श्रीलंका के राष्‍ट्रपति गोठाभय राजपक्ष ने भारत की यात्रा की

श्रीलंका के नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति गोठाभय राजपक्ष ने 28 से 30 नवम्बर तक भारत की राजकीय यात्रा पर थे. 21 नवम्बर को राष्‍ट्रपति निर्वाचित होने के बाद राजपक्ष की यह पहली विदेश यात्रा थी. प्रधानमंत्री मोदी के निमंत्रण पर श्रीलंकाई राष्ट्रपति भारत यात्रा पर आए थे. अपनी इस यात्रा से पहले उन्होंने अपने एक सन्देश में साफ किया था कि उनका देश ऐसा कुछ भी नहीं करेगा जिससे भारत की सुरक्षा जरूरतों को ठेंस पहुंचे.

प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय वार्ता
इस यात्रा के क्रम में श्रीलांकाई राष्‍ट्रपति गोठाभय राजपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ नई दिल्ली में द्विपक्षीय वार्ता की. इस वार्ता में दोनों नेताओं ने अनेक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया. वार्ता में आपसी सुरक्षा के लिए और आतंकवाद के विरूद्ध सहयोग को और मजबूत करने पर विस्‍तार से चर्चा हुई.

श्रीलंका को 450 मिलियन डॉलर ऋण सुविधा
भारत ने इस वार्ता में आतंकवाद से निपटने के लिए श्रीलंका को पांच करोड़ (50 मिलियन) डॉलर की ऋण सुविधा देने का प्रस्ताव किया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मजबूत श्रीलंका न सिर्फ भारत के हित में है बल्कि इसमें समूचे हिंद महासागर क्षेत्र की भलाई है.

श्रीलंका के राष्ट्रपति के साथ बातचीत के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में भारत ने श्रीलंका को 40 करोड़ (400 मिलियन) डॉलर की एक अन्य ऋण सुविधा देने की घोषणा की. यह नई लाईन ऑफ क्रेडिट से श्रीलंका में इन्फ्रास्ट्रक्चर और विकास को बल मिलेगा.

राष्ट्रपति कोविंद के साथ बैठक
राष्ट्रपति भवन में श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाय राजपक्ष के साथ बैठक में राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि भारत दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध और निवेश संपर्क बढ़ाना चाहता है. उन्होंने कहा कि भारत, श्रीलंका को अपनी विकास गाथा का हिस्सा बनाना चाहता है.