उच्‍चतम न्‍यायालय ने संसद से लोकसभा और विधानसभा अध्यक्षों के अधिकारों की समीक्षा करने को कहा

उच्‍चतम न्‍यायालय ने संसद से सदस्यों को अयोग्य ठहराने के लोकसभा और विधानसभा अध्यक्षों के अधिकारों की समीक्षा करने को कहा है. न्यायालय ने 21 जनवरी को ऐतिहासिक व्‍यवस्‍था देते हुए कहा कि संसद को फिर से सोचना होगा कि क्‍या किसी सदस्‍य को अयोग्‍य ठहराने की याचिकाओं पर फैसले का अधिकार लोकसभा या विधानसभा अध्‍यक्ष को अर्द्धन्‍यायिक प्राधिकारी के रूप में दिया जाना चाहिए.

संसदीय ट्रिब्‍यूनल के लिए संविधान संशोधन पर विचार

न्‍यायालय ने कहा कि सदन का अध्‍यक्ष प्रत्‍यक्ष या परोक्ष रूप से किसी पार्टी विशेष से जुड़ा होता है. किसी सदस्‍य को अयोग्‍य ठहराने का अधिकार लोकसभा या विधानसभा अध्‍यक्ष की बजाए संसदीय ट्रिब्‍यूनल को देने के लिए संविधान संशोधन पर संसद को गम्‍भीरता से विचार करना चाहिए.
न्‍यायालय कांग्रेस नेता केशम मेघचन्‍द्र सिंह द्वारा मणिपुर उच्‍च न्‍यायालय के आदेश के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया.