चालू वित्त वर्ष 2019-20 की पांचवी द्विमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 5 दिसम्बर को मुंबई में हुई. यह चालू वित्त वर्ष (2019-20) की पांचवी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक थी. बैठक में मौद्रिक नीति समिति ने प्रमुख नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है.

प्रमुख नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं

इस बैठक में RBI ने रेपो दर में कोई बदलाव नहीं करते हुए इसे 5.15% पर अपरिवर्तित रखी गई है. रिवर्स रेपो दर 4.90% और बैंक दर 5.40% बनी रहेगी. यह फैसला उपभोक्‍ता मूल्‍य सूचकांक के आधार पर मुद्रास्‍फीति की चार प्रतिशत दर के मध्‍यम अवधि लक्ष्‍य के मद्देनजर किया गया है.

अक्‍टूबर में घोषित चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति में RBI ने 5वीं बार रेपो-दर में कटौती कर 5 दशमलव 5.15% प्रतिशत कर दिया था, वहीं, रिजर्व रेपो-दर घटकर 4.90% प्रतिशत और सीमांत स्‍थायी सुविधा दर और बैंक दर 5.40 प्रतिशत किये गये थे.

रेपो रेट कम होने से कैसे लोगों को होता है फायदा?

रेपो रेट के कम होने से बैंकों को RBI से कम व्याज पर कर्ज मिलता है. इस सस्ती लागत का लाभ कर्ज लेने वाले ग्राहकों को मिलता है. इससे बैंकों को घर, दुकान, पर्सनल और कार के लिये लोन कम दरों पर देने का मौका मिलता है. ग्राहकों के चल रहे लोन पर EMI का भी कम होता है.

जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान

रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिये GDP वृद्धि का पूर्वानुमान 6.9% से घटाकर 5% कर दिया है. वर्ष 2020-21 के लिए यह अनुमान 7.2% रखा गया है.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): एक दृष्टि

  • भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है. यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है.
  • RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई. प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन 1937 में मुम्बई आ गया.
  • पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.

वर्तमान दरें: एक दृष्टि

नीति रिपो दर5.15%
प्रत्‍यावर्तनीय रिपो दर4.90%
सीमांत स्‍थायी सुविधा दर5.40%
बैंक दर5.40%
CRR4%
SLR18.75%

क्या होता है रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट, सीआरआर और एसएलआर?