जनरल बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) होंगे

देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) की घोषणा 30 दिसम्बर को कर दी गयी. जनरल बिपिन रावत देश के पहले CDS होंगे. CDS देश का सर्वोच्च सैन्य अधिकारी होंगे और थलसेना, वायुसेना तथा नौसेना के बीच बेहतर समन्‍वय करने पर ध्‍यान देंगे. इसके साथ भारत अब यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, इटली और स्‍पेन जैसे देशों में शामिल हो गया है, जिनके पास अपने CDS हैं.

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) का पद और दायित्व

CDS थल, जल और वायु, तीनों सेनाओं की तरफ से रक्षा मंत्री के सलाहकार होंगे. उनके सामने देश की तीनों सेनाओं में साझी सोच विकसित करने और उन्हें एकीकृत तरीके से ऑपरेशनों को अंजाम देने में सक्षम बनाने की जिम्मेदारी होगी. CDS भारतीय सेनाओं में स्वदेशी साजो-सामान का उपयोग बढ़ाने का भी दायित्व होगा.

तीनों सेनाओं के प्रमुख भी अपनी-अपनी सेनाओं से संबंधित सलाह रक्षा मंत्री को पहले की तरह ही देते रहेंगे. CDS संबंधित अथॉरिटीज को तीनों सेनाओं की जानकारियां उपलब्ध कराएगा. वह डिफेंस ऐक्विजीशन काउंसिल और डिफेंस प्लानिंग काउंसिल के सदस्य होगा. CDS प्रशिक्षण, रसद और तीनों सेनाओं की खरीद में संयुक्तता सुनिश्चित करेगा.

CDS का कार्यकाल और आयु-सीमा

रक्षा मंत्रालय ने 29 दिसम्बर को सेना नियमों, 1954 में कार्यकाल और सेवा के नियमों में संशोधन किया. संशोधन के तहत CDS या ट्राई-सर्विसेज प्रमुख 65 साल की आयु तक सेवा दे सकेंगे. पहले तीन सेवाओं के प्रमुख 62 साल की आयु तक या अधिकतम तीन साल तक सेवा दे सकते थे.

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) का पद का सृजन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 दिसंबर 2019 को CDS का पद सृजित करने को मंजूरी दी थी. प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त के अपने भाषण में सबसे पहले इसका जिक्र किया था.

1999 के करगिल युद्ध के मद्देनजर देश की सुरक्षा प्रणाली में खामियों की समीक्षा के लिए बनाई गई समिति ने रक्षा मंत्री के एकीकृत सैन्य सलाहकार के रूप में CDS की नियुक्ति का सुझाव दिया था.

CDS का चुनाव और सेवानिवृति के बाद का दायित्व

कोई फोर स्टार जनरल CDS के पद नियुक्त हो सकता है. यह थल सेना, वायुसेना या नौसेना किसी से भी हो सकता है. CDS के पद से हटने के बाद उसे किसी भी सरकारी सेवा में जाने का अधिकार नहीं होगा. वह CDS का पद छोड़ने के पांच साल बाद ही कोई प्राइवेट सर्विस जॉइन कर सकता है. इसके लिए उसे सरकार से पूर्वानुमति लेनी होगी.

डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स के प्रमुख होंगे

CDS, डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स (DMA) के प्रमुख होंगे. यह विभाग CDS को अपनी भूमिका/कार्यों को पूर्ण करने में सक्षम बनाएगा इस विभाग में हर स्तर पर नौकरशाह और सैन्य अधिकारी, दोनों होंगे. विभाग सैन्य साजो-सामान की खरीद, सैन्य बलों के प्रशिक्षण और नियुक्तियों में तीनों सेनाओं की जरूरतों के मद्देनजर फैसले लेगा. सरकार ने रक्षा सचिव के चार्टर में संशोधन कर DMA के नाम से रक्षा मंत्रालय में एक नया विभाग बनाया था.

CDS को कैबिनेट सेक्रटरी रैंक दिया गया

CDS को तीन सैन्य प्रमुखों की तर्ज पर कैबिनेट सेक्रटरी का रैंक दिया गया है. डिफेंस सेक्रटरी के दायरे से चार तत्वों को निकाल दिया गया है, उनमें तीनों सशस्त्र सेवाएं, उनके संबंधित मुख्यालय, प्रादेशिक सेना (टेरिटोरियल आर्मी) और थल, जल एवं वायु सेना से संबंधित कार्य शामिल हैं. ये अब CDS के अधीन वाले DMA के दायरे में आ गए हैं.

चीफ ऑफ स्टाफ कमिटी के स्थाई अध्यक्ष

CDS, चीफ ऑफ स्टाफ कमिटी के स्थाई अध्यक्ष होंगे. इस भूमिका में उन्हें इंटिग्रेटेड डिफेंस स्टाफ से मदद मिलेगी.