107वां भारतीय विज्ञान कांग्रेस बेंगलुरू में आयोजित किया गया, पहली बार किसान कांग्रेस का आयोजन

107वां भारतीय विज्ञान कांग्रेस 3 से 7 जनवरी तक बेंगलुरू के कृषि विज्ञान विश्‍वविद्यालय में आयोजित किया गया था. इस सम्‍मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने किया था. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में देश के तेज विकास के लिए वैज्ञानिकों से चार कदम- नवाचार, पेटेंट, उत्‍पादन और समृद्धि की बात कही थी.

इस वर्ष के भारतीय विज्ञान कांग्रेस का विषय– “ग्रामीण विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी” था. सम्‍मेलन में देश-विदेश से आए वैज्ञानिक और विशेषज्ञ नवाचार और शोध से जुड़े विभिन्‍न पहलुओं पर चर्चा हुई. नोबेल पुरस्‍कार विजेता जर्मनी के स्‍टेफन हेलतथा इज़राइल के अदा ई योनाथ सहित बड़ी संख्‍या में वैज्ञानिक, शिक्षाविद और विद्वान इस सम्‍मेलन में शामिल हुए.

28 पूर्ण सत्र और 14 प्रमुख विषयों पर व्‍याख्‍यान

107वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस सम्‍मेलन में कृषि, पोषाहार, जलवायु परिवर्तन, कृत्रिम बुद्धिमत्‍ता तथा कैंसर जैसे विषयों पर 28 पूर्ण सत्र आयोजित किये गये. आधुनिक विज्ञान क्षेत्र में 14 प्रमुख विषयों पर भारतीय विज्ञान कांग्रेस में व्‍याख्‍यान हुए.

इसके अलावा एक दिन विशेष व्‍याख्‍यान महिला, बाल और विज्ञान शिक्षार्थियों को लेकर किया गया. ‘प्राइड ऑफ इंडिया’ के नाम से प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया, जिसमें भारतीय विज्ञान क्षेत्र से जुड़े कई यंत्र और उपकरणों को दर्शाया गया था.

पहली बार कृषि विज्ञान कांग्रेस का आयोजन

भारतीय विज्ञान कांग्रेस के इतिहास में पहली बार एक कृषि विज्ञान कांग्रेस का आयोजन किया गया. इस बार पहली बार कृषि क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिक तकनीक पर हुई. इस कार्यक्रम में एकीकृत कृषि उद्यमिता, जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता, कृषि संकट, ग्रामीण जैव-उद्यमिता और नीतिगत मुद्दों में नवाचार पर ज़ोर दिया गया.

इस कार्यक्रम में तीन सत्र आयोजित किये गये. पहले सत्र का विषय “किसानों की आय दोगुनी करने के लिए एकीकृत कृषि और उद्यमशीलता पर किसान नवाचार” था. दूसरा सत्र “जलवायु परिवर्तन, जैव-विविधता, संरक्षण, पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएं और किसान सशक्तिकरण” विषय पर आधारित था. इसके तीसरे सत्र का विषय “कृषि संकट, ग्रामीण जैव-उद्यमिता, नीतिगत मुद्दे” था.

भारतीय विज्ञान कांग्रेस में महिला विज्ञान कांग्रेस आयोजन

इस विज्ञान कांग्रेस में महिला विज्ञान कांग्रेस का भी आयोजन किया गया था. इस अवसर पर मुख्य अतिथि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के एरोनॉटिकल सिस्‍टम की महानिदेशक डॉक्‍टर टेसी थॉमस थीं. DRDO की ओर से विज्ञान क्षेत्र में चल रहे अनुसंधान की जानकारी देते हुए डॉक्‍टर टेसी थॉमस ने बताया कि लेह और लद्दाख में उन्‍होंने फसल उगाने की तरकीब निकाली है. इस तरकीब से अब हिमालय के ऊंचे प्रदेश में भी स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक पेड़ उगाए जा सकते हैं.

भारतीय विज्ञान कांग्रेस (ISCA): एक दृष्टि

भारतीय विज्ञान कांग्रेस संस्था (Indian Science Congress Association- ISCA) भारतीय वैज्ञानिकों की शीर्ष संस्था है. ISCA की स्थापना 1914 में ब्रिाटिश रसायनज्ञ जेएल साइमनसेन और पीएस मैकमोहन के पहल से हुई थी. इसकी स्थापना का उद्देश्य भारत में विज्ञान को बढ़ावा देने के लिये किया गया था. प्रतिवर्ष जनवरी के प्रथम सप्ताह में इसका सम्मेलन होता है.