भारत और जापान के बीच पहला ‘टू-प्‍लस-टू’ वार्ता नई दिल्ली में आयोजित की गयी

भारत और जापान के विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच ‘टू-प्‍लस-टू’ वार्ता नई दिल्‍ली में 30 नवम्बर को आयोजित की गयी थी. दोनों देशों के बीच यह पहली टू-प्‍लस-टू वार्ता थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में आयोजित 13वें भारत-जापान वार्षिक सम्मेलन में जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ दोनों देशों के बीच बातचीत के लिए ‘टु-प्लस-टु’ वार्ता की रूपरेखा तय की थी.

इस पहली टू-प्‍लस-टू वार्ता में भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्‍व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने किया. जापानी शिष्ट‍मंडल की ओर से इस वार्ता में विदेश मंत्री तोशिमित्‍शू मोटेगी और रक्षामंत्री तारो कोनो ने हिस्सा लिया.

इस वार्ता में दोनों देशों ने ‘भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक भागीदारी’ के अन्‍तर्गत रक्षा और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की. दोनों पक्षों ने हिन्द-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति और लोगों के बेहतर भविष्य के लिए शांति, समृद्धि और प्रगति के साझा उद्देश्य की दिशा में प्रयासों पर भी चर्चा की.

वार्ता के बाद जारी साझा बयान
इस वार्ता के बाद जारी साझे बयान में दोनों देशों ने पाकिस्तान में संचालित आतंकवादी ठिकानों से क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा बताते हुए उससे ‘ठोस और निर्णायक’ कार्रवाई करने को कहा.

मंत्रियों ने इस बात पर जोर दिया कि सभी देशों को यह अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करना होगा कि वे अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी दूसरे देश पर किसी भी रूप में आतकंवादी हमले के लिए नहीं होने देंगे. पाकिस्तान से FATF (Financial Action Task Force) समेत तमाम अन्तर्राष्ट्रीय अपेक्षाओं पर खरा उतरने को कहा.