डेली कर्रेंट अफेयर्स
यूक्रेन के प्रधानमंत्री ओलेक्सी गोनचारुक ने अपने पद से इस्तीफा दिया
यूक्रेन के प्रधानमंत्री ओलेक्सी गोनचारुक ने 17 जनवरी को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपना इस्तीफा कथित तौर पर राष्ट्रपति वोलोदोमिर जेलेंस्की की आर्थिक मामलों की समझ की आलोचना के आरोप के बाद दिया है. हाल ही में ओलेक्सी की एक रिकॉर्डिंग सार्वजनिक हुई थी, जिसमें उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंसकी की आलोचना की थी.
युक्रेन: मुख्य तथ्य
- युक्रेन पूर्वी यूरोप में स्थित एक देश है. इसकी सीमा पूर्व में रूस, उत्तर में बेलारूस, पोलैंड, स्लोवाकिया, पश्चिम में हंगरी, दक्षिणपश्चिम में रोमानिया और माल्दोवा और दक्षिण में काला सागर और अजोव सागर से मिलती है. युक्रेन की राजधानी कीव है.
- 19वीं शताब्दी में युक्रेन का बड़ा हिस्सा रूसी साम्राज्य का और बाकी का हिस्सा आस्ट्रो-हंगेरियन नियंत्रण में आ गया था. 1922 में यह सोवियत संघ के संस्थापक सदस्यों में से एक था. 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद युक्रेन फिर से स्वतंत्र देश बना.
ब्रू शरणार्थियों की समस्या के समाधान के लिए समझौते, जानिए कौन है ब्रू शरणार्थी
केंद्र सरकार ने ब्रू-शरणार्थी संकट को समाप्त करने के लिए त्रिपुरा, मिजोरम और ब्रू समुदाय के सदस्यों के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. यह समझौता 16 जनवरी को नई दिल्ली में हुआ. गृहमंत्री अमित शाह, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देव, मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांग की उपस्तिथि में यह समझौता किया गया. इस समझौते के अनुसार 30 हजार से अधिक शरणार्थियों को त्रिपुरा में बसाया जायेगा.
समझौते के अनुसार 30 हजार से अधिक ब्रू-शरणार्थियों को त्रिपुरा में बसाया जाएगा. केंद्र सरकार ने इस समुदाय के लोगों के पुनर्वास के लिए छह सौ करोड़ रुपए का पैकेज मंजूर किया है. सरकार उनको आवासीय प्लॉट, चार लाख रुपये की फिक्स डिपॉजि़ट और पांच हजार रुपया प्रतिमाह नकद सहायता देगी.
कौन है ब्रू शरणार्थी और क्या है मामला?
- ब्रू शरणार्थी मिजोरम की ब्रू (रियांग) जनजाति है. मिजोरम में मिजो जनजातियों का कब्जा बनाए रखने के लिए मिजो उग्रवाद ने ब्रू जनजातियों को निशाना बनाया. 1995 में यंग मिजो एसोसिएशन और मिजो स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने ब्रू जनजाति को बाहरी घोषित कर दिया.
- अक्टूबर, 1997 में मिजोरम में ब्रू लोगों के खिलाफ जमकर हिंसा हुई. जिसके बाद काफी संख्या में ब्रू शरणार्थि अपना राज्य मिज़ोरम छोड़कर त्रिपुरा आ गए थे, जहां वो कई कैंप में रह रहे थे. इस प्रकार यह समस्या 22 वर्षों से जारी थी.
- साल 2018 में केंद्र की पहल पर हुए समझौते के तहत उनके लिए मिज़ोरम में वापसी की व्यवस्था हुई थी, लेकिन काफी कम लोगों ने उस अवसर का इस्तेमाल किया. अब ब्रू शरणार्थियों की मांग पर त्रिपुरा में ही उनके रहने की व्यवस्था हुई है.
ISRO के संचार उपग्रह जीसैट-30 का फ्रेंच गुयाना से सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के संचार उपग्रह जीसैट-30 का 17 जनवरी को सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया. यह प्रक्षेपण फ्रेंच गुयाना के कोउरू लांच बेस से ‘एरियन-5’ रॉकेट (अन्तरिक्ष-यान) के माध्यम से किया गया. फ्रेंच गुयाना दक्षिण अमेरिका के उत्तर पूर्वी तट पर फ्रांस के क्षेत्र में स्थित है.
जियोसिनक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में प्रक्षेपित किया गया
प्रक्षेपण में उपग्रह जीसैट-30 को जियोसिनक्रोनस (भूतुल्यकालिक) ट्रांसफर ऑर्बिट में प्रक्षेपित किया गया. आने वाले दिनों में धीरे-धीरे करके चरणबद्ध तरीके से उसे जियोस्टेशनरी (भूस्थिर) कक्षा में भेजा जाएगा. जियोस्टेशनरी कक्षा की ऊंचाई भूमध्य रेखा से करीब 36,000 किलोमीटर होती है. जीसैट-11 को जियोस्टेशनरी कक्षा में 74 डिग्री पूर्वी देशांतर पर रखा जाएगा.
उपग्रह जीसैट-30: एक दृष्टि
- जीसैट-30 टेलीविजन, दूरसंचार और प्रसारण के लिए गुणवत्तापूर्ण सेवाएं उपलब्ध कराएगा.
- 30 वर्ष की मिशन अवधि वाला यह उपग्रह डीटीएच, टेलीविजन अपलिंक और वीसैट सेवाओं के लिए क्रियाशील संचार उपग्रह है.
- तीन हजार 357 किलोग्राम के इस उपग्रह में 12-सी और 12-केयू बैंड के ट्रांसपोंडर लगे हैं.
- यह उपग्रह केयू बैंड में भारतीय मुख्य भूमि और द्वीपों को, सी बैंड में खाड़ी देशों, बड़ी संख्या में एशियाई देशों और आस्ट्रेलिया को कवरेज प्रदान करेंगा.
- यह अपेक्षाकृत अधिक कवरेज के साथ इनसैट-4A का स्थान लेगा, जिसकी अवधि समाप्त हो रही है.
- भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, खाड़ी देश, और बड़ी संख्या में अन्य एशियाई देश भी इसके दायरे में आयेंगे.
- जीसैट-30 का पेलोड विशेष रूप से इस तरह डिजाइन किया गया है कि ट्रांसपोंडरों की संख्या अधिक से अधिक बढ़ाई जा सके.
‘k-9 वज्र’ होवित्जर तोप राष्ट्र को समर्पित की गयी, दक्षिण कोरिया के सहयाग से लारसन निर्मित
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 16 जनवरी को गुजरात के हजीरा में ‘k-9 वज्र’ नाम की होवित्जर तोप राष्ट्र को समर्पित की. इस तोप का निर्माण ‘मेक इन इंडिया’ के तहत ‘लारसन एंड टूब्रो’ कम्पनी द्वारा किया गया है. यह तोप भविष्य के युद्ध की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है.
k-9 वज्र होवित्जर तोप: एक दृष्टि
- k-9 वज्र तोप का वजन 50 टन है और यह 47 किलोग्राम के गोले से 43 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है. यह शून्य त्रिज्या पर घूम सकती है.
- भारतीय सेना को के-9 वज्र-टी 155मिमी/52 कैलीबर तोपों की आपूर्ति के लिए 2017 में दक्षिण कोरिया के ‘हान्वा टेकविन’ ने भारतीय साझीदार ‘लारसन एंड टूब्रो’ के साथ समझौता से किया था.
सिंधी लेखक वासदेव मोही को 29वें सरस्वती सम्मान से सम्मानित किया जायेगा
वर्ष 2019 के सरस्वती सम्मान प्रख्यात सिंधी लेखक वासदेव मोही को दिए जाने की घोषणा की गयी है. उन्हें 29वां सरस्वती सम्मान दिया जायेगा.
वासदेव मोही को यह सम्मान उनके 2012 में प्रकाशित लघु कथा संग्रह ‘चेकबुक’ के लिए दिया गया है. इस लघुकथा संग्रह में समाज के हाशिए के तबकों और पीड़ाओं के बारे में बात की गई है. उन्होंने कविता, कहानी और अनुवाद की 25 किताबें लिखी हैं. उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है.
सरस्वती सम्मान: एक दृष्टि
- सरस्वती सम्मान केके बिड़ला फ़ाउंडेशन द्वारा साहित्य के लिए दिया जाने वाला पुरस्कार है. इसकी शुरूआत 1991 में हुई थी.
- यह सम्मान प्रतिवर्ष संविधान की आठवीं अनुसूची में दर्ज भाषाओं की में प्रकाशित उत्कृष्ट साहित्यिक कृति को दिया जाता है.
- यह सम्मान दस साल की अवधि में प्रकाशित किसी श्रेष्ठ कृति को दिया जाता है.
- इस सम्मान के तहत उन्हें को 15 लाख रुपए, प्रतीक चिन्ह और प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया जाता है.
- 27वां सरस्वती सम्मान (वर्ष 2017 के लिए) सितांशु यशचन्द्र को मिला था.
- पहला सरस्वती सम्मान डा. हरिवंश राय बच्चन को उनकी चार खंडों की आत्मकथा के लिए मिला था.
- अब तक यह सम्मान विजय तेंदुलकर,पद्मा सचदेव, गोविन्द मिश्र, सुरजीत पातर, शंख घोष, डा. इंदिरा पार्थसारथी, सुनील गंगोपाध्याय और मनोज दास जैसे लेखकों को मिल चुका है.
- वर्ष 2018 का सरस्वती सम्मान तेलुगू के प्रख्यात कवि डा. के शिवा रेड्डी को दिया गया था.
देश-दुनिया: एक दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र डेलीडोज
कश्मीर, भारत का आंतरिक मामला: भारत में रूस के राजदूत निकोलाइ कुदाशेव ने कहा है कि कश्मीर, भारत का आंतरिक मामला है जो भारतीय संवैधानिक व्यवस्थाओं से संबंधित विषय है. कश्मीर के मुद्दे को लेकर रूसी राजदूत ने कहा कि उनका देश इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र की कार्यसूची में शामिल किये जाने के पक्ष में कभी नहीं रहा.
भारत-ऑस्ट्रेलिया एकदिवसीय सीरीज: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट सीरीज का दूसरा मैच गुजरात के राजकोट में खेला गया. इस मैच में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 36 रन से हरा दिया. भारत ने 6 विकेट पर 340 रन बनाया जिसके बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम 49.1 ओवर में 304 रन पर ऑलआउट हो गई। इस सीरीज के पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 10 विकेट से हराया था.
केंद्रीय मंत्रियों का एक दल जम्मू-कश्मीर के दौरे पर: केंद्रीय मंत्रियों का एक दल 18 से 24 जनवरी तक जम्मू-कश्मीर के दौरे पर जाएगा. यह दल घाटी सहित जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में जाकर सरकार द्वारा चलाए जा रहे विकास कार्यों के बारे में लोगें को जानकारी देगा. 36 केंद्रीय मंत्री जम्मू-कश्मीर के दोनों संभागों के विभिन्न जिलों में 24 जनवरी तक रहेंगे.
IRCTC की दूसरी तेजस एक्सप्रेस अहमदाबाद और मुंबई के बीच: IRCTC की दूसरी ट्रेन तेजस एक्सप्रेस अहमदाबाद और मुंबई के बीच शुरू हुई. गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इसे हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. आम यात्रियों के लिए इस ट्रेन की सेवा अहमदाबाद से 19 जनवरी से शुरु होगी. ऐसी पहली ट्रेन लखनऊ-दिल्ली तेजस एक्सप्रेस पिछले साल से चल रही है.