रायसीना डायलॉग के पांचवे संस्करण का आयोजन दिल्ली में किया गया

रायसीना डायलॉग के पांचवे संस्करण का आयोजन 14 से 16 जनवरी तक दिल्ली में किया गया. इसकी मेजबानी विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किया था. इस सम्‍मेलन का विषय ‘नेविगेटिंग द अल्‍फा सेंच्‍युरी’ था. इसका आयोजन विदेश मंत्रालय और ऑबजर्वर रिसर्च फाउंडेशन ने संयुक्‍त रूप से किया था. सम्‍मेलन सौ से अधिक देशों के करीब सात सौ अंतर्राष्‍ट्रीय प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सम्‍मेलन के उद्घाटन सत्र में भाग लिया था. न्‍यूजीलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री हेलन क्‍लार्क, अफगानिस्‍तान के पूर्व राष्‍ट्रपति हामिद करजई, कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री स्‍टीफन हार्पर, स्‍वीडन के पूर्व प्रधानमंत्री कार्ल बिल्‍ट, डेनमार्क के पूर्व प्रधानमंत्री आंद्र फोग रासमुसेन, भूटान के पूर्व प्रधानमंत्री त्‍शेरिंग टोबगे और दक्षिण कोरिया के पूर्व प्रधानमंत्री हान स्‍युंग-सू भी उद्घाटन सत्र में शामिल हुए थे.

इस सम्‍मेलन में रूस, ईरान, आस्‍ट्रेलिया, मालदीव, दक्षिण अफ्रीका, डेनमार्क, उज्‍बेकिस्‍तान और यूरोपीय संघ समेत कुल 12 देशों के विदेश मंत्रियों ने हिस्सा लिया था. ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन इस बैठक में आने वाले थे, लेकिन उन्होंने देश के जंगलों में आग की वजह से फैसला बदल लिया. अमरीका और ईरान के बीच चल रहे गतिरोध के बीच ईरान के विदेशमंत्री जावेद जरीफ का संवाद में हिस्‍सा लेना अत्‍यन्‍त महत्‍वपूर्ण था.

क्या है रायसीना डायलॉग?

रायसीना डायलॉग भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक मुद्दों पर भारत का वैश्विक सम्‍मेलन है. यह वैश्विक समुदाय के सामने सबसे चुनौतीपूर्ण मुद्दों को संबोधित करने के लिये प्रतिबद्ध है.
यह सम्‍मेलन संवाद के द्वारा बेहतर समन्‍वय स्‍थापित करने की भारत की पहचान को दर्शाता है.
भारत के विदेश मंत्रालय का मुख्यालय रायसीना पहाड़ी (साउथ ब्लॉक), नई दिल्ली में स्थित है, इसी के नाम पर इसे रायसीना डायलॉग के रूप में जाना जाता है. इसका आयोजन विदेश मंत्रालय और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है.

रायसीना डायलॉग 2020: मुख्य बिंदु

  • भारत-चीन संबंघों की चर्चा करते हुए विदेशमंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत और चीन को अच्‍छे पड़ोसियों की तरह महत्‍वपूर्ण मुद्दों को सुलझाना चाहिए.
  • अमरीका और ईरान के बीच के तनाव का उल्लेख करते हुए विदेशमंत्री ने कहा कि ये दोनों ही सम्प्रभुत्ता सम्पन्न देश हैं और इन्हें ही आपस में निपटना है.
  • उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद के विरूद्ध निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है. एस जयशंकर ने कहा कि भारत पेरिस जलवायु समझौते का पालन करता है और भारत के रूख से विश्व के देश सहमत है.
  • रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत और ब्राजील की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया.
  • प्रमुख रक्षा अध्‍यक्ष (CDS) जनरल बिपिन रावत ने आतंकवाद को प्रायोजित करने वालों के विरूद्ध कड़ी वैश्विक कार्रवाई करने की आवश्यकता पर जोर दिया है.
  • ईरान के विदेश मंत्री जवाद ज़रीफ ने कहा है कि खाड़ी क्षेत्र में तनाव दूर करने में भारत महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.