प्रधानमंत्री ने भूजल के स्थायी प्रबंधन के लिए ‘अटल भूजल योजना’ का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भूजल के स्थायी प्रबंधन के लिए ‘अटल भूजल योजना’ का 25 दिसम्बर को शुभारंभ किया. केन्द्र सरकार की इस योजना के तहत लोगों की भागीदारी से भूजल प्रबंधन और व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा दिया जाएगा. यह योजना पंचायतों के नेतृत्‍व में भूमि जल प्रबंधन को बढ़ावा देगी.

केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में छह हज़ार करोड़ रुपये की इस योजना को मंज़ूरी दी गयी थी. इसमें तीन हजार करोड़ रुपये वर्ल्ड बैंक से मिलेंगे. तीन हजार करोड़ भारत सरकार देगी.

इसमें सात प्रदेशों के 8350 गांव चिन्हित

यह योजना देश के प्रत्‍येक परिवार को नल से जल की आपूर्ति की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम हैं. योजना के तहत गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के आठ हजार तीन सौ पचास गांव चिन्हित किये गये हैं. चिन्हित क्षेत्रों में अगले पांच वर्ष के दौरान लागू की जाएगी.

‘जल जीवन मिशन’ के तहत सभी घरों में पानी पहुंचाने का लक्ष्य

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने ‘जल जीवन मिशन के तहत’ वर्ष 2024 तक सभी ग्रामीण घरों में पाइप के जरिए नल का पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. देश में अभी तक 18 करोड़ ग्रामीण घरों में से सिर्फ 3 करोड़ घरों में ही नल से पानी पहुँचता है. सरकार ने अगले 5 सालों में ग्रामीण क्षेत्रों में 15 करोड़ घरों में पाइप के जरिए नल का पानी पहुंचाना है. इसके लिए अगले 5 सालों में केंद्र और राज्य सरकारें 3.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करने वाले हैं.

जल जीवन मिशन और अटल जल योजना में अंतर

इस प्रकार ‘जल जीवन मिशन’ हर घर तक जल पहुंचाने का काम करेगा और ‘अटल जल योजना’ उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देगी जहां ग्राउंड वॉटर बहुत नीचे गई है या तेजी से नीचे जा रही है.

किसानों की आमदनी बढ़ेगी

देश के कुल सिंचित भूमि में भू-जल का योगदान लगभग 65 प्रतिशत है. जबकि ग्रामीण पेयजल आपूर्ति में इसका योगदान 85 प्रतिशत है. बढ़ती जनसंख्या, शहरीकरण और ऑद्योगीकरण की वजह से देश के सीमित भू-जल संसाधन खतरे में है.

अटल भू-जल योजना के दो प्रमुख घटक हैं- पहला राज्यों में स्थायी भू-जल प्रबंधन के लिए संस्थागत प्रबंधनों को मजबूत बनाने के साथ-साथ क्षमता निर्माण को भी मजबूत बनाना है. वहीं दूसरे घटक में भू-जल प्रबंधन उपायों को और बेहतर बनाने के लिए राज्यों को प्रोत्साहन देना है.

अटल भू-जल योजना के जरिये उपलब्ध भू-जल संसाधनों का उचित उपयोग करने पर भी जोर दिया जायेगा. इससे किसानों की आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी.