नीति आयोग ने भारत के सतत विकास लक्ष्‍य सूचकांक 2019-20 जारी किया

नीति आयोग के उपाध्‍यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने 30 दिसम्बर को भारत के सतत विकास लक्ष्‍य सूचकांक (Sustainable Development Goals Index- SDG) का दूसरा संस्‍करण (2019-20) जारी किया. इस सूचकांक में देश के समग्र रैंक में सुधार हुआ है और यह 57 से 60 हो गया है. यह उपलब्धि जल, स्‍वच्‍छता, ऊर्जा और उद्योग क्षेत्रों में बेहतर काम के कारण हासिल की है.

सूचकांक की राज्‍यों की सूची में केरल, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना सबसे ऊपर हैं. इस वर्ष किसी भी राज्‍य को 100 अंकों में से 50 से कम नहीं मिले हैं. कुपोषण और स्‍त्री-पुरूष असमानता देश के लिए समस्‍या बनी हुई है जिस पर अधिक ध्‍यान देने की जरूरत है. स्वच्छ भारत अभियान, उज्जवला योजना सहित तमाम जनकल्याणकारी कार्यक्रमों के चलते भी भारत का प्रदर्शन बेहतर हुआ है.

इस बार के सूचकांक के मुताबिक लैंगिक समानता और पोषण जैसे विषयों पर अभी राज्यों को और ज्यादा मेहनत की जरुरत है तो बिहार और झारखंड जैसे राज्यों को अन्य राज्यों की तरह तमाम पैमानों पर और काम करना होगा. उत्तर प्रदेश और असम जैसे राज्यों में स्वास्थ्य, शिक्षा, गरीबी, भूख जैसे तमाम मानकों पर पिछले साल अच्छा काम हुआ है, जिससे इन राज्यों की रैंकिंग और ज्यादा सुधरी है.

सतत विकास लक्ष्‍य सूचकांक: एक दृष्टि

  • सतत विकास लक्ष्‍य सूचकांक में संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित वर्ष 2030 के सतत विकास के लक्ष्‍य प्राप्‍त करने की दिशा में देश के राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों में हुई प्रगति का लेखा जोखा होता है.
  • इस सूचकांक में 100 मानकों के आधार पर राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों की प्रगति का आंकलन किया गया है.
  • ये सूचकांक बताते हैं कि देश और राज्‍य तथा केन्‍द्र शासित प्रदेश सतत विकास के लक्ष्‍यों को पाने के दिशा में क्‍या कर रहे हैं और इसे पाने के लिए कितना और समय लगेगा.