भारत का 71वां गणतंत्र दिवस, ब्राजील के राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि
देश में 26 जनवरी 2020 को 71वां गणतंत्र दिवस मनाया गया. इस अवसर पर मुख्य समारोह राष्ट्रीय राजधानी में राजपथ पर आयोजित किया गया. यहां हर साल की तरह देश की संस्कृति को दिखाने वाली झाकियों के साथ भारतीय सेना ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने तिरंगा फहराया और परेड की सलामी ली.
इस बार गणतंत्र दिवस समारोह का शुभारंभ राष्ट्रीय समर स्मारक पर हुआ. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहाँ देश की रक्षा में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया और राष्ट्रीय गान गाया गया तथा 21 तोपों की सलामी दी गई.
ब्राजील के राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि
71वें गणतंत्र दिवस 2020 परेड में मुख्य अतिथि ब्राजील के राष्ट्रपति जाइर मैसियास बोल्सनारो थे. राष्ट्रपति बोल्सनारो का यह पहला भारत दौरा था. इससे पहले 1996 और 2004 में ब्राजील के राष्ट्रपति बतौर मुख्य अतिथि गणतंत्र दिवस में हिस्सा ले चुके हैं.
गणतंत्र दिवस समारोह में विदेशी अतिथि खासकर राष्ट्र प्रमुखों को इस भव्य आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल करने की परम्परा रही है. 1950 के पहले गणतंत्र दिवस में इंडोनेशिया के प्रथम राष्ट्रपति सुकर्णो मुख्य अतिथि थे. 1961 में ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय और 2015 में अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. 2018 में दस आसियान देशों के राष्ट्र प्रमुख मुख्य अतिथि थे. 1995 में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए.
2019 में (71वें गणतंत्र दिवस) महात्मा गांधी के 150वीं जयंती वर्ष पर दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरील रामाफोसा ने मुख्य अतिथि के रूप में शोभा बढाई. फ्रांस और ब्रिटेन से गणमान्य व्यक्तिगण पांच-पांच बार मुख्य अतिथि हुए हैं.
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या राष्ट्रपति का संबोधन
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने राष्ट्र को संबोधित किया. अपने संबोधन में राष्ट्रपति कोविन्द ने कहा कि राष्ट्र निर्माण के प्रयासों में महात्मा गांधी के आदर्श आज भी प्रासंगिक हैं. राष्ट्रपति ने देश के विकास के लिए एक सशक्त आतंरिक सुरक्षा की आवश्यकता पर भी बल दिया.
श्री कोविन्द ने कहा कि प्रधानमंत्री जन अरोग्य योजना और आयुष्मान भारत अब विश्व में सबसे बड़ा स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम बन गया है और सरकार ने गरीबों के आरोग्य के लिए उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दी हैं.
जल संरक्षण और जल प्रबंधन की प्राथमिकताओं पर जोर देते हुए राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि स्वच्छ भारत अभियान और जल जीवन मिशन लोकप्रिय जन आंदोलन बन जाएंगे.
71वां गणतंत्र दिवस: मुख्य बिंदु
- पहली बार, CRPF की महिला बाइकर्स की एक टुकड़ी ने, साहसी स्टंट का प्रदर्शन किया.
- परेड में सोलह राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश के अलावा छह केन्द्रीय मंत्रालयों की झांकियां ने भाग लिया.
- जम्मू और कश्मीर ने पहली बार केंद्र शासित प्रदेश के रूप में परेड में भाग लिया.
- इस वर्ष की परेड का मुख्य आकर्षण, सुखोई और अत्याधुनिक हल्के हैलीकॉप्टरों के साथ हाल में शामिल किए गए चिनूक तथा अपाचे हैलीकॉप्टरों का फ्लाई पास्ट रहा.
पहली बार आजादी के बाद के सभी शहीद सैनिकों को याद करते हुए सलामी समारोह आयोजित किया गया
दिल्ली स्थित ‘राष्ट्रीय युद्ध स्मारक’ पर पहली बार आजादी के बाद के सभी शहीद सैनिकों को याद करते हुए पारंपरिक सलामी समारोह आयोजित किया गया.
वर्ष 1972 से यह कार्यक्रम इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में शहीद सैनिकों की याद में मनाया जाता रहा है. लेकिन इस वर्ष यह कार्यक्रम ‘राष्ट्रीय युद्ध स्मारक’ पर हुआ. इस स्मारक का निर्माण आजादी के बाद से शहीद हुए 26 हजार से ज्यादा शहीदों की याद में किया गया है. इस स्मारक को 25 फरवरी 2019 को राष्ट्र को समर्पित किया गया था.
गणतन्त्र दिवस क्या है?
गणतन्त्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है. यह दिवस 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान के आधिकारिक रूप से लागू होने की याद में मनाया जाता है. इसी दिन सन् 1950 को भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था.
किसी देश को गणतंत्र तब माना जाता है जब उस देश के प्रमुख का निर्वाचन जनता द्वारा किया जाए. एक स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए संविधान को 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान-सभा द्वारा अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को इसे एक लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था.
आधुनिक गणराज्यों की स्थापना इस विचार के साथ की गई है जहां सम्प्रभुता लोगों में विद्यमान हो. गणतंत्र शब्द का प्रयोग नवजागरण काल के लेखकों ने उन राज्यों के लिए किया जहां राजतंत्र नहीं थे. प्राचीन समय में सबसे उल्लेखनीय गणराज्यों में से एक रोमन गणराज्य था. 2017 तक दुनिया के 159 देश अपने अधिकारिक नामों के रूप में गणतंत्र शब्द का प्रयोग करते हैं.
गणतन्त्र दिवस समारोह का इतिहास
पहला गणतंत्र दिवस समारोह 1950 में दिल्ली के इरविन एम्पीथियेटर में मनाया गया था. जिसे वर्तमान में मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम के रूप में जाना जाता है. बाद के वर्षों में यह समारोह परेड़ किंग्जवे, लाल किला और रामलीला मैदान में आयोजित की गई.
1955 में राजपथ परेड़ के लिए स्थायी स्थल बन गया. उस समय राजपथ को किंग्जवे नाम से जाना जाता था. 1955 में जब राजपथ पर परेड़ हुई तब पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मोहम्मद को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था.
बीटिंग रीट्रिट के साथ गणतंत्र दिवस समारोह का समापन
हर साल 29 जनवरी को विजय चौक पर होने वाले समारोह ‘बीटिंग रीट्रिट’ के साथ गणतंत्र दिवस समारोह का समापन होता है. यह 1950 के दशक की शुरूआत में उस समय शुरू हुआ जब भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट्स ने बैंड द्वारा प्रदर्शन का अनूठा तरीका विकसित किया था.