isro launched cartosat 3 using PSLV

ISRO ने निगरानी उपग्रह ‘कार्टोसैट-3’ सहित अमेरिका के 13 नैनो उपग्रहों का प्रक्षेपण किया

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 27 नवम्बर को ‘कार्टोसैट-3’ सहित अमेरिका के 13 नैनो उपग्रहों (सैटलाइट्स) का प्रक्षेपण किया. यह प्रक्षेपण PSLV-C47 राकेट के माध्यम से किया गया. यह PSLV-C47 की यह 49वीं उड़ान थी. इस उड़ान में ‘कार्टोसैट-3’ सहित सभी उपग्रहों को उनके कक्षा (ऑर्बिट) में प्रक्षेपित किया गया.

यह प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के लॉन्च पैड से किया गया. ISRO का इस अंतरिक्ष केंद्र से यह 74वां प्रक्षेपण यान मिशन था. इस प्रक्षेपण में PSLV C47 राकेट ने कार्टोसैट-3 उपग्रह को 509 किलोमीटर के पोलर सन-सिन्क्रनस ऑर्बिट में प्रक्षेपित किया.

कार्टोसैट-3 (Cartosat-3): एक दृष्टि

  • कार्टोसैट-3 धरती की निगरानी और मैप (एडवांस्ड रिमोट सेंसिंग) सैटलाइट है. इसे भारत की आंख भी कहा जा रहा है. यह 509 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी की प्रक्रिमा करेगा.
  • ‘कार्टोसैट-3’ कार्टोसैट सीरीज का नौवां सैटलाइट है. इसका भार 1,625 किलोग्राम है. इसका जीवनकाल पांच वर्ष का होगा.
  • यह तीसरी पीढ़ी का बेहद चुस्त और उन्नत असैन्य उपग्रह है जिसमें हाई रेजॉलूशन तस्वीर लेने की क्षमता है.
  • कार्टोसैट-3 का इस्तेमाल 3-डी मैपिंग, आपदा प्रबंधन, खेती, जल प्रबंधन, सीमा सुरक्षा, मौसम और असैन्य जानकारी जुटाने के लिए किया जायेगा.
  • 509 किलोमीटर की ऊंचाई से यह जमीन पर ऐसी दो चीजों में फर्क कर सकता है जिनके बीच की दूरी 25 सेंटिमीटर हो. यही नहीं जमीन से एक फुट ऊंची चीज को भी यह आसानी से पहचान सकता है.