भारत और अमरीका के बीच मंत्री स्तरीय दूसरा टू-प्लस-टू वार्ता वाशिंग्टन में आयोजित की गयी

भारत और अमरीका के बीच मंत्री स्तरीय दूसरी टू-प्लस-टू वार्ता (Indo US 2nd Two-plus-two Dialogue) वाशिंग्टन में 18 दिसम्बर को आयोजित की गयी. विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस वार्ता बैठक में भारतीय पक्ष का नेतृत्व किया. अमरीका की ओर से वहां के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने इस बातचीत में प्रतिनिधित्व किया.

इस वार्ता में दोनों देशों के बीच क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया. दोनों देश द्विपक्षीय सहयोग और रक्षा व्यापार और मजबूत करने पर सहमत हुए हैं. जापान जैसे समान विचार वाले देशों के साथ हिंद प्रशांत क्षेत्र को शांतिमय बनाने और आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने के लिए तालमेल बढ़ाने पर भी दो देश सहमत हुए.

वार्ता में दोनों देशों ने आपसी संबंधों को 2020 में नये स्तर तक पहुंचाने की रूपरेखा तय की. दोनों पक्षों ने निर्वाचित प्रतिनिधियों के बीच संपर्क मजबूत करने, औद्योगिक सुरक्षा, अंतरिक्ष, विज्ञान, जल तथा लोगों के बीच संबंध बढ़ाने के अनेक समझौतों पर हस्ताक्षर किए. इस वार्ता में दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष, रक्षा और औद्योगिक सहयोग के नये समझौतों पर हस्ताक्षर हुए.

भारत और अमरीका ने अलकायदा, इस्लामिक स्टेट, लश्कर-ए-तैय्यबा, जैश-ए-मोहम्मद, हक्कानी नेटवर्क, हिज्बुल मुजाहिदीन और डी कंपनी सहित सभी आतंकवादी गुटों के खिलाफ एकजुट कार्रवाई का आह्वान किया. दोनों देशों ने पाकिस्तान से तत्काल, अचूक और सतत कार्रवाई करने को कहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसके नियंत्रण वाले किसी भी क्षेत्र का इस्तेमाल अन्य देशों के खिलाफ आतंकवाद के लिए न किया जा सके.

भारत-अमरीका टू-प्लस-टू दूसरी मंत्रिस्तरीय वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में दोनों देशों ने पाकिस्तान से 26 नवंबर 2008 के मुंबई आतंकी हमले और पठानकोट हमले सहित सीमापार से आतंकी हमलों के दोषिय़ों को गिरफ्तार करने और उन पर मुकदमा चलाने को कहा. भारत ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर सहित अन्य आतंकवादियों के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र में अमरीका के समर्थन की सराहना की.

वार्ता में अमरीका ने पुनर्गठित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता और परमाणु आपूर्तिकर्ता देशों के समूह में भारत को जल्दी प्रवेश दिये जाने के प्रति मजबूत समर्थन व्यक्त किया.

भारत-अमरीका टू-प्लस-टू वार्ता: एक दृष्टि

  • भारत-अमरीका टू-प्लस-टू वार्ता में दोनों देशों के दो-दो मंत्री (विदेश और रक्षा) और उनके प्रतिनिधिमंडल हिस्सा लेते हैं.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प की स्वीकृति के बाद पहली टू-प्लस-टू वार्ता सितंबर 2018 में नई दिल्ली में हुई थी. इस वार्ता में दोनों देशों के बीच विदेश नीति और रक्षा के क्षेत्रों में बहुत प्रगति हुई थी.
  • यह वार्ता बैठक दोनों देशों के बीच उच्चतम स्तर का संस्थागत तंत्र है जो विदेश नीति, रक्षा और रणनीतिक मुद्दों पर दोनों के विचारों को एक साथ लाता है.