UGC ने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए पांच नए दिशा-निर्देश जारी किए

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए 26 दिसम्बर को पांच नए दिशा-निर्देश जारी किए. मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने नई दिल्ली में मूल्य प्रवाह, गुरु दक्षता, सतत, केयर और मूल्यांकन सुधार नाम से इन दिशा-निर्देशों को जारी किया. इनका मकसद शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ भारत के शैक्षणिक संस्थानों की रैंकिंग सुधारकर इन्हें दुनिया के शीर्ष सौ संस्थानों में शामिल करना है.

  • नए दिशा-निर्देशों के तहत छात्र के मूल्यांकन को अधिक सार्थक और प्रभावी बनाया जाएगा और मूल्यांकन को लर्निंग आउटकम से जोड़ा जाएगा. इसके अलावा गुणवत्तापूर्ण जर्नल्स की निरंतर निगरानी के लिए यूजीसी केयर की शुरुआत की गई है.
  • शैक्षणिक संस्थानों में मानवीय मूल्यों की संस्कृति को बढ़ावा देने के मकसद से UGC ने मूल्य प्रवाह नाम से दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं.
  • कॉलेज और विश्वविद्यालयों के शिक्षकों के लिए गुरु दक्षता की शुरुआत भी की गई है, जिसके तहत शिक्षकों के लिए 1 महीने का शिक्षक प्रेरण कार्यक्रम (इंडक्शन प्रोग्राम) अनिवार्य किया जाएगा. इसका मकसद शिक्षकों को छात्रों के समक्ष रोल मॉडल यानि आदर्श के तौर पर पेश करना है.
  • शैक्षणिक संस्थानों में पर्यावरण के अनुकूल सतत कैंपस के विकास के लिए सतत नाम से दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं. इसका मकसद संस्थानों को भविष्य में सतत हरित तरीकों को अपनाने के लिए प्रेरित करना है.