‘बीटिंग द रिट्रीट’ के साथ गणतंत्र दिवस समारोह का समापन

71वें गणतंत्र दिवस समारोह का औपचारिक रूप से समापन नई दिल्‍ली के विजय चौक पर ‘बीटिंग द रिट्रीट’ के साथ हो गया. गणतंत्र दिवस समारोह 26 से 29 जनवरी तक नई दिल्ली में आयोजित किया गया था. इस अवसर पर मुख्‍य समारोह दिल्ली में राजपथ पर आयोजित किया गया था. यहां हर साल की तरह देश की संस्कृति को दिखाने वाली झाकियों के साथ भारतीय सेना ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया था. राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने परेड की सलामी ली थी.

बीटिंग द रिट्रीट एक सैन्य परंपरा है

बीटिंग द रिट्रीट सदियों पुरानी सैन्य परंपरा है जब सूर्यास्त होने पर सेना युद्ध बंद कर देती थी. जैसे ही बिगुल वादक समापन की धुन बजाते थे सैनिक युद्ध बंद कर देते थे और अपने शस्त्रास्त्र समेट कर युद्ध के मैदान से लौट जाते थे. इसी को ध्यान में रखते हुए समापन धुन बजाने के दौरान अविचल खड़े रहने की परंपरा आज तक कायम है. समापन पर ध्वज और पताकाएं खोलकर रख दी जाती हैं और झंडे उतार दिये जाते हैं.

बीटिंग द रिट्रीट का इतिहास

बीटिंग द रीट्रीट कार्यक्रम 1950 के शुरूआती दशक से चला आ रहा है. जब भारतीय सेना के मेजर रोबर्ट्स ने स्वदेशी तर्ज पर सामूहिक बैंड के प्रदर्शन का अनोखा समारोह प्रस्तुत किया था. समय के साथ ही यह राष्ट्रीय स्वाभिमान प्रदर्शित करने वाला कार्यक्रम बन गया है.