राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार 2019 प्रदान किये
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 5 दिसम्बर को नई दिल्ली में नर्सों की तीन विभिन्न श्रेणियों में 36 पुरस्कार प्रदान किए. ये पुरस्कार देश में नर्सिंग क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिए गये. राष्ट्रपति ने विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 2020 को नर्स और मिड-वाइफ वर्ष घोषित किए जाने पर प्रसन्नता जाहिर की.
पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं में से एक नाम लिनी सजीश पुथुस्सेरी का भी है. निपाह वायरस से पीड़ित लोगों का इलाज करने के दौरान इसके वायरस संक्रमण से लिनी की मौत हो गयी थी. लिनी सजीश केरल स्थित कोझीकोड के सरकारी अस्पताल में नर्स थीं.
1973 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार की स्थापना की गई थी.
फ्लोरेंस नाइटिंगेल (Florence Nightingale) को आधुनिक नर्सिग आन्दोलन का जन्मदाता माना जाता है. वह ‘द लेडी विद द लैंप’ के नाम से प्रसिद्ध हैं. 1859 में फ्लोरेंस ने सेंट थॉमस अस्पताल में एक नाइटिंगेल प्रक्षिक्षण विद्यालय की स्थापना की थी. इसी बीच उन्होंने नोट्स ऑन नर्सिग पुस्तक लिखी.