महात्मा गांधी की 150वीं जयंती समारोह की संयोजन समिति की दूसरी बैठक नई दिल्ली में हुई

महात्मा गांधी की 150वीं जयंती समारोह की संयोजन समिति की दूसरी बैठक (2nd Meeting of National Committee for Commemoration of 150th Birth Anniversary of Mahatma Gandhi) 19 दिसम्बर को नई दिल्ली में हुई. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस बैठक की अध्यक्षता की. भारत की यात्रा पर आये पुर्तगाल के प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा ने भी इस बैठक में भाग लिया.

बैठक की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि महात्मा गांधी के प्रति पूरे विश्व में आदर और श्रद्धा का भाव है, क्योंकि दुनिया समझ रही है कि शांति, समानता और अहिंसा का उनका दृष्टिकोण आज भी अधिक प्रासंगिक है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित करते हुए महात्मा गांधी के विचार और दर्शन को जीवन में उतारने की आवश्यकता की बात कही.

पुर्तगाल ने गांधी नागरिकता शिक्षा पुरस्कार आरंभ करने की घोषणा की

पुर्तगाल के प्रधानमंत्री अंतोनियो कोस्टा ने महात्मा गांधी के आदर्शों को शाश्वत बनाए रखने के लिए उनके विचारों और उद्धरणों से प्रेरित गांधी नागरिकता शिक्षा पुरस्कार आरंभ करने की घोषणा की है. यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष प्रदान किया जाएगा. पहले वर्ष का पुरस्कार ‘पशु कल्याण’ के लिए समर्पित होगा.

महात्मा गांधी की 150वीं जयंती समारोह की संयोजन समिति: एक दृष्टि

  • सरकार राष्‍ट्रपिता के संदेश को प्रचारित करने के लिए उनकी 150वीं जयंती राष्‍ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्‍तर पर मना रही है. इस कार्य के लिए राष्‍ट्रपति की अध्‍यक्षता में राष्‍ट्रीय समति गठित की गई है. समिति के अन्‍य सदस्‍यों में उप-राष्‍ट्रपति, प्रधानमंत्री, सभी राज्‍यों के मुख्‍यमंत्री, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि, गांधीवादी चिंतक और जीवन के विभिन्‍न क्षेत्रों से जुड़े महत्‍वपूर्ण व्‍यक्ति शामिल हैं. इस समिति में संयुक्‍त राष्‍ट्र के पूर्व महासचिव बान-की-मून समेत नौ अन्तर्राष्ट्रीय सदस्‍य भी हैं.
  • मई 2018 में हुई समिति की पहली बैठक में गांधीजी की 150वीं जयंती के सिलसिले को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में एक कार्यकारी समिति गठित करने का निर्णय लिया गया था. श्री मोदी ने समारोह को सरकारी आयोजनों से आगे ले जाकर एक जन आंदोलन बनाने का आह्वान किया था.
  • महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में देश के 150 प्रमुख विश्वविद्यालय 150 विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर गांधी जी पर सम्मेलनों का आयोजन करेंगे.