सरकार ने तीनों सेनाओं के बीच तालमेल के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का नया पद बनाने को मंजूरी दी

कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्यॉरिटी ने 24 दिसम्बर को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) का नया पद बनाने को मंजूरी दी. इस पद का मकसद भारत के सामने आने वाली सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बढ़ाना है.

CDS मुख्यत: रक्षा और रणनीतिक मामलों में प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के एकीकृत सैन्य सलाहकार के रूप में काम करेगा. 1999 के करगिल युद्ध के मद्देनजर देश की सुरक्षा प्रणाली में खामियों की समीक्षा के लिए बनाई गई समिति ने रक्षा मंत्री के एकीकृत सैन्य सलाहकार के रूप में CDS की नियुक्ति का सुझाव दिया था.

अजीत डोभाल की समिति का गठन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक सैन्य सुधार की घोषणा करते हुए कहा था कि भारत की तीनों सेना के लिए एक प्रमुख होगा, जिसे CDS कहा जाएगा. प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद CDS की नियुक्ति के तौर-तरीकों और उसकी जिम्मेदारियों को अंतिम रूप देने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था.

CDS की भूमिका

CDS की सबसे अहम् भूमिका युद्ध के समय होगी. युद्ध के समय तीनों सेनाओं के बीच प्रभावी समन्वय कायम करना CDS की जिम्मेदारी होगी. इससे दुश्मनों का सक्षम तरीके से मुकाबला करने में मदद मिलेगी.

दरअसल सशस्त्र बलों की तालमेल योजना में कई बार खामियां सामने आईं है. 1962 में चीन के साथ भारत का युद्ध हुआ था. उस युद्ध में भारतीय वायुसेना को कोई भूमिका नहीं दी गई थी जबकि भारतीय वायुसेना तिब्बत की पठारी पर जमा हुए चीनी सैनिकों को निशाना बना सकती थी और उनके बीच तबाही मचा सकती थी. इसी तरह से पाकिस्तान के साथ 1965 के युद्ध में भारतीय नौसेना को पाकिस्तान की अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर हमले की योजना से अवगत नहीं कराया गया. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रहते हुए इस तरह की कोई खामी नहीं रहेगी और सेना प्रभावी ढंग से दुश्मन से निपट सकेगी.