरिक बनाने और उन्हें जीवन के प्रत्येक क्षेत्र मे योग्य और अग्रणी बनाने के लिए उनमें चारित्रिक गुणों का विकास करना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एक NCC कैडेट रहे हैं.
देश-दुनिया: एक दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र डेलीडोज
G-20 देशों के विदेश मंत्रियों की शिखर बैठक: G-20 देशों के विदेश मंत्रियों की शिखर बैठक जापान के नगोया में आयोजित की जा रही है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और न्यूजीलैंड के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की और भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी मजबूत करने पर चर्चा की. बैठक में मुक्त व्यापार, सतत विकास और अफ्रीकी देशों के आर्थिक विकास में सहयोग पर विचार-विमर्श हो रहा है.
राज्यपालों के सम्मेलन का शुभारम्भ: देश के राज्यपालों और उपराज्यपालों का सम्मेलन राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में 23 से 24 नवम्बर तक आयोजित किया जा रहा है. इस सम्मेलन की अध्यक्षता राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कर रहे हैं. यह राष्ट्रपति भवन में आयोजित 50वां और श्रीकोविंद की अध्यक्षता में तीसरा सम्मेलन है.
छह प्लास्टिक पार्क बनाने की मंज़ूरी: सरकार ने देश के विभिन्न भागों में छह प्लास्टिक पार्क बनाने की मंज़ूरी दे दी है. इन पार्कों में अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे वाली इमारत के साथ-साथ प्लास्टिक प्रसंस्करण उद्योग के बीच ताल-मेल के लिए अनुकूल माहौल रहेगा. ये पार्क असम, मध्य प्रदेश, ओडिसा, झारखंड और तमिलनाडु में बनाए जाएंगे. रसायन और उर्वरक मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा ने कहा कि इन प्लास्टिक पार्कों में से मध्य प्रदेश में तामोट स्थित पार्क चालू हो चुका है.
GST की रूप-रेखा में बड़े बदलाव की आवश्यकता: 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह ने वस्तु और सेवाकर (GST) की रूप-रेखा में बड़े बदलाव की आवश्यकता बताई है. कर संग्रह बढ़ाने के लिए उन्होंने जटिल अनुपालन प्रक्रिया कम करने और कर दरों में बार-बार बदलाव पर अंकुश लगाने का सुझाव दिया. उन्होंने केन्द्र प्रायोजित योजनाओं को तर्कसंगत बनाने पर भी जोर दिया.