RBI ने सहकारी बैंकों से पांच करोड़ रुपए से अधिक के लेन-देन की जानकारी CRILC को देने के निर्देश दिए

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सहकारी बैंकों से पांच करोड़ रुपए या इससे अधिक के सभी लेन-देन की जानकारी CRILC (बड़े ऋणों से संबंधित सूचना की केंद्रीय संग्रह प्रणाली) को देने के निर्देश दिए हैं. वित्तीय संकट को जल्द पहचानने के लिए यह एक बेहद जरूरी कदम होगा.

इससे पहले RBI ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में पांच सौ करोड़ रुपये और उससे अधिक निधि वाली शहरी, सहकारी बैंकों को CRILC के दायरे में लाने की घोषणा की थी.

CRILC क्या है?

CRILC, Central Repository of Information on Large Credits का संक्षिप्त रूप है. रिजर्व बैंक ने वाणिज्यिक बैंकों, अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों और कुछ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के साथ मिलकर CRILC बनाया है. इसमें वित्तीय लेन-देन पर्यवेक्षण को दूर करना और वित्तीय संकट की जल्द पहचान शामिल हैं.